Kaithal News: दम घोंट रहा वायु प्रदूषण एक्यूआई श्रेणी बहुत बुरा, रहें सावधान

नरेन्‍द्र सहारण, कैथल। Kaithal News: कैथल जिले में वायु प्रदूषण का खतरा लगातार बढ़ता जा रहा है। लगातार चौथे दिन वायु प्रदूषण का स्तर खतरनाक सीमा को पार कर गया, जिससे स्थानीय निवासियों की चिंताएं और स्वास्थ्य समस्याएं गहराती जा रही हैं। सोमवार को वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) फिर से 326 के पार दर्ज किया गया, जो प्रदूषण की “बहुत खराब” श्रेणी में आता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि यह स्थिति न केवल छोटे बच्चों और बुजुर्गों के लिए गंभीर है, बल्कि स्वस्थ व्यक्तियों के लिए भी खतरे की घंटी है। AQI का स्तर जब 300 से ऊपर चला जाता है, तो यह साफ संकेत है कि हवा में हानिकारक कणों की मात्रा स्वास्थ्य को गंभीर नुकसान पहुंचाने वाली है।

प्रदूषण के प्रभाव और विशेषज्ञों की चेतावनी

स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, जब भी वायु गुणवत्ता खराब होती है, तब खासतौर पर बच्चों, बुजुर्गों और पहले से बीमार लोगों को बाहर घूमने से बचना चाहिए। प्रदूषण के कण श्वसन तंत्र को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकते हैं और पुरानी बीमारियों, जैसे अस्थमा और हृदय रोग, को और अधिक गंभीर बना सकते हैं। इसके अलावा डॉक्टर यह भी कहते हैं कि जो लोग पूरी तरह स्वस्थ हैं, उन्हें भी इस प्रदूषण भरी हवा में अधिक समय तक बाहर नहीं रहना चाहिए। हवा में मौजूद महीन कण (PM2.5 और PM10) फेफड़ों में जाकर संक्रमण और सूजन का कारण बन सकते हैं।

प्रदूषण का स्तर लगातार खराब

 

गौर करने वाली बात यह है कि दीपावली के बाद कुछ दिनों के लिए प्रदूषण के स्तर में थोड़ी राहत मिली थी। हालांकि, बीते 15 दिनों से एक बार फिर से प्रदूषण का स्तर लगातार खराब हो रहा है। सर्दियों के आगमन के साथ, यह समस्या और बढ़ती जा रही है, क्योंकि ठंडी हवा के कारण प्रदूषक तत्व वातावरण में नीचे रहकर सांस लेने की हवा को विषाक्त बना देते हैं। पिछले एक हफ्ते में AQI में लगातार उतार-चढ़ाव देखने को मिला है, और सोमवार को यह अधिकतम 500 तक दर्ज किया गया। यह “खतरनाक” श्रेणी में आता है, जो बताता है कि स्थिति कितनी गंभीर हो चुकी है।

स्वास्थ्य समस्याओं में वृद्धि

 

प्रदूषण का सीधा असर लोगों की सेहत पर दिखाई दे रहा है। कैथल के सिविल अस्पताल में मरीजों की संख्या में खासी बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है। रोजाना ओपीडी में 400 से 500 मरीज इलाज के लिए आ रहे हैं। इनमें बदन दर्द, बुखार, नजला, खांसी, गले के इंफेक्शन, और अन्य श्वसन संबंधी समस्याएं प्रमुख रूप से देखी जा रही हैं। डॉक्टरों के अनुसार, कई मरीज ऐसे हैं जिनकी प्लेटलेट्स की संख्या भी कम हो रही है, जिससे वे और अधिक कमजोर हो जाते हैं। गंभीर मामलों में मरीजों को अस्पताल में भर्ती करना पड़ रहा है और उनका गहन उपचार किया जा रहा है। वहीं, हल्के मामलों में मरीजों को ब्लड सैंपल की जांच के आधार पर दवाइयां और परामर्श देकर घर भेजा जा रहा है।

