ITR दाखिल करने बाद रिफंड के इंतजार में आयकरदाता, जानें क्यों रिफंड में आने में हो सकती है देरी
नई दिल्ली, बीएनएम न्यूज: ITR Refund: इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करने के बाद बड़ी संख्या में लोगों को रिफंड नहीं मिल सका है। करदाता असमंजस की स्थिति में हैं कि उन्हें रिफंड कब मिलेगा। आयकर विभाग के अधिकारियों का कहना है कि उनकी तरफ से कोई प्रक्रियागत बाधा नहीं है। कुछ मामलों में जांच या कर गणना में गड़बड़ी होने से देरी संभव है। बैंक खाते का गलत विवरण होने पर या अकाउंट वेरिफिकेशन में गड़बड़ी पर भी रिफंड में दिक्कत हो सकती है।
ग्रीवांस के विकल्प
सामान्य तौर पर आयकर रिफंड में एक से डेढ़ महीने का समय लगता है। अगर किसी के आइटीआर में गलतियां हैं तो विभाग उसे ईमेल या मैसेज के द्वारा सूचित करता है। आयकर अधिकारियों का कहना है कि रिफंड की कोई निश्चित समय सीमा नहीं है। इसके तहत गलतियों के साथ कई आयकरदाता ज्यादा रिफंड की मांग कर देते हैं तो उसकी जांच की प्रक्रिया लंबी हो जाती है। इसलिए रिफंड में देरी की यह भी एक वजह हो सकती है।
एक आयकर अधिकारी ने बताया कि अगर किसी रिटर्न भरने वाले को लगता है कि उसने सभी जानकारी ठीक से भरी है, लेकिन इसके बावजूद उसका रिफंड नहीं आया तो आइटीआर के स्टेटस में जाकर ग्रीवांस के विकल्प पर इससे जुड़े सवाल पूछ सकता है। यहां पर आयकरदाता को संतोषजनक उत्तर मिल जाएगा। कई बार आयकरदाता आइटीआर दाखिल करने के बाद ई वेरिफिकेशन नहीं करते हैं तो भी रिफंड अटक जाता है।
नई कर व्यवस्था का विकल्प चुना
बता दें कि 31 जुलाई तक दाखिल किए गए आइटीआर की कुल संख्या 7.28 करोड़ से अधिक दर्ज की गई, जो 31 जुलाई, 2023 तक दाखिल किए गए 6.77 करोड़ आइटीआर से 7.5% अधिक है। इस वर्ष बड़ी संख्या में करदाताओं ने नई कर व्यवस्था का विकल्प चुना है।
टोल फ्री नंबर नहीं कर रहे काम
आयकर रिफंड की सारी प्रक्रिया सीपीसी बेंगलुरु से होती है। आइटीआर से संबंधित किसी जानकारी के लिए चार हेल्पलाइन नंबर दिए गए हैं। इसमें दो टोल फ्री हैं। इसमें से तीन हेल्पलाइन 18001030025, 8046122000, 8061464700 नंबर काम नहीं कर रहे हैं। वहीं, एक नंबर 18004190025 चल रहा है, लेकिन कोई जवाब नहीं मिलने के कारण आयकरदाता परेशान हैं।
यहां करें जानकारी
एक्स पर @incomeTaxIndia शिकायत दर्ज करा सकते हैं। ईमेल orm@cpc.incometax.gov.in पर अपना पैन और अधिकृत मोबाइल नंबर के साथ अपना विवरण भेजकर जानकारी ली जा सकती है।
इन गलतियों से भी रिफंड में आने में हो सकती है देरी
-बैंक खाता संख्या, आइएफएससी व माइक्रो कोड या खाताधारक का नाम गलत होने पर रिफंड में देरी हो सकती है।
-अगर बैंक खाते को ई-फाइलिंग पोर्टल पर पहले से वेरीफाई नहीं कराया गया है, तो भी रिफंड में देरी हो सकती है।
-केवाईसी पूरा नहीं हुआ है तो भी रिफंड मिलने में समस्या हो सकती है। खाते का टाइप गलत भरने पर दिक्कत हो सकती है।
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