Israel Hamas War: युद्धविराम की कोशिश के बीच गाजा सिटी में भीषण लड़ाई

गाजा, एपी : इजरायली सेना (Israel Defense Forces) ने गुरुवार को कहा कि उसके सैनिकों ने गाजा शहर के ठीक उत्तर में स्थित पश्चिम जबालिया में हमास (IDF Captures Hamas Military Quarter) के एक प्रमुख गढ़ पर कब्जा कर लिया है। इजरायली सेना गाजा शहर के मध्य में आगे बढ़ गई है, जहां माना जाता है कि हमास का भूमिगत मुख्यालय है। गाजा पट्टी के सबसे बड़े शहर गाजा सिटी के भीतर इजरायली सेना और हमास लड़ाकों के बीच भीषण लड़ाई छिड़ी हुई है। घनी आबादी वाले जिस इलाके में हो रही है वहां से अल-शिफा अस्पताल नजदीक है।

गाजा के इस सबसे बड़े अस्पताल के नीचे ही हमास का मुख्य नियंत्रण केंद्र होने का दावा इजरायली सेना ने किया है। इस अस्पताल में दसियों हजार आमजनों ने भी शरण ले रखी है। अमेरिका और अन्य संबद्ध देशों की अस्थायी युद्धविराम की कोशिशों के बीच इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने साफ कर दिया है कि बंधकों की रिहाई की शर्त पर ही गाजा पट्टी में युद्ध रोका जाएगा। गाजा में हमास और अन्य संगठनों के पास करीब 240 इजरायली व विदेशी नागरिक सात अक्टूबर से बंधक बने हुए हैं।

गाजा पट्टी में अस्थायी युद्धविराम की कोशिश हो रही 
कतर और मिस्र की अगुआई में गाजा पट्टी में अस्थायी युद्धविराम की कोशिश हो रही हैं, बदले में फिलहाल 15 बंधकों को रिहाई के लिए हमास तैयार होता दिख रहा है। इन कोशिशों को अमेरिका का समर्थन प्राप्त है लेकिन इतने कम बंधकों की रिहाई के बदले हमले रोकने के लिए इजरायल तैयार नहीं दिख रहा है। इस बीच बंधकों की रिहाई के सिलसिले में गुरुवार को अमेरिकी खुफिया संगठन सीआइए के प्रमुख विलियम बर्न्स और इजरायली खुफिया एजेंसी मोसाद के प्रमुख डेविड बर्निये ने दोहा पहुंचकर कतर के प्रधानमंत्री से मुलाकात की है। युद्धविराम पर वार्ता के लिए हमास के प्रतिनिधिमंडल के मिस्र की राजधानी काहिरा पहुंचने की सूचना है। इस बीच फ्रांस की राजधानी पेरिस में फलस्तीनियों की सहायता के लिए बैठक हो रही है। इस बैठक में फलस्तीनी इलाकों में करीब 1.2 अरब डालर की सहायता देने पर विचार हुआ। बैठक में गाजा में करीब 11 हजार लोगों के मारे जाने पर भी चिंता जताई गई।

शिफा अस्पताल के नजदीक पहुंची लड़ाई
गाजा सिटी के जिस अल-शिफा अस्पताल के नजदीक भीषण लड़ाई हो रही है उसका स्टाफ अस्पताल में या उसके नीचे हमास की गतिविधियां चलने से स्पष्ट इन्कार कर रहा है। स्टाफ का कहना है कि अस्पताल पर हमले के लिए इजरायली सेना बहाना तैयार कर रही है, उसी के चलते यह दुष्प्रचार किया जा रहा है। अस्पताल के निदेशक अबू सेलमिया के अनुसार लड़ाई के चलते बड़ी संख्या में लोग घायल हो रहे हैं, अस्पताल में उनका इलाज किया जा रहा है। इस बीच गाजा पट्टी में दो हफ्तों में 665 ट्रक राहत सामग्री पहुंच चुकी है। इसके बावजूद कई इलाकों में खाद्य सामग्री और पानी की किल्लत है। यह स्थिति इजरायली हमलों के बीच राहत सामग्री का वितरण न होने के कारण है। अंतरराष्ट्रीय समुदाय राहत सामग्री की पर्याप्त मात्रा में आपूर्ति और वितरण के लिए ही गाजा में युद्ध रुकवाना चाहता है जबकि इजरायल का कहना है कि वहां पर अब खाना-पानी की कोई कमी नहीं है।

वेस्ट बैंक में 15 फलस्तीनियों की मौत
वेस्ट बैंक के जेनिन शहर में स्थित शरणार्थी शिविर में इजरायली सुरक्षा बलों की छापेमारी के दौरान टकराव हो जाने से गुरुवार को 15 फलस्तीनियों की मौत हो गई और 20 घायल हो गए। इजरायली सेना ने कहा है कि यह छापेमारी हमास आतंकियों की तलाश में की गई थी लेकिन उसी दौरान वहां रहने वाले फलस्तीनी उग्र हो गए और उन्होंने सुरक्षा बलों पर हमला कर दिया, जवाबी कार्रवाई में लोगों की मौत हुई है। सात अक्टूबर के बाद से वेस्ट बैंक में इजरायली सुरक्षा बलों की कार्रवाई में 173 फलस्तीनियों की मौत हो चुकी है।

इजरायली शहर पर रहस्यमयी ड्रोन हमला
इजरायल के एइलट शहर की एक इमारत पर रहस्यमयी ड्रोन का हमला हुआ है। इस ड्रोन की पहचान नहीं हो पाई है कि यह कहां से आया था। इस ड्रोन हमले में किसी के हताहत होने की खबर नहीं है। यमन के ईरान समर्थित हूथी विद्रोहियों ने इजरायल के खिलाफ युद्ध का एलान कर रखा है। उन्होंने इजरायल पर कई मिसाइल और ड्रोन हमले किए हैं लेकिन उन्हें नुकसान पहुंचाने से पहले मार गिराया गया है। ताजा ड्रोन हमले के लिए शक हूथी पर है।

सीरिया में ईरानी ठिकानों पर अमेरिका-इजरायल की बमबारी
अमेरिका और इजरायल के लड़ाकू विमानों ने सीरिया में ईरान के इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड और लेबनान के हिजबुल्ला के ठिकानों पर हमला कर उन्हें नुकसान पहुंचाया है। इन दोनों ही संगठनों पर गाजा पट्टी में हमास को रणनीतिक सहयोग देने का आरोप है। अमेरिका और इजरायल के ताजा हमलों को इराक में अमेरिकी सैन्य ठिकाने पर ड्रोन हमले के जवाब माना जा रहा है। इससे पहले बुधवार को इराक में स्थित अमेरिकी सैन्य अड्डे पर ड्रोन हमला हुआ था। इसके बाद बगदाद स्थित अमेरिकी दूतावास में भी खतरे का सायरन बजा और लोग सतर्क हो गए। सैन्य अड्डे पर ड्रोन हमले से जान-माल के नुकसान का पता नहीं चला है।

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