India Pakistan War: भारत के हमले के डर से पाकिस्तान में मची खलबली, सूचना मंत्री ने आधी रात को किया हमले का दावा

नई दिल्ली/इस्लामाबाद, बीएनएम न्यूज: India Pakistan War: पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत की संभावित सैन्य कार्रवाई के डर से पाकिस्तान में अभूतपूर्व खलबली मची हुई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मंगलवार को रक्षा मंत्री, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) और तीनों सेना प्रमुखों के साथ हुई उच्चस्तरीय बैठक ने पाकिस्तान के राजनीतिक और सैन्य प्रतिष्ठानों के साथ-साथ मीडिया में भी हड़कंप मचा दिया है। पिछले 24 घंटों में पाकिस्तान की सेना, राजनीतिक हलकों और मीडिया की जो प्रतिक्रिया सामने आई है, वह वहां व्याप्त भय और अनिश्चितता को स्पष्ट रूप से दर्शाती है।
अप्रत्याशित प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई
इस डर का आलम यह है कि मंगलवार और बुधवार की दरम्यानी रात लगभग दो बजे पाकिस्तान के सूचना मंत्री अताउल्लाह तरार ने एक अप्रत्याशित प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई। इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने सनसनीखेज दावा किया कि उन्हें “पक्की जानकारी” मिली है कि भारत अगले 24 से 36 घंटों के भीतर पाकिस्तान पर हमला करने वाला है। तरार ने इस दौरान यह भी दुहाई दी कि पाकिस्तान स्वयं आतंकवाद का शिकार रहा है और उसने हमेशा इसके सभी रूपों की कड़ी निंदा की है। उनके इस बयान को पाकिस्तान की घबराहट और संभावित भारतीय कार्रवाई से बचने की हताशा के रूप में देखा जा रहा है।
भारत के खिलाफ जमकर आग उगली
तरार से पहले पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने भी इसी तरह का बयान दिया था। उन्होंने आशंका व्यक्त की थी कि अगर कुछ “होगा” तो वह अगले दो-तीन दिनों के भीतर हो जाएगा। इन बयानों के बाद, पाकिस्तान सरकार ने सीनेट का एक विशेष सत्र बुलाया, जिसमें न केवल भारत के खिलाफ जमकर आग उगली गई, बल्कि कई बेबुनियाद और अनर्गल आरोप भी लगाए गए। इन आरोप लगाने वालों में पाकिस्तानी सेना भी पीछे नहीं रही। सेना ने दावा किया कि उसने बलूचिस्तान में कथित तौर पर भारत के सहयोग से चल रहे आतंकवादियों को पकड़ लिया है और इसके “सबूत” के तौर पर व्हाट्सएप पर हुई चैटिंग के स्क्रीनशॉट भी पेश किए। हालांकि, इन तथाकथित सबूतों की प्रामाणिकता पर सवाल उठ रहे हैं और इन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गंभीरता से नहीं लिया गया है।
पाकिस्तान की बौखलाहट
भारत ने पाकिस्तान के इन तमाम प्रलापों पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है। विदेश मंत्रालय के सूत्रों ने इन बयानों को पाकिस्तान की उस बौखलाहट का परिणाम बताया है, जो पहलगाम आतंकी हमले के बाद से ही स्पष्ट रूप से दिखाई दे रही है। सूत्रों का कहना है कि अपनी इस बौखलाहट में पाकिस्तान के हुक्मरान खुद ही अपनी पोल खोल रहे हैं। इसका उदाहरण देते हुए उन्होंने रक्षा मंत्री ख्वाजा एम आसिफ के पहले के उस बयान का जिक्र किया, जिसमें उन्होंने यह स्वीकार किया था कि उनका देश तीन दशकों से अमेरिका और अन्य देशों के इशारों पर आतंकवाद को प्रश्रय दे रहा था।
इसके अलावा विदेश मंत्री मुहम्मद इशाक डार ने भी हाल ही में यह स्वीकार किया कि पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव से पहलगाम आतंकी हमले का दावा करने वाले आतंकी संगठन द रेसिस्टेंस फोर्स (टीआरएफ) का नाम हटाने में “सफलता” हासिल की है। इस स्वीकारोक्ति से स्पष्ट होता है कि पाकिस्तान इस आतंकी संगठन को बचाने की कोशिश कर रहा है, जो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उसकी आतंकवाद विरोधी छवि को और धूमिल करता है।
