Haryana Politics: दुष्यंत चौटाला ने भाजपा पर लगाया हॉर्स ट्रेडिंग का आरोप, राज्यपाल को लिखा पत्र, कहा- कराएं फ्लोर टेस्ट
नरेन्द्र सहारण, चंडीगढ़। Haryana Politics: हरियाणा सरकार और विधानसभा को लेकर घटनाक्रम तेजी से बदल रहे हैं। इस बीच हरियाणा के पूर्व डिप्टी सीएम और जेजेपी नेता दुष्यंत चौटाला ने राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय को पत्र लिखकर राज्य की मौजूदा राजनीतिक स्थिति पर तत्काल कार्यवाही की मांग की है। अपने पत्र में उन्होंने राज्यपाल से आग्रह किया कि हरियाणा सरकार को बहुमत साबित करने के लिए तुरंत फ्लोर टेस्ट बुलाया जाए। अगर सरकार ऐसा करने में विफल रहती है तो राष्ट्रपति शासन लगाया जाए।
वर्तमान सरकार को अपना समर्थन नहीं
उन्होंने कहा कि विकास और पार्टी के स्पष्ट रुख को देखते हुए जेजेपी वर्तमान सरकार को अपना समर्थन नहीं देती है और सरकार बनाने के लिए किसी भी अन्य राजनीतिक दल को समर्थन देने के लिए तैयार है, यह स्पष्ट है कि मौजूदा सरकार के पास अब कोई कमान नहीं है।
#WATCH हिसार: हरियाणा के पूर्व उपमुख्यमंत्री और JJP नेता दुष्यंत चौटाला ने कहा, "2 महीने पहले जो सरकार बनी थी आज वे अल्पमत में चली गई है क्योंकि उनका समर्थन करने वाले 2 विधायक ने इस्तीफा दे दिया है। 3 विधायकों ने अपना समर्थन वापस ले लिया है। JJP ने खुलकर कहा है कि अगर इस सरकार के… pic.twitter.com/WlK3dC204G
— ANI_HindiNews (@AHindinews) May 9, 2024
भाजपा पर नए तरीके से हॉर्स ट्रेडिंग के आरोप
वहीं, दुष्यंत ने भाजपा पर नए तरीके से हॉर्स ट्रेडिंग के भी आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि राज्यपाल को पत्र लिखकर साफ कहा है कि अगर इस सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया जाता है तो हम प्रस्ताव का समर्थन करेंगे। कहा कि अब कांग्रेस को यह कदम (फ्लोर टेस्ट की मांग) उठाना होगा। राज्यपाल के पास फ्लोर टेस्ट देखने के आदेश देने की शक्ति है कि सरकार के पास ताकत है या नहीं। यदि उसके पास बहुमत नहीं है तो राज्य में तुरंत राष्ट्रपति शासन लागू करें।
दुष्यंत चौटाला द्वारा राज्यपाल को चिट्ठी लिखने के तुरंत बाद कांग्रेस ने अपने वादे को दोहराते हुए राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय से मिलने का समय मांग लिया है। कांग्रेस विधायक दल के उप नेता चौधरी आफताब अहमद ने कहा कि राज्यपाल का समय मिलने पर कांग्रेस के सभी विधायक उनसे मिले जाएंगे और भाजपा सरकार के फ्लोर टेस्ट की मांग करेंगे। अगर राज्यपाल ऐसा नहीं करते हैं तो उन्हें तुरंत प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगा देना चाहिए और विधानसभा चुनाव कराने चाहिए।
जजपा और कांग्रेस के इस कदम के बाद मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने दावा किया कि उनकी सरकार को किसी तरह का खतरा नहीं है। भाजपा के पास पूरा विश्वासमत है। भाजपा सरकार को अल्पमत में देखने वालों को यह जांच लेना चाहिए कि उनके पास विधायक भी हैं या नहीं। नायब सैनी ने दावा किया कि जरूरत पड़ने पर हम लोग दोबारा से विश्वासमत हासिल करेंगे। नायब सैनी और मनोहर लाल दोनों लोकसभा चुनाव की तैयारियों में व्यस्त हैं और लगातार जनसभाएं कर रहे हैं।
अभी तक भाजपा सरकार को समर्थन दे रहे तीन निर्दलीय विधायकों रणधीर गोलन, धर्मपाल गोंदर और सोमवीर सांगवान के पाला बदलने तथा कांग्रेस को समर्थन देने की घोषणा से सरकार पर संकट की स्थिति पैदा हुई है। इन तीनों विधायकों ने राज्यपाल को भाजपा सरकार से समर्थन वापसी का पत्र भेजने का दावा किया है। लेकिन विधानसभा स्पीकर डा. ज्ञानचंद गुप्ता ने कहा कि उन्हें न तो किसी विधायक का कोई पत्र मिला और न ही राजभवन की ओर से किसी तरह से दिशा निर्देश प्राप्त हुए हैं। अब राज्यपाल के विवेक पर निर्भर करेगा कि वे क्या फैसला लेते हैं।
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