Kaithal Crime: कैथल में डबल मर्डर में खुलासा: परिवार ने लड़कियों से छेड़छाड़ न करने को समझाया था

नरेन्‍द्र सहारण, कैथल: Kaithal Crime:  कैथल के बरेटा गांव में दो नाबालिग किशोरों, प्रिंस ( 15 ) और अरमान (16 ) की उनके ही हमउम्र साथियों द्वारा बेरहमी से हत्या कर दी गई। यह घटना न केवल किशोर अपराध की भयावहता को दर्शाती है बल्कि समाज में पनप रही हिंसा, प्रतिशोध और संवादहीनता की ओर भी इशारा करती है। कैथल की इस वारदात से न केवल स्थानीय समुदाय बल्कि पूरे प्रदेश को स्तब्ध कर दिया। आरोपों के अनुसार, यह जघन्य हत्याकांड लड़कियों से छेड़छाड़ के विवाद की परिणति थी जिसने किशोरों के दो गुटों के बीच गहरी रंजिश पैदा कर दी थी।

रविवार की शाम से सोमवार की सुबह तक का खौफनाक सफर

रविवार शाम आखिरी बार देखे गए

प्रिंस के चाचा बनी सिंह ने बिलखते हुए उस मनहूस रविवार की शाम को याद किया। लगभग साढ़े चार बजे, प्रिंस और अरमान, जो रिश्ते में चाचा-भतीजा थे लेकिन हमउम्र होने के कारण दोस्तों की तरह रहते थे, गांव के शिव मंदिर के पास देखे गए थे। इसके बाद वे घर लौटे और पशुओं को पानी पिलाया। परिजनों ने उन्हें शाम करीब 5 बजे तक घर पर ही देखा। पशुओं को पानी पिलाने के उपरांत दोनों साथ में घर से निकले थे, यह उनकी अपने परिवार वालों के साथ आखिरी मुलाकात साबित हुई।

किशोर अरमान (ब्लैक टीशर्ट में) और प्रिंस (पीछे शर्ट में)!

देर रात तक इंतजार और चिंता

 

जब प्रिंस और अरमान देर शाम तक घर नहीं लौटे तो परिवार वालों ने शुरू में सोचा कि शायद वे कहीं घूमने निकल गए होंगे। विशेषकर प्रिंस के लिए क्योंकि 17 मई को ही उसका दसवीं कक्षा का परीक्षा परिणाम आया था और वह उसमें उत्तीर्ण हुआ था। परिवार ने अनुमान लगाया कि शायद दोनों दोस्त इसी खुशी का जश्न मनाने कहीं आसपास गए होंगे और जल्द ही लौट आएंगे। लेकिन जैसे-जैसे रात गहराती गई, उनकी चिंता बढ़ती गई। मोबाइल पर संपर्क करने की कोशिशें भी विफल रहीं, क्योंकि उनके फोन नहीं मिल रहे थे।

तलाश का पहला चरण – मोबाइल लोकेशन और निराशा

 

घबराहट में परिवार वालों ने गांव में उनकी तलाश शुरू की। हर गली, हर नुक्कड़ छाना गया, दोस्तों और परिचितों से पूछताछ की गई, लेकिन उनका कोई सुराग नहीं मिला। थक-हारकर, उन्होंने पुलिस की मदद से दोनों के मोबाइल फोन की लोकेशन निकलवाने का प्रयास किया। लोकेशन गांव से लगभग 5 किलोमीटर दूर, धनौरा तालाब के पास मिली। यह खबर मिलते ही परिजन और बड़ी संख्या में गांववाले तुरंत धनौरा तालाब की ओर भागे। पूरी रात उन्होंने उस इलाके को छान मारा, तालाब के आसपास, खेतों में, सुनसान जगहों पर उन्हें ढूंढा, लेकिन निराशा ही हाथ लगी। गहन तलाशी के बावजूद दोनों किशोरों का कोई पता नहीं चला और भारी मन से सभी सुबह होने का इंतजार करने के लिए घर लौट आए।

दिल दहला देने वाली खोज

 

सोमवार की सुबह एक नई उम्मीद लेकिन अनजाने डर के साथ शुरू हुई। परिजन और ग्रामीण एक बार फिर धनौरा तालाब के पास इकट्ठा हुए। रात के अंधेरे में जिस घनी झाड़ियों और कैनाल के किनारे की ओर ठीक से नहीं देखा जा सका था, सुबह सबसे पहले वहीं तलाशी अभियान केंद्रित किया गया। और फिर वही हुआ जिसका सबको डर था। झाड़ियों के बीच, अरमान का शव औंधे मुंह पड़ा मिला। उसकी गर्दन पर किसी धारदार हथियार से किए गए वार के गहरे निशान थे, जो उसकी निर्मम हत्या की कहानी बयां कर रहे थे। यह दृश्य देखकर वहां मौजूद लोगों के होश उड़ गए। अभी वे इस सदमे से उबर भी नहीं पाए थे कि अरमान के शव से करीब 15 फुट की दूरी पर प्रिंस का शव भी बरामद हो गया। प्रिंस की भी हत्या उसी बेरहमी से, गले पर हथियार से वार करके की गई थी। दो किशोरों के शव मिलने की खबर गांव में आग की तरह फैल गई और पूरे इलाके में सनसनी मच गई।