नफरत भरा और भड़काऊ बयान
पाकिस्तान की ओर से सबसे नफरत भरा और भड़काऊ बयान पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) की सांसद पलवाशा खान की तरफ से आया। सीनेट में अपने संबोधन के दौरान उन्होंने अविश्वसनीय और सांप्रदायिक रूप से उत्तेजक दावा किया कि बाबरी मस्जिद की पहली नींव पिंडी (रावलपिंडी, जहां पाकिस्तानी सेना का मुख्यालय स्थित है) का एक आम सिपाही लगाएगा और पहली अजान पाकिस्तानी सेना के प्रमुख जनरल आसिम मुनीर देंगे। उन्होंने यह भी आधारहीन दावा किया कि भारतीय सेना के सिख सिपाही पाकिस्तान पर हमला करने के लिए तैयार नहीं हैं।
इतना ही नहीं, इस क्रम में उन्होंने खालिस्तानी आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नू के एक बयान का भी जिक्र किया, जिसका उद्देश्य भारत में विभाजनकारी तत्वों को बढ़ावा देना है। तकरीबन साढ़े चार घंटे तक चली सीनेट की इस विशेष बैठक में भारत के खिलाफ जमकर जहर उगला गया। किसी सांसद ने भारत पर एक हजार साल तक हुकूमत करने की काल्पनिक बात कही, तो किसी ने पाकिस्तानी मिसाइलों के नाम भारत पर आक्रमण करने वाले ऐतिहासिक आक्रांताओं (महमूद गजनवी, मुहम्मद गोरी) के नाम पर रखने के पीछे की “वजहें” भी बताईं, जो उनकी भारत विरोधी मानसिकता को दर्शाती है।
एंटोनियो गुटेरेस से टेलीफोन पर बातचीत की
इस गंभीर स्थिति के बीच पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने मंगलवार को संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस से टेलीफोन पर बातचीत की और उनसे इस मामले में “दखल” देने का आग्रह किया। शरीफ ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा कि उन्होंने महासचिव से बातचीत में इस बात को दोहराया कि पाकिस्तान आतंकवाद के सभी रूपों की निंदा करता है। उन्होंने यह भी कहा कि पाकिस्तान शांति के लिए प्रतिबद्ध है, लेकिन अगर उसे चुनौती दी जाती है तो वह अपनी संप्रभुता की रक्षा पूरी ताकत से करेगा। शरीफ का यह कदम अंतरराष्ट्रीय समुदाय को यह संदेश देने का प्रयास है कि पाकिस्तान शांति चाहता है, जबकि उसके अपने मंत्रियों और सांसदों के भड़काऊ बयान कुछ और ही कहानी बयां करते हैं।
भारतीय खुफिया एजेंसियों पर आरोप
पाकिस्तानी सेना के इंटर सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (आइएसपीआर) के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल अहमद शरीफ ने भी एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की। इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने भारतीय खुफिया एजेंसियों पर ही आरोप लगाया कि वे पाकिस्तान में आतंकी वारदातों को अंजाम देने के लिए गोला-बारूद और वित्तीय सहायता उपलब्ध करा रही हैं। उन्होंने दो कथित भारतीय सैनिकों का नाम भी लिया जो कथित तौर पर वहां के स्थानीय लोगों को पैसे, हथियार आदि दे रहे थे। यह पहली बार नहीं है जब पाकिस्तान ने इस तरह के निराधार आरोप लगाए हैं। हालांकि, अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने कभी भी उनके “सबूतों” को गंभीरता से नहीं लिया है। अब, जब पहलगाम में पर्यटकों पर हुए हमले के बाद दुनिया भर में पाकिस्तान द्वारा पोषित आतंकवाद को लेकर फिर से गुस्सा बढ़ रहा है, तो पाकिस्तान एक बार फिर भारत पर ही आरोप लगाने का पुराना राग अलाप रहा है।
स्टॉक एक्सचेंज में भारी गिरावट
