Haryana Politics: करनाल में CET को लेकर रणदीप सुरजेवाला ने भाजपा पर बोला हमला, कहा- भाजपा पेपर बेच सरकार है, 20 लाख युवाओं को किया बर्बाद
नरेन्द्र सहारण, करनाल। Haryana Politics: लोकसभा चुनाव के बाद हरियाणा के करनाल पहुंचे कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव रणदीप सूरजेवाला को युवाओं को लेकर भाजपा को सवालों के कटघरे में खड़ा किया। इस दौरान रणदीप सूरजेवाला ने भाजपा पर 20 लाख युवाओं की जिंदगी बर्बाद करने का आरोप लगाया। सूरजेवाला ने कहा कि CET के नाम पर युवाओं के साथ छल किया गया और छल करना भाजपा का डीएनए है और यही HSSC का घिनौना चेहरा। इस दौरान उन्होंने सीएम नायब सिंह सैनी से इस मुद्दे पर इस्तीफा देने की भी मांग की।
रणदीप सूरजेवाला ने HSSC को हेराफेरी साठगांठ सर्विस कमीशन बताया। रणदीप सूरजेवाला ने कहा कि हरियाणा में एचएसएससी भाजपा की मनमर्जी वाली दुकान बन चुकी है। इनके तुगलकी फरमानों ने हरियाणा के 20 लाख युवाओं की जिंदगी को बर्बाद करने का काम किया है।
बिना पर्ची और खर्ची पर तंज
मनोहर लाल ने दावा किया कि हरियाणा सरकार ने बिना पर्ची और खर्ची नौकरी दी है, इस पर रणदीप सूरजेवाला ने कहा कि प्रदेश में 47 बार पेपर लीक हो चुके हैं। चपरासी से लेकर जज के एग्जाम तक के पेपर बिके। अब तो नौवीं-दसवीं के पेपर बिके, यहां तक की बीए तक के पेपर बिके हैं। यह पेपर बेच सरकार है, खर्ची या पर्ची वाली नहीं।
CET ने नाम पर युवाओं के भविष्य की भ्रूण हत्या
बीते साढ़े तीन सालों से CET के नाम पर युवाओं के भविष्य से खेलने का खेल चल रहा है। 2021 में हरियाणा सरकार ने सीईटी की पॉलिसी बनाई। जब से पटवारियों की भर्तियां रद्द करके सीईटी के माध्यम से भर्ती किए जाने का फरमान जारी हुआ, यानी 2019 से 2024 तक कोई भी भर्ती नहीं हो पाई है। हालांकि भाजपा ने कहा था कि प्रत्येक साल में दो बार सीईटी परीक्षा होगी, लेकिन आज तक सिर्फ एक ही सीईटी परीक्षा हो पाई है, लेकिन पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने रिजल्ट खारिज कर दिया और दोबारा रिजल्ट देने का आदेश जारी कर दिया था। आज तक लाखों बच्चे सीईटी के इंतजार में बैठे है और 20 लाख युवा दर-दर की ठोकरे खा रहे है। ऐसे में हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी अपने पद से इस्तीफा दें और HSSC को बर्खास्त किया जाए, ताकि हरियाणा के युवाओं का भविष्य बच सके।
भर्ती भी निकाली और नहीं होने दी
रणदीप सूरजेवाला ने कहा कि हरियाणा के युवा आज भटक रहे हैं, उन्हें कोई रोजगार नहीं मिल रहा है। जो भर्तियां निकाली गईं, वे हुई नहीं। इसके पीछे हरियाणा भाजपा-जजपा की एक दुर्भावना रही कि भर्ती ही नहीं होने देना है। वह एक खड़ी बोली में एक कहावत है कि गधी गेड़ में डाले रखो। भर्ती भी निकाल दी और भर्ती भी नहीं होने दी। युवाओं को भर्तियों में उलझाए रखा और युवाओं की वोट लिया। ऐसे में एक सवाल यह भी है कि जो बच्चे ज्यादा उम्र के हो गए उनका क्या कसूर था।
सरकार ने की 100 करोड़ की पब्लिसिटी
हरियाणा के युवाओं को प्राइवेट सेक्टर में नौकरियों के नाम पर भाजपा-जजपा ने 100 करोड़ की पब्लिसिटी कर दी। बड़ी बड़ी ढींगें हांकी गई, लेकिन एक बच्चा भी भर्ती नहीं हुआ। सबको पता था कि यह स्टे हो जाएगा, यह संविधान के अनुकूल नहीं है।
पूर्व सीएम के बयान पर किया पलटवार
हरियाणा सरकार ने कहा कि हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देंगे और किसी की नौकरी पर आंच नहीं आने देंगे। इस सवाल पर सूरजेवाला ने कहा कि या तो अब खट्टर साहब सुप्रीम कोर्ट के जज लग गए हो, हम भी चाहेंगे कि किसी की नौकरी पर आंच न आए। लेकिन यह हाईकोर्ट का फैसला है और वह भी डिविजन बेंच का, जिसमें पांच नंबर खारिज कर दिए। सुरजेवाला ने कहा कि जो कुछ हुआ, वह गलत है, तो क्या मनोहर लाल और नायब सिंह सैनी सुप्रीम कोर्ट के जज है, वो ऐसा कह रहे हैं।
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