कैथल के चीका में अवैध चिकित्सा व दवा कारोबार का पर्दाफाश, ड्रग कंट्रोल और नारकोटिक सेल की संयुक्त कार्रवाई

मामले में कार्रवाई करती टीम।
नरेन्द्र सहारण, कैथल: Kaithal News: ड्रग नियंत्रण विभाग एवं स्टेट नारकोटिक सेल की टीम ने मिलकर हरियाणा के कैथल जिले के चीका कस्बे में बड़े पैमाने पर अवैध चिकित्सा कारोबार का भंडाफोड़ किया है। यह कार्रवाई ऐसे समय हुई है जब क्षेत्र में स्वास्थ्य सुरक्षा और नागरिकों की सुरक्षा को लेकर चिंता का माहौल बन रहा था। दो झोलाछाप डॉक्टरों की दुकानों पर छापेमारी कर उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है, उनके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जा रही है। यह कदम न केवल इन अवैध कारोबारियों के विरुद्ध एक सख्त संदेश है, बल्कि नागरिकों को जागरूक करने का भी प्रयास है कि स्वास्थ्य से जुड़े मामलों में किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
सूचना का स्रोत और प्रारंभिक जानकारी
संबंधित जानकारी का स्रोत नागरिक अस्पताल गुहला के इंचार्ज डॉ. अमन बंसल थे। उन्होंने सूचित किया कि शहर में दो व्यक्ति भीम और संजीव हैं, बिना किसी मान्यता प्राप्त डिग्री के स्वयं को डॉक्टर बताकर लोगों का इलाज कर रहे हैं। इन दोनों का अस्पताल या क्लीनिक लाइसेंस नहीं है और इनका कोई वैध प्रमाणपत्र भी मौजूद नहीं है। इनकी गतिविधियों से स्थानीय जनता और स्वास्थ्य विभाग दोनों चिंतित थे, क्योंकि बिना अनुमति और बिना योग्यताधारी डॉक्टरों द्वारा इलाज किया जाना स्वास्थ्य खतरनाक हो सकता है।
टीम का मौके पर पहुंचना और कार्रवाई
सूचना मिलते ही ड्रग कंट्रोल विभाग और नारकोटिक सेल की संयुक्त टीम तत्काल मौके पर पहुंची। टीम ने दोनों दुकानों का निरीक्षण किया और पाया कि इन दुकानों में दवाइयां, टीके, सीरिंज, बीपी मशीन, और अन्य चिकित्सा उपकरण मौजूद हैं। इन उपकरणों का प्रयोग कर दोनों आरोपी नागरिकों द्वारा लोगों का इलाज किया जा रहा था। टीम ने जब आरोपियों से आवश्यक दस्तावेज मांगे, तो वे कोई भी वैध लाइसेंस या अनुमति पत्र प्रस्तुत करने में असमर्थ रहे। इस आधार पर दोनों दुकानों को सील कर दिया गया।
जांच और गिरफ्तारी
पुलिस ने दोनों आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है। पुलिस का कहना है कि आगे की जांच जारी है और मामले की पुष्टि के बाद आवश्यक कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इन दोनों आरोपियों के खिलाफ स्वास्थ्य एवं चिकित्सा अधिनियम, औषधि एवं सौंदर्य प्रसाधन अधिनियम, और भारतीय दंड संहिता की संबंधित धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया है। साथ ही, इनकी दुकानों से बरामद दवाओं और उपकरणों को सील कर सुरक्षित स्थान पर रखवा दिया गया है।
अवैध चिकित्सा कारोबार का बड़ा खतरा
झोलाछाप डॉक्टरों का यह अवैध कारोबार न सिर्फ कानून का उल्लंघन है बल्कि यह जनस्वास्थ्य के लिए भी अत्यंत जोखिम भरा है। बिना योग्यता के इन व्यक्तियों द्वारा किया गया इलाज गंभीर स्वास्थ्य जटिलताओं का कारण बन सकता है। गलत दवाओं का प्रयोग, अनावश्यक इंजेक्शन, और बिना सही निदान के उपचार से जटिलताएँ हो सकती हैं, जो कभी-कभी जानलेवा भी साबित हो सकती हैं। इससे न केवल मरीजों का स्वास्थ्य खतरे में पड़ता है, बल्कि इन अवैध गतिविधियों से महामारी, संक्रमण और अन्य स्वास्थ्य जोखिम भी बढ़ सकते हैं।
