कैथल में प्रॉपर्टी आईडी नाम पर फर्जीवाड़ा: अवैध कॉलोनियों को अप्रूव्ड दिखा 9 रजिस्ट्री करवाई

डीसी को शिकायत देने के बाद कागजात दिखाते जगजीत सिंह।

नरेन्‍द्र सहारण, कैथल : Kaithal News: हरियाणा के कैथल जिले के गुहला-चीका से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां कुछ कॉलोनाइज़रों ने अवैध कॉलोनियों को वैध कॉलोनियों की सूची में शामिल दिखाते हुए फर्जी दस्तावेज तैयार किए। इन दस्तावेजों के जरिए 30 से अधिक फर्जी प्रॉपर्टी आईडी बनाई गईं और 9 रजिस्ट्री कराई गईं। यह मामला न केवल प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े करता है, बल्कि सिस्टम में पारदर्शिता की कमी को भी उजागर करता है।

फर्जी दस्तावेज तैयार कर रजिस्ट्री करवाने का खेल

 

गुहला-चीका के निवासी और शिकायतकर्ता जगजीत सिंह ने डीसी को दी अपनी शिकायत में बताया कि कुछ कॉलोनाइज़रों ने सरकारी नियमों को ताक पर रखते हुए अवैध कॉलोनियों को वैध दिखाने के लिए फर्जी दस्तावेज तैयार किए। इन फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल प्रॉपर्टी आईडी बनाने और रजिस्ट्री कराने के लिए किया गया।

प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती

 

यह मामला प्रशासन के लिए गंभीर चिंता का विषय बन गया है। एक ओर जहां इस प्रकार की धोखाधड़ी से सरकारी तंत्र की खामियां उजागर होती हैं, वहीं दूसरी ओर प्रभावित लोगों को आर्थिक और कानूनी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। यह घटना यह स्पष्ट करती है कि सिस्टम में सुधार और पारदर्शिता लाने की सख्त जरूरत है।

कैसे हुआ फर्जीवाड़ा?

 

फर्जीवाड़े के तहत कॉलोनाइज़रों ने अवैध कॉलोनियों को वैध दिखाने के लिए नकली दस्तावेज तैयार किए। इन दस्तावेजों को जिला प्रशासन के समक्ष प्रस्तुत कर प्रॉपर्टी आईडी बनाई गईं। इसके बाद इन आईडी का इस्तेमाल रजिस्ट्री कराने के लिए किया गया। इस प्रक्रिया में कई खरीदारों को ठगा गया, जिनकी खरीदी गई प्रॉपर्टी अब विवादों में घिर गई है।

प्रशासन की लापरवाही या अंदरूनी साजिश?

 

इस पूरे घटनाक्रम ने प्रशासन की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। प्रॉपर्टी आईडी बनाने के लिए जरूरी दस्तावेजों की जांच-पड़ताल के दौरान इस फर्जीवाड़े का पता क्यों नहीं चल पाया? क्या यह प्रशासन की लापरवाही है, या फिर इसमें कुछ कर्मचारियों की अंदरूनी मिलीभगत शामिल है? प्रभावित लोग अब असमंजस में हैं कि उनकी प्रॉपर्टी वैध है या अवैध।

दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का आश्वासन

 

गुहला एसडीएम ने इस मामले पर कहा कि यह मामला उनके संज्ञान में आ चुका है और इस प्रकार की गतिविधियां बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं की जाएंगी। उन्होंने भरोसा दिलाया कि मामले की गहन जांच करवाई जाएगी और दोषियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी। एसडीएम ने यह भी कहा कि इस प्रकार की धोखाधड़ी रोकने के लिए सिस्टम में सुधार लाने के प्रयास किए जा रहे हैं।

सिस्टम में सुधार की जरूरत

 

यह मामला यह दर्शाता है कि सिस्टम में कई खामियां हैं, जिनका फायदा उठाकर धोखाधड़ी की जा रही है। प्रॉपर्टी आईडी बनाने की प्रक्रिया में पारदर्शिता लाने और दस्तावेजों की सख्त जांच करने की जरूरत है। इसके अलावा, रजिस्ट्री के समय दस्तावेजों की प्रमाणिकता सुनिश्चित करने के लिए तकनीकी उपाय अपनाए जाने चाहिए।

प्रभावित लोगों की स्थिति

 

इस फर्जीवाड़े का शिकार बने खरीदारों के लिए यह एक बड़ी मुश्किल है। उनकी खरीदी गई प्रॉपर्टी अब विवादित हो चुकी है और वे इसे लेकर काफी परेशान हैं। कई लोगों ने अपनी जीवन भर की कमाई इस प्रॉपर्टी में लगाई थी। अब वे प्रशासन से न्याय की उम्मीद कर रहे हैं।

भविष्य के लिए सबक

 

यह मामला अन्य जिलों और प्रशासनिक इकाइयों के लिए भी एक चेतावनी है। सरकारी प्रक्रियाओं में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए सख्त कदम उठाने की जरूरत है। इसके अलावा, आम जनता को भी जागरूक किया जाना चाहिए कि वे प्रॉपर्टी खरीदते समय दस्तावेजों की जांच-पड़ताल करें और केवल वैध प्रॉपर्टी ही खरीदें।

प्रशासनिक खामियां उजागर

गुहला-चीका में हुआ यह फर्जीवाड़ा प्रशासनिक खामियों को उजागर करता है और सिस्टम में सुधार की आवश्यकता को दर्शाता है। अब देखना यह होगा कि प्रशासन इस मामले में कितनी सख्ती से कार्रवाई करता है और दोषियों को किस प्रकार सजा दिलाता है। प्रभावित लोगों को न्याय दिलाने के साथ-साथ भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाने होंगे।

 

JOIN WHATSAAP CHANNEL

भारत न्यू मीडिया पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज, Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट , धर्म-अध्यात्म और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। National News in Hindi  के लिए क्लिक करें इंडिया सेक्‍शन

 

You may have missed