उजड़ गए दो हंसते-खेलते परिवार

 

पुलिस जांच में पता चला कि अरमान और प्रिंस रिश्ते में चाचा-भतीजा लगते थे। दोनों के पिता खेती-मजदूरी करके अपने परिवार का भरण-पोषण करते थे। गांव में उनका एक बड़ा संयुक्त परिवार था। हमउम्र होने के कारण प्रिंस और अरमान की आपस में गहरी दोस्ती थी। वे स्कूल भी साथ ही आते-जाते थे और उनका ज्यादातर समय एक-दूसरे के साथ ही बीतता था। अरमान अपनी पांच बहनों का इकलौता भाई था, उसकी मृत्यु से परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। उसकी बहनों का रो-रोकर बुरा हाल था। प्रिंस, जिसने हाल ही में दसवीं की परीक्षा पास की थी, भविष्य के सपने संजो रहा था, लेकिन क्रूरता ने उसकी जिंदगी की डोर असमय ही काट दी। दोनों किशोरों की हत्या के बाद से उनके परिवारों में मातम पसरा हुआ है, और पूरे गांव में शोक की लहर है। सोमवार को जब दोनों का अंतिम संस्कार किया गया, तो पूरा गांव उन्हें अंतिम विदाई देने उमड़ा। इस दौरान अरमान की बहन अपने भाई के गम में रोते-रोते बेसुध हो गई, जिसे बड़ी मुश्किल से होश में लाया गया। यह दृश्य देखकर हर किसी की आंखें नम हो गईं।

छेड़छाड़ के आरोप और पनपती रंजिश

 

पुलिस की प्रारंभिक जांच और ग्रामीणों से मिली जानकारी के अनुसार, इस दोहरे हत्याकांड की जड़ में कथित तौर पर छेड़छाड़ का मामला है। आरोप है कि मृतक प्रिंस और अरमान गांव की ही कुछ लड़कियों के साथ छेड़छाड़ करते थे। इस बात को लेकर लड़कियों के परिजनों ने प्रिंस और अरमान के परिवार वालों से शिकायत भी की थी और दोनों किशोरों को समझाने की कोशिश भी की गई थी। लेकिन, बताया जाता है कि वे अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे थे।

गांव के कुछ लोगों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि गांव में अधिकांश परिवार सामान्य वर्ग के हैं और गांव की आबादी लगभग 7 हजार है। उनका कहना था कि मृतक किशोर सामान्य वर्ग की लड़कियों से छेड़खानी करते थे। जब इस बारे में उनके परिवारों को सूचित किया गया और उन्हें समझाने का प्रयास किया गया, तो बात बनने के बजाय दोनों पक्षों के किशोरों के बीच रंजिश और गहरी हो गई। यह आपसी मनमुटाव और दुश्मनी धीरे-धीरे इतनी बढ़ गई कि उसने इस खौफनाक वारदात का रूप ले लिया।

हैरान करने वाली संवेदनहीनता

 

इस मामले में सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि हत्याकांड को अंजाम देने वाले भी नाबालिग ही हैं। पुलिस ने इस सिलसिले में गांव के ही 7 नाबालिग लड़कों को गिरफ्तार किया है, जबकि 2 अन्य की भूमिका की जांच और तलाश की जा रही है। ग्रामीणों के अनुसार, जिन किशोरों ने यह जघन्य हत्या की, उनकी उम्र भी 15 से 16 वर्ष के बीच है। और तो और, इन किशोरों ने हत्या करने के बाद शवों को ड्रेन के पास फेंक दिया और अगले दिन ऐसे व्यवहार किया जैसे कुछ हुआ ही न हो। उन्हें इस बात का जरा भी अफसोस या डर नहीं था कि उन्होंने दो इंसानों की जान ले ली है। वे रोजाना की तरह सुबह उठकर स्कूल भी चले गए थे, ताकि किसी को उन पर शक न हो। पुलिस ने सभी गिरफ्तार आरोपियों को गांव से ही पकड़ा है।

