Kaithal News: पंचायत समिति के सदस्यों ने बीडीपीओ कार्यालय के मुख्य द्वार पर जड़ा ताला
नरेन्द्र सहारण, कलायत (कैथल) । Kaithal News: अपनी मांगों को लेकर पंचायत समिति के सदस्यों ने सोमवार को एक घंटे तक बीडीपीओ कार्यालय में धरना प्रदर्शन किया। बाद में प्रदर्शनकारियों ने कार्यालय के कर्मचारियों का काम रोककर उन्हें बाहर निकाल दिया और कार्यालय में ताला जड़ दिया। यह देखकर खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी ने पुलिस बुला ली। इसके बावजूद प्रदर्शन कर रहे ब्लाक समिति सदस्यों ने कार्यालय का ताला नहीं खोला और उन्हें गिरफ्तार करने की बात कही। बाद में प्रदर्शनकारियों ने अपनी मांगों के समर्थन में मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के नाम ज्ञापन सौंपा।
पंचायत समिति सदस्यों की मांगें
प्रदर्शन के दौरान कलायत खंड के सभी सदस्य मौजूद रहे। मांगों के बारे में प्रदर्शनकारियों का कहना था कि पंचायत समिति सदस्यों का मानदेय हजार प्रतिमाह किया जाए। पंचायत समिति के वार्ड के कार्यों के लिए राशि अलग-अलग स्कीम अनुसार बढ़ाई जाए और खर्च करने की सीमा दो करोड़ रुपये की जाए। ई-टेंडरिंग लागू होने से अब तक करवाए गए सभी कार्यों की समयावधि में हुई देरी की अनुशंसा विभाग की करवाई जाए। पंचायत समिति सदस्यों को वार्ड में काम करवाने का स्वतंत्र अधिकार दिया जाए। वार्ड स्तर पर कार्यवाही रजिस्टर लागू किया जाए।
इसके अलावा हरियाणा प्रदेश के ब्लॉक स्तर पर जो अंत्योदय भवन बंद पड़े है, उन्हें खोला जाए, ताकि अंतिम से वंचित को जनप्रतिनिधियों के माध्यम से जनकल्याण से जोड़ा जा सके। इन भवनों को ब्लॉक में स्थापित करने के कुछ समय बाद बंद कर दिया था। अध्यक्ष और उपाध्यक्ष को अपने ब्लॉक के विकास कार्यों की देखरेख के लिए परिवहन सहायक कार्यालय की सुविधा दी जाए। प्रदेश के सभी पंचायत समिति वार्डों के लोगों की समस्याएं जनप्रतिनिधियों के माध्यम में सूचीबद्ध तरीके से करवा प्रत्येक महीने खुला दरबार लगवाकर सुनी जाएं।
इसके अलावा मनरेगा मजदूरों को होने वाली परेशानियों के निवारण के लिए मनरेगा अधिकारी द्वारा ग्राम स्तर या ब्लाक स्तर पर निवारण मेलों का आयोजन करवाया जाए और उसकी प्रगति रिपोर्ट पंचायत समिति को प्रेषित की जाए। जिला योजना समिति (डी प्लान) के अनुदान में होने वाले विकास कार्यालयों में पंचायत समिति की सहभागिता सुनिश्चित की जाए। पंचायत समितियों के माध्यम से ढांचागत विकास सामुदायिक विकास एवं सामाजिक न्याय उत्थान की सभी योजनाएं जो चल रही है, उनको जनप्रतिनिधियों के माध्यम से जोड़ा जाए।
उन्होंने कहा कि ग्रामीण जीवन में पंचायत, पंचायत समिति या जिला परिषद जनप्रतिनिधि ही एकमात्र व्यवस्था है जो आम जन के साथ उनके जीवन से रूबरू होती है। जनप्रतिनिधियों का यह नैतिक कर्तव्य है कि वे अपने लोगों के जीवन स्तर को सामाजिक, आर्थिक व न्यायिक तौर पर समर्थन करने का हर संभव प्रयास करें, इसलिए मांग पत्र में रखे गए बिंदुओं पर सरकारविचार कर उन्हें लागू करे। इस मौके पर अशोक सहारण, कुशलपाल, मंजीत, सुभाष चंद्र, रणधीर सिंह, पिंकी, रामभूल, कुलदीप, शिवानी, ममता, कविता सहित सभी सदस्य मौजूद रहे।
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