हिंडनबर्ग रिसर्च ने अदाणी मामले में अब सेबी प्रमुख पर उठाए सवाल, माधबी पुरी बुच और उनके पति ने दी प्रतिक्रिया

नई दिल्ली, प्रेट्र: 18 महीने पहले अदाणी समूह पर आरोप लगाकर शेयर बाजारों में उथल-पुथल मचाने वाला हिंडनबर्ग रिसर्च एक बार फिर सुर्खियों में आ गया है। पिछले सारे आरोपों को जांच के आधार पर सुप्रीम कोर्ट खारिज कर चुका है।

अब अमेरिका की शार्ट-सेलर फर्म ने सेबी की चेयरपर्सन माधबी बुच को लेकर सवाल उठाए हैं। हिंडनबर्ग ने शनिवार को एक ब्लाग पोस्ट में आरोप लगाया कि अदाणी समूह की कंपनियों में हेरफेर के लिए इस्तेमाल किए गए अस्पष्ट आफशोर (विदेश में स्थित) फंड में माधबी पुरी बुच और उनके पति धवल बुच की हिस्सेदारी थी।

आफशोर फंड में माधबी पुरी बुच और उनके पति के पास हिस्सेदारी

शार्ट-सेलर फर्म ने आरोप लगाया कि सेबी ने अदाणी के मारीशस और आफशोर शेल संस्थाओं के कार्रवाई में रुचि नहीं दिखाई है। व्हिसल ब्लोअर दस्तावेजों का हवाला देते हुए हिंडनबर्ग रिसर्च ने कहा है कि अदाणी समूह की कंपनियों में धन के हेरफेर के लिए इस्तेमाल किए गए दोनों अस्पष्ट आफशोर फंड में सेबी की वर्तमान चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच और उनके पति के पास हिस्सेदारी थी।

हिंडनबर्ग रिसर्च ने पिछले वर्ष जारी रिपोर्ट में आरोप लगाया था कि अदाणी समूह के चेयरमैन गौतम अदाणी के बड़े भाई विनोद अदाणी अस्पष्ट आफशोर बरमूडा और मारीशस फंड को नियंत्रित करते हैं और इनका इस्तेमाल पैसों की हेराफेरी और शेयरों की कीमत बढ़ाने के लिए किया गया था।

सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए हिंडनबर्ग रिसर्च ने कहा कि सेबी ने अपनी जांच में अदाणी के आफशोर शेयरधारकों के वित्तपोषण की कोई जानकारी नहीं दी है। अगर सेबी वास्तव में आफशोर फंडधारकों को ढूंढना चाहता था, तो शायद अपने चेयरपर्सन से जांच शुरू कर सकता था।

हमें इसमें कोई आश्चर्य नहीं है कि सेबी ऐसी जांच करने में अनिच्छुक था, जो उसे अपने चेयरपर्सन तक ले जा सकता था। हिंडनबर्ग रिसर्च ने कहा कि आइआइएफएल की ओर से हस्ताक्षरित फंड घोषणा के अनुसार निवेश का स्रोत वेतन है और दंपति की कुल संपत्ति एक करोड़ डालर आंकी गई है। इस संबंध में सेबी ने तत्काल कोई टिप्पणी नहीं दी है।

बता दें कि जनवरी 2023 में जारी रिपोर्ट में हिंडनबर्ग रिसर्च ने अदाणी समूह पर विदेशी कंपनियों का इस्तेमाल करके अपना राजस्व बढ़ाने और शेयरों की कीमतों में हेरफेर करने और कारपोरेट इतिहास का सबसे बड़ा घोटाला करने का आरोप लगाया था। हालांकि, समूह ने सभी आरोपों का जोरदार खंडन किया था।

सेबी की अध्यक्ष की प्रतिक्रिया

सेबी की अध्यक्ष माधबी पुरी बुच और उनके पति धवल बुच द्वारा एक प्रेस बयान में कहा गया है। इसमें कहा गया कि 10 अगस्त, 2024 की हिंडनबर्ग रिपोर्ट में हमारे खिलाफ लगाए गए आरोपों के संदर्भ में हम यह बताना चाहेंगे कि हम रिपोर्ट में लगाए गए निराधार आरोपों और आक्षेपों का दृढ़ता से खंडन करते हैं। इनमें कोई सच्चाई नहीं है। हमारा जीवन और वित्त एक खुली किताब है।

सभी आवश्यक खुलासे पहले ही पिछले कुछ वर्षों में सेबी को प्रस्तुत किए जा चुके हैं। हमें किसी भी और सभी वित्तीय दस्तावेजों का खुलासा करने में कोई हिचकिचाहट नहीं है, जिसमें वे भी शामिल हैं जो उस अवधि से संबंधित हैं जब हम पूरी तरह से निजी नागरिक थे किसी भी और हर अधिकारी को जो उन्हें मांग सकता है।

इसके अलावा पूर्ण पारदर्शिता के हित में हम नियत समय में एक विस्तृत बयान जारी करेंगे। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि हिंडनबर्ग रिसर्च जिसके खिलाफ सेबी ने प्रवर्तन कार्रवाई की है और कारण बताओ नोटिस जारी किया है, ने उसी के जवाब में चरित्र हनन के प्रयास करने का विकल्प चुना है।

कांग्रेस ने सेबी प्रमुख पर कसा तंज

 

हिंडनबर्ग के नए आरोपों के बाद कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने सेबी प्रमुख माधबी बुच पर तंज कसा है। अमेरिकी शार्ट-सेलर का पोस्ट टैग करते हुए जयराम ने एक्स पर लिखा-चौकीदार की चौकीदारी कौन करेगा? एक अन्य पोस्ट में जयराम ने कहा, संसद को 12 अगस्त की शाम तक बैठने के लिए अधिसूचित किया गया था। अचानक नौ अगस्त को दोपहर बाद इसे अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दिया गया। अब हमें पता है कि क्यों।

 

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