Kaithal News: कैथल में कौशल रोजगार कार्यालय बेघर: पेड़ के नीचे काम कर रहे 15 कर्मचारी

नरेन्‍द्र सहारण, कैथल: Kaithal News: हरियाणा के कैथल जिले में बेरोजगारी से जूझ रहे युवाओं के लिए रोजगार दिलाने वाला जिला कौशल रोजगार कार्यालय अब खुद बेघर हो गया है। यह कार्यालय, जो युवाओं को नौकरी की संभावनाएँ और सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता था, अब अपनी जिम्मेदारियों को निभाने के लिए पेड़ के नीचे काम करने को मजबूर है। एडीसी दीपक बाबूलाल कारवा के आदेश पर इस कार्यालय को जिला परिषद के परिसर से बाहर निकाला गया और वहां ताला लगा दिया गया है। यह स्थिति न केवल अधिकारियों के लिए बल्कि उन युवाओं के लिए भी कठिनाई का कारण बन रही है, जो रोजगार योजनाओं के लाभ के लिए यहाँ आते हैं।

200 से अधिक युवाओं की मुश्किलें

इस कार्यालय में कार्यरत 15 अधिकारियों और कर्मचारियों को अब खुले में कार्य करने की मजबूरी का सामना करना पड़ रहा है। प्रतिदिन व्यक्तिगत लाभ लेने के लिए यहाँ आने वाले 200 से अधिक युवाओं को भी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। उदाहरण के तौर पर, पुंडरी की रहने वाली मानसी का मामला सामने आया है, जिसे बेरोजगार भत्ते के लिए आवेदन करना था। चूंकि आवेदन की अंतिम तिथि नज़दीक थी, ऐसे में मानसी को सरकारी योजना का लाभ लेने से वंचित होने का खतरा पैदा हो गया। यह स्थिति उन युवाओं के लिए चिंताजनक बनी हुई है जो रोजगार की तलाश में हैं।

नए कमरे में स्थानांतरण में देरी

इस मामले में समस्या ये है कि एडीसी दीपक बाबूलाल कारवा का कहना है कि उन्होंने रोजगार कार्यालय के लिए नया कमरा तैयार करवा दिया था, लेकिन विभाग के अधिकारी अब तक वहां शिफ्ट नहीं हुए हैं। इसके चलते वे सभी कर्मचारी अब कार्यालय के बाहर बैठकर जिम्मेदारी निभाने को मजबूर हैं। मंदी की हालत से जूझते इस कार्यालय ने कर्मचारियों को बेतरतीबी से बेदखल कर दिया गया है, जिससे प्रशासनिक अव्यवस्था उजागर हो रही है।

जिला परिषद हाउस की बैठक का प्रभाव

इस विवाद का आरम्भ जिला परिषद हाउस की बैठक से हुआ, जहाँ जिला रोजगार कार्यालय को खाली करने के संदर्भ में प्रस्ताव पारित किया गया। इसके बाद, जिला प्रशासन ने इस आदेश का पालन करते हुए अधिकारियों से कमरों को खाली करवाने के लिए कदम उठाया। जब तक कर्मचारियों ने नए स्थान पर शिफ्ट नहीं किया, तब तक एडीसी ने उन्हें बाहर निकालकर कार्यालय में ताला लगा दिया।

कर्मचारियों की नजर में स्थिति

जिला रोजगार कार्यालय के एईओ रविंद्र कुमार का कहना है कि उन्हें बिना किसी नोटिस के ही कार्यालय से बाहर निकाला गया। उनके पास पिछले 10 वर्षों का रिकॉर्ड भी मौजूद है, जो कि बिना उचित प्रबंधन के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण है। वे यह भी बताते हैं कि नए कमरे की स्थिति उनके लिए अपर्याप्त है, जिस पर वे कोई काम नहीं कर सकते हैं। कर्मचारियों का यह भी कहना है कि उन्हें बंधक की तरह रखा गया है, और इस प्रकार से अधिकारी उन्हें भटकाने का काम कर रहे हैं।

प्रशासनिक जिम्मेदारियों की उपेक्षा

कर्मचारियों की स्थिति और युवाओं की परेशानियाँ प्रशासन की उपेक्षा का एक स्पष्ट उदाहरण हैं। बेरोजगारी की समस्या से जूझ रहे ये युवा आज इस कार्यालय का दरवाजा खटखटाते रहते हैं, लेकिन अब उन्हें खाली हाथ लौटना पड़ रहा है। एडीसी दीपक बाबूलाल कारवा ने इस मुद्दे को अपने मुख्यालय के ध्यान में लाते हुए अगले कदम के लिए पत्र लिखा है, लेकिन यह सवाल बना हुआ है कि इस पूरी स्थिति का समाधान कब तक होगा।

युवाओं और कर्मचारियों में बढ़ती नाराजगी

इस अनिश्चितता के बीच कर्मचारियों और युवाओं में प्रशासन के प्रति नाराजगी बढ़ रही है। बेरोजगार युवाओं की मान्यता है कि यह कार्यालय उनके लिए आशा की एक किरण था, जहां उन्हें रोजगार की संभावनाएँ दिखाई देती थीं। लेकिन अब यह कार्यालय उनकी उम्मीदों पर पानी फेरता नजर आ रहा है।

समाधान की उम्मीदें

प्रशासन का ध्यान इस मामले की ओर खींचने की आवश्यकता है। जब सरकारी योजनाएँ और रोजगार संबंधी योजनाएँ ठीक प्रकार से संचालित नहीं हो रही हैं, तो क्या यह सच्चाई नहीं है कि युवाओं का भविष्य कहीं अंधकार में चला जा रहा है? जिला प्रशासन को इस स्थिति का गंभीरता से अवलोकन करना चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि ऐसी समस्याएँ दोबारा न हों।

कुल मिलाकर, यह स्थिति केवल एक कार्यालय की नहीं है, बल्कि यह श्रमिक युवाओं की उम्मीदों की भी कहानी है। आने वाला समय यह बताएगा कि कैथल का जिला प्रशासन इन चुनौतियों का समाधान कैसे करेगा और क्या वे उन युवाओं की उम्मीदें पूरी कर सकेंगे, जो रोजगार की तलाश में यहाँ आते हैं।

 

JOIN WHATSAAP CHANNEL

भारत न्यू मीडिया पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज, Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट , धर्म-अध्यात्म और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। National News in Hindi  के लिए क्लिक करें इंडिया सेक्‍शन

You may have missed