भारत के साथ बढ़ते तनाव और युद्ध की आशंकाओं के बीच पाकिस्तानी अर्थव्यवस्था में भी अफरा-तफरी का माहौल है। निवेशक शेयर बाजार से तेजी से अपना पैसा निकाल रहे हैं, जिससे पाकिस्तान स्टॉक एक्सचेंज (पीएसएक्स) में भारी गिरावट दर्ज की गई है। बुधवार को पीएसएक्स में कारोबार के दौरान 3,500 से अधिक अंकों की गिरावट आई। स्टॉक एक्सचेंज द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, पूरे दिन बाजार में गिरावट का रुख बना रहा और अंत में सूचकांक 3,545.61 अंक गिरकर 111,326.57 पर बंद हुआ। बाजार विश्लेषकों ने इस भारी गिरावट का मुख्य कारण देश की अनिश्चित सुरक्षा स्थिति और भारत के साथ बढ़ते तनाव को बताया है। निवेशकों को डर है कि यदि दोनों देशों के बीच सैन्य संघर्ष होता है, तो पाकिस्तानी अर्थव्यवस्था को और भी बड़ा नुकसान हो सकता है।
नौसेना के जहाज तैनात, हवाई क्षेत्र प्रतिबंधित
ऐसा प्रतीत होता है कि पाकिस्तानी सेना ने भी भारतीय सैन्य कार्रवाई की आशंका को देखते हुए अपनी तैयारी शुरू कर दी है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, पाकिस्तानी नौसेना के जहाज किसी भी संभावित भारतीय कार्रवाई से निपटने के लिए अपने बंदरगाहों पर तैनात हो चुके हैं। इनमें उसके फ्रिगेट और पनडुब्बियां दोनों शामिल हैं। इसके साथ ही, पाकिस्तानी वायुसेना ने भी अपने उड़ान संचालन में 50 प्रतिशत से अधिक की कमी कर दी है। हवाई क्षेत्र में किसी भी तरह के भ्रम से बचने के लिए केवल आवश्यक परिचालन उड़ानें ही संचालित की जा रही हैं। यह कदम भी संभावित भारतीय हवाई हमलों से बचाव की तैयारी के रूप में देखा जा रहा है।
गुलाम जम्मू-कश्मीर के लिए सभी उड़ानें रद्द
भारतीय हमले की आशंका से पाकिस्तान इस कदर घबराया हुआ है कि उसने बुधवार को सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए गिलगित, स्कार्दू और गुलाम जम्मू-कश्मीर (पीओके) के अन्य क्षेत्रों के लिए सभी उड़ानें रद्द कर दीं। पाकिस्तान के नागरिक उड्डयन प्राधिकरण के एक वरिष्ठ अधिकारी ने मीडिया को बताया कि राष्ट्रीय हवाई क्षेत्र सुरक्षा प्रोटोकॉल की समीक्षा के बाद उत्तरी क्षेत्रों के लिए सभी उड़ानें निलंबित करने का निर्णय लिया गया है। इसके अतिरिक्त, विदेशी उड़ानों की भी कड़ी निगरानी शुरू कर दी गई है, जिसमें भारत से आने वाली अंतरराष्ट्रीय एयरलाइनों पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। इस कदम को संभावित भारतीय सैन्य कार्रवाई के मद्देनजर एहतियाती उपाय के तौर पर देखा जा रहा है।
मनोबल बढ़ाने को भारत विरोधी खबरें
अपनी जनता का मनोबल बनाए रखने के लिए पाकिस्तानी मीडिया में लगातार भारत विरोधी खबरें चलाई जा रही हैं। पाकिस्तानी अखबार डॉन ने एक निराधार दावा किया कि भारतीय वायु सेना के चार राफेल लड़ाकू विमानों को नियंत्रण रेखा (एलओसी) पार किए बिना पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) में रातभर गश्त करते हुए देखा गया। अखबार ने यह भी दावा किया कि पाकिस्तानी वायु सेना के विमानों ने तुरंत राफेल की मौजूदगी का पता लगा लिया और पाकिस्तानी वायु सेना की “कड़ी कार्रवाई” के परिणामस्वरूप राफेल के चालक “घबरा गए” और भागने पर मजबूर हो गए। यह उल्लेखनीय है कि राफेल विमान पाकिस्तानी युद्धक विमानों की तुलना में कहीं अधिक आधुनिक और शक्तिशाली हैं, और पाकिस्तानी मीडिया में इस तरह की खबरें चलाने का मुख्य उद्देश्य केवल अपने पक्ष में एक झूठा माहौल बनाना और अपनी जनता को शांत करना है।
पाकिस्तान में चौतरफा खलबली
कुल मिलाकर पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत की संभावित सैन्य कार्रवाई के डर से पाकिस्तान में चौतरफा खलबली मची हुई है। सरकार के मंत्रियों से लेकर सेना और मीडिया तक, हर कोई भारतीय कार्रवाई की आशंका से ग्रस्त दिख रहा है। हालांकि, भारत ने अभी तक पाकिस्तान के इन भड़काऊ बयानों और निराधार आरोपों पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है, लेकिन यह स्पष्ट है कि पाकिस्तान पर दबाव बढ़ रहा है और उसे अपनी आतंकवाद समर्थक नीतियों पर पुनर्विचार करने की आवश्यकता है।
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