सावधानी बरतना बेहद जरूरी

 

स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने प्रदूषण के बढ़ते खतरे को देखते हुए नागरिकों को सावधान रहने की सलाह दी है। डॉक्टरों का कहना है कि जब तक हवा की गुणवत्ता में सुधार नहीं होता, तब तक खासतौर पर छोटे बच्चों और बुजुर्गों को घर के अंदर रहने की कोशिश करनी चाहिए। यदि बाहर जाना अत्यावश्यक हो, तो चेहरे को मास्क या कपड़े से अच्छे से ढककर ही बाहर निकलें। इसके अलावा, घर लौटने के बाद तुरंत अपने चेहरे और हाथों को अच्छी तरह धोएं, ताकि प्रदूषण के कण शरीर में प्रवेश न कर सकें। विशेषज्ञ यह भी सलाह देते हैं कि पानी का अधिक सेवन करें और अपने इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाए रखने के लिए पौष्टिक भोजन करें।

प्रदूषण के कारण और उपाय

 

कैथल में बढ़ते वायु प्रदूषण का कारण कई हैं। इनमें बढ़ते वाहनों की संख्या, निर्माण कार्यों से उड़ने वाली धूल, पराली जलाने से उठने वाला धुआं, और औद्योगिक प्रदूषण शामिल हैं। सर्दियों में प्रदूषण की समस्या और गंभीर हो जाती है, क्योंकि ठंड के मौसम में हवा भारी हो जाती है और प्रदूषक तत्व वातावरण में नीचे ही बने रहते हैं।

सरकार और स्थानीय प्रशासन द्वारा भी प्रदूषण से निपटने के प्रयास किए जा रहे हैं। लोगों को जागरूक किया जा रहा है कि वे वाहनों का कम उपयोग करें, कूड़ा जलाने से बचें, और निर्माण स्थलों पर धूल को नियंत्रित करने के उपाय करें। हालांकि, प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए सिर्फ सरकारी प्रयास ही पर्याप्त नहीं हैं; इसके लिए नागरिकों का सहयोग भी बेहद जरूरी है।

अस्पतालों में स्थिति गंभीर

कैथल के अस्पतालों में भीड़ बढ़ती जा रही है। डॉक्टर और मेडिकल स्टाफ लगातार मरीजों का इलाज करने में व्यस्त हैं। सिविल अस्पताल में आने वाले ज्यादातर मरीजों को सांस संबंधी समस्याएं हो रही हैं। इसके अलावा, कई लोग गले में संक्रमण और खांसी जैसी समस्याओं से भी जूझ रहे हैं। कुछ मामलों में, मरीजों को बुखार और बदन दर्द की भी शिकायत है। डॉक्टरों का कहना है कि प्रदूषण के चलते शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है, जिससे लोग जल्दी बीमार पड़ रहे हैं।

प्रदूषण से बचाव के लिए क्या करें?

प्रदूषण के इस खतरनाक स्तर को देखते हुए, नागरिकों को अतिरिक्त सतर्कता बरतनी होगी। घर के अंदर एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल करना एक अच्छा विकल्प हो सकता है। इसके अलावा, पौधे लगाकर भी हवा की गुणवत्ता में सुधार किया जा सकता है। प्रदूषण के दिनों में बाहर व्यायाम करने से बचें, खासकर सुबह और शाम के समय जब धुंध सबसे घनी होती है। अपने घर में खिड़कियों और दरवाजों को बंद रखें, ताकि बाहर की प्रदूषित हवा अंदर न आ सके।

कैथल में वायु प्रदूषण का बढ़ता स्तर न केवल स्वास्थ्य के लिए खतरा है, बल्कि यह एक चेतावनी भी है कि हमें अपने पर्यावरण की रक्षा के लिए अधिक सजग और जागरूक होना होगा। सरकार और जनता के सम्मिलित प्रयासों से ही इस समस्या से निपटा जा सकता है।

 

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