Ind Vs NZ: भारत की भावी ‘रन मशीन’ हैं सरफराज खान, सूर्यकुमार यादव उनकी तारीफ में कही बड़ी बात

सरफराज खान
नई दिल्ली, बीएनएम न्यूज : Ind Vs NZ: टेस्ट क्रिकेट में हर बल्लेबाज के लिए पहला शतक एक विशेष उपलब्धि होती है। बेंगलुरु में न्यूजीलैंड के खिलाफ खेले जा रहे पहले टेस्ट मैच में भारतीय बल्लेबाज सरफराज खान ने शनिवार को अपने करियर का पहला शतक जड़कर एक बड़ी उपलब्धि हासिल की। भारतीय टीम के युवा स्टार शुभमन गिल के चोटिल होने के बाद सरफराज को मौका मिला था, जिसे उन्होंने दूसरी पारी में पूरी तरह से भुनाया। सरफराज ने शानदार 150 रनों की पारी खेली, जिसमें उन्होंने 195 गेंदों में 18 चौके और तीन छक्के लगाए। उनकी इस पारी ने न्यूजीलैंड के गेंदबाजी आक्रमण को पूरी तरह से धराशायी कर दिया और भारत को मुश्किल परिस्थितियों से उबारा।
अवसर का पूरा फायदा उठाया
सरफराज के लिए यह अवसर बेहद खास था। पहली पारी में वह इस मौके को भुनाने में असफल रहे थे, लेकिन दूसरी पारी में उन्होंने अपना जौहर दिखाया। उनकी 150 रन की पारी में टीम इंडिया के लिए संकटमोचक की भूमिका निभाई। सरफराज ने पहले टेस्ट मैच में 46 रनों पर आउट हो चुकी भारतीय टीम को संभालने का जिम्मा लिया। उनकी यह पारी न सिर्फ उनके करियर के लिए, बल्कि भारतीय टीम के लिए भी बेहद महत्वपूर्ण साबित हुई।
अब तक खेले गए चार टेस्ट मैचों में सरफराज ने तीन अर्धशतक और एक शतक जड़ा है। रन बनाने की उनकी भूख को देखते हुए यह कहा जा सकता है कि वह भारतीय टीम के लिए भविष्य के रन मशीन साबित हो सकते हैं।
कठिन परिस्थितियों में शतक
सरफराज का यह शतक केवल उनके करियर के लिए ही नहीं, बल्कि भारतीय टीम के लिए भी खास था। पहली पारी में टीम इंडिया ने 46 रनों पर ही अपने सारे विकेट गंवा दिए थे, जो कि देश में टीम का न्यूनतम स्कोर था। दूसरी पारी में जब सरफराज ने बल्लेबाजी की, तो भारत 356 रनों की विशाल बढ़त से पीछे चल रहा था। इस चुनौतीपूर्ण स्थिति में उन्होंने विकेटकीपर-बल्लेबाज ऋषभ पंत के साथ मिलकर 177 रनों की अहम साझेदारी की और भारतीय टीम को संभाला।
सरफराज ने बेहतरीन बल्लेबाजी का प्रदर्शन करते हुए अपने पहले शतक को 150 रनों में बदल दिया। उनकी पारी ने न्यूजीलैंड के मजबूत गेंदबाजी आक्रमण के खिलाफ भारत को वापसी करने का मौका दिया।
‘रिवर्स वी’ में कमाए सर्वाधिक रन
टेस्ट क्रिकेट में अमूमन कोच बल्लेबाजों को ‘वी’ (मिड ऑफ से मिड ऑन के बीच) की दिशा में रन बनाने की सलाह देते हैं, क्योंकि अधिकतर गेंदबाज इसी क्षेत्र में आक्रमण करते हैं। लेकिन सरफराज ने अपनी पारी में इस पारंपरिक शैली से उलट ‘रिवर्स वी’ (शॉर्ट थर्ड मैन से शॉर्ट फाइन लेग) की दिशा में ज्यादा रन बनाए। उन्होंने तेज गेंदबाजों के खिलाफ कट शॉट और स्पिनरों के खिलाफ स्वीप का सहारा लेकर न्यूजीलैंड के गेंदबाजों पर दबाव बनाया।