जांच में यह भी सामने आया है कि हत्या करने वाले नाबालिगों में से 5 सामान्य वर्ग से हैं, जबकि 3 दलित समाज से और एक पिछड़े वर्ग से है। हालांकि, पुलिस अभी इस बात की जांच कर रही है कि क्या इस अपराध में कोई जातीय कोण भी था या यह केवल छेड़छाड़ और आपसी रंजिश का ही मामला है।

हत्या में प्रयुक्त हथियार: क्रूरता का औजार

 

पुलिस को घटनास्थल के पास से वह हथियार भी बरामद हुआ है जिसका इस्तेमाल हत्या के लिए किया गया था। यह एक देसी और खतरनाक हथियार था, जिसे लोहे के पाइप और मोटरसाइकिल के चेन सेट (चैन गरारी) को जोड़कर बनाया गया था। इस हथियार की प्रकृति से ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि हत्या कितनी नृशंसता से की गई होगी।

पुलिस की कार्रवाई और जांच

 

सदर थाना प्रभारी (SHO) मुकेश कुमार ने मामले की पुष्टि करते हुए बताया कि गांव के ही 7 नाबालिगों को इस दोहरे हत्याकांड के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया है। दो अन्य नाबालिगों की संलिप्तता के बारे में वेरिफिकेशन किया जा रहा है और उनकी भी तलाश की जा रही है। पुलिस ने भारतीय दंड संहिता की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया है और गहनता से जांच कर रही है। गिरफ्तार नाबालिगों से पूछताछ की जा रही है ताकि हत्या के सभी पहलुओं, साजिश और इसमें शामिल अन्य लोगों (यदि कोई हो) का पता लगाया जा सके। पुलिस का कहना है कि जांच के आधार पर ही आगे की कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।

गांव का माहौल: डर, गुस्सा और सामाजिक चिंताएं

 

इस घटना के बाद बरेटा गांव में तनाव और दहशत का माहौल है। हालांकि गांव वालों का कहना है कि फिलहाल स्थिति सामान्य है, लेकिन दो किशोरों की हत्या और उसमें अन्य किशोरों की संलिप्तता ने सभी को झकझोर कर रख दिया है। यह घटना कई गंभीर सवाल खड़े करती है:

किशोरों में बढ़ती हिंसा: आज के किशोर इतनी आसानी से इतने गंभीर अपराध क्यों कर रहे हैं? उनमें कानून का डर और मानवीय संवेदनाएं क्यों कम हो रही हैं?
माता-पिता की भूमिका: क्या परिवारों में बच्चों को सही मार्गदर्शन और संस्कार मिल पा रहे हैं? क्या माता-पिता अपने बच्चों की गतिविधियों पर पर्याप्त ध्यान दे रहे हैं?
सामाजिक संवादहीनता: क्या छेड़छाड़ जैसे मामलों को गांव या समुदाय स्तर पर बातचीत और समझाइश से सुलझाया नहीं जा सकता था? हिंसा का रास्ता क्यों चुना गया?
स्कूल और शिक्षा व्यवस्था: स्कूल केवल किताबी ज्ञान दे रहे हैं या नैतिक शिक्षा और चरित्र निर्माण पर भी ध्यान दिया जा रहा है?
कानूनी प्रक्रिया: नाबालिग अपराधियों के साथ कानून किस तरह पेश आएगा और क्या यह भविष्य में ऐसे अपराधों को रोकने में कारगर होगा?

सबक और चेतावनी

कैथल के बरेटा गांव की यह त्रासदी केवल एक आपराधिक घटना नहीं है, बल्कि यह समाज के लिए एक चेतावनी है। यह घटना दर्शाती है कि यदि किशोरों के मन में पनप रहे गुस्से, नफरत और प्रतिशोध की भावना को समय रहते सही दिशा नहीं दी गई, तो इसके परिणाम कितने भयावह हो सकते हैं। प्रिंस और अरमान की असमय मृत्यु ने न केवल उनके परिवारों को कभी न भरने वाला घाव दिया है, बल्कि उन नाबालिग आरोपियों का भविष्य भी अंधकारमय कर दिया है जो अब कानून की गिरफ्त में हैं। इस घटना से सबक लेते हुए समाज के हर वर्ग को, चाहे वह परिवार हो, शिक्षण संस्थान हों, या समुदाय के जिम्मेदार लोग हों, किशोरों के सही मार्गदर्शन और उनमें मानवीय मूल्यों के विकास पर गंभीरता से ध्यान देने की आवश्यकता है, ताकि भविष्य में ऐसी दुखद घटनाओं की पुनरावृत्ति को रोका जा सके। पुलिस जांच अभी जारी है और उम्मीद है कि जल्द ही इस मामले के सभी तथ्य सामने आएंगे और दोषियों को उनके किए की सजा मिलेगी।

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