कानूनी प्रावधान और सख्त कार्रवाई
अवैध चिकित्सा व दवा कारोबार के खिलाफ भारत में कड़े कानून मौजूद हैं। भारतीय चिकित्सा परिषद अधिनियम, औषधि एवं सौंदर्य प्रसाधन अधिनियम, और भारतीय दंड संहिता के प्रावधान इन अवैध गतिविधियों को रोकने के लिए हैं। इन कानूनों के तहत बिना लाइसेंस के चिकित्सा का अभ्यास करने वाले व्यक्तियों पर कठोर कार्रवाई की जा सकती है। ऐसे मामलों में जुर्माना, जेल की सजा, और दुकानों को सील करने जैसी सख्त सजा का प्रावधान है। इसीलिए, कानून के अनुसार इन दोनों आरोपी व्यक्तियों पर भी कड़ी कार्रवाई की जा रही है।
स्वास्थ्य विभाग और पुलिस की संयुक्त कार्रवाई
यह कार्रवाई स्वास्थ्य विभाग और पुलिस की समन्वित टीम की मेहनत का परिणाम है। दोनों विभागों ने मिलकर न केवल अवैध गतिविधियों को रोका है, बल्कि इस तरह के अपराधों के खिलाफ जागरूकता भी फैलाने का काम किया है। इससे यह संदेश गया है कि प्रशासन किसी भी तरह की गैरकानूनी चिकित्सा गतिविधि को बर्दाश्त नहीं करेगा।
जनता में जागरूकता का महत्व
इस तरह की कार्रवाई से ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में जागरूकता फैलाने की आवश्यकता है। नागरिकों को चाहिए कि वे केवल मान्यता प्राप्त चिकित्सकों और लाइसेंस प्राप्त अस्पतालों से ही इलाज कराएं। बिना प्रमाणपत्र वाले या झोलाछाप डॉक्टरों से इलाज कराने से स्वास्थ्य जोखिम बढ़ सकते हैं। साथ ही, यदि किसी भी व्यक्ति को इस तरह की अवैध गतिविधियों की जानकारी मिले, तो तुरंत संबंधित विभागों को सूचित करें।
भविष्य की दिशा और सरकार का रवैया
सरकार और संबंधित विभागों का प्रयास है कि अवैध चिकित्सा व्यवसाय पर कड़ी नजर रखी जाए। इसके लिए नियमित निरीक्षण, जागरूकता अभियान, और कड़े कानून लागू किए जा रहे हैं। स्थानीय स्तर पर भी जनता को जागरूक करने के लिए अभियान चलाए जा रहे हैं ताकि वे अवैध गतिविधियों से बच सकें।
कानूनी सजा और पुनर्वास
अवैध कारोबारियों के खिलाफ कठोर सजा की व्यवस्था की गई है। साथ ही, यह भी प्रयास किया जा रहा है कि इन आरोपियों को सुधारने और पुनर्वास करने का अवसर भी मिले। लेकिन यदि वे फिर से ऐसी गतिविधियों में लिप्त पाए गए, तो उन्हें कठोर दंड दिया जाएगा। इससे स्पष्ट संदेश जाएगा कि अवैध चिकित्सा और दवा व्यवसाय कोई भी रियायत नहीं दी जाएगी।
बड़ा कदम
कैथल जिले के चीका में ड्रग कंट्रोल विभाग और नारकोटिक सेल की संयुक्त कार्रवाई एक बड़ा कदम है स्वास्थ्य सुरक्षा के प्रति। इन अवैध झोलाछाप डॉक्टरों की दुकानों का सील करना और उनके खिलाफ केस दर्ज करना इस बात का संकेत है कि सरकार स्वास्थ्य सुरक्षा को लेकर पूरी तरह सजग है और किसी भी तरह की गैरकानूनी गतिविधि को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। जनता को भी चाहिए कि वे स्वास्थ्य सेवाओं का चयन सावधानी से करें और अवैध गतिविधियों की सूचना तुरंत संबंधित विभागों को दें। ऐसी कार्रवाई से ही हम स्वस्थ और सुरक्षित समाज का निर्माण कर सकते हैं।