सरफराज की पारी में कुल 39% रन इसी रिवर्स वी क्षेत्र में आए। न्यूजीलैंड के तेज गेंदबाज राउरकी, जिनकी ऊंचाई और गति के कारण भारतीय बल्लेबाजों को परेशानी हो रही थी, सरफराज ने उनके खिलाफ अपर कट और कट शॉट खेलकर 35 गेंदों में 39 रन बनाए। उन्होंने मैट हेनरी के खिलाफ दो और टिम साउदी के खिलाफ चार चौके जड़े। उनकी 150 रन की पारी में 18 चौके थे, जिनमें से 12 चौके विकेट के पीछे के क्षेत्र में आए।
This celebration is hallmark of years of grit, determination, toil and patience. 🥹
– Sarfaraz Khan, you’re a champion! ⭐pic.twitter.com/LMewWXypMW
— Mufaddal Vohra (@mufaddal_vohra) October 19, 2024
इंग्लैंड के खिलाफ पदार्पण
सरफराज खान ने अपना टेस्ट पदार्पण इसी वर्ष फरवरी में इंग्लैंड के खिलाफ किया था। पदार्पण मैच में ही उन्होंने अर्धशतक बनाकर साबित कर दिया था कि वह एक खास खिलाड़ी हैं। इंग्लैंड के खिलाफ तीन टेस्ट मैचों में उन्होंने लगातार तीन अर्धशतक जड़े थे। हालांकि, उनमें से एक मैच में पारी घोषित होने की वजह से वह शतक नहीं बना सके, जबकि एक बार उन्होंने कैच थमाया और एक बार दुर्भाग्यपूर्ण तरीके से रन आउट हो गए।
बांग्लादेश के खिलाफ उन्हें खेलने का मौका नहीं मिला, लेकिन जैसे ही इस टेस्ट मैच में शुभमन गिल के चोटिल होने के कारण सरफराज को मौका मिला, उन्होंने इसे पूरी तरह से भुनाया। अब तक सात टेस्ट पारियों में उन्होंने कुल 350 रन बना लिए हैं, जिसमें एक शतक और तीन अर्धशतक शामिल हैं।
प्रथम श्रेणी क्रिकेट में शानदार प्रदर्शन
सरफराज का प्रथम श्रेणी क्रिकेट रिकॉर्ड भी बेहद शानदार है। अब तक उन्होंने प्रथम श्रेणी क्रिकेट में 16 शतक और 14 अर्धशतक बनाए हैं। इनमें से चार बार उन्होंने 200 से अधिक रन की पारियां खेली हैं, जबकि छह बार उन्होंने 150+ रन बनाए हैं। प्रथम श्रेणी में उनका सर्वाधिक स्कोर 301* रन का है।
ईरानी कप में मुंबई के लिए खेलते हुए सरफराज ने हाल ही में दोहरा शतक बनाया था, जिसकी बदौलत मुंबई 27 साल बाद चैंपियन बनी थी।
सूर्यकुमार यादव का समर्थन
सूर्यकुमार यादव, जिन्होंने रणजी ट्रॉफी में सरफराज खान की कप्तानी की थी, उनके शतक से बेहद भावुक हो गए। सरफराज के खेल की तारीफ करते हुए सूर्यकुमार ने कहा, “सरफराज के खेलने का तरीका कई बार अजीब लगता है, लेकिन उन्हें और मुझे दोनों को पता है कि रन तो रन होते हैं। मैं 15 वर्षों से उन्हें जानता हूं और उनके पिता की कड़ी मेहनत को भी देखा है। आज के शतक के बाद वे भावुक हो गए और मैंने उन्हें मैदान की धूल-मिट्टी खाते देखा है।” सूर्यकुमार ने आगे कहा, “सरफराज को केवल खड़े होने की जगह चाहिए थी, सोने की उन्होंने खुद बना ली है।”
भविष्य के सितारे
सरफराज खान ने बेंगलुरु में अपने पहले टेस्ट शतक के साथ न केवल खुद को साबित किया, बल्कि भारतीय टीम के लिए भी एक नई उम्मीद जगाई है। उनके खेलने की शैली और मुश्किल परिस्थितियों में रन बनाने की उनकी क्षमता उन्हें भारतीय क्रिकेट का भविष्य बनाती है। टेस्ट क्रिकेट में उनकी यह पारी एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हो सकती है।
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