Kaithal News: डोनाल्ड ट्रंप की जीत के पोस्टर लगे, भाजपा नेता ने बधाई दी, विधानसभा चुनाव में युवाओं के अमेरिका जाने का बना था मुद्दा

अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप के जीतने पर बधाई देते युवा भाजपा नेता गुरप्रीत सैनी।
नरेन्द्र सहारण, कैथल । Kaithal News: हरियाणा के कैथल शहर में इन दिनों अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव के नतीजों को लेकर खासा उत्साह देखा जा रहा है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की जीत की खुशी में कैथल के युवा भाजपा नेता गुरप्रीत सैनी ने पूरे शहर में जगह-जगह ट्रंप की जीत के बैनर और पोस्टर लगाए हैं। इन पोस्टरों में डोनाल्ड ट्रंप को उनकी जीत की बधाई दी गई है। गुरप्रीत सैनी का कहना है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच गहरी दोस्ती है, और इस रिश्ते को और मजबूती मिलने की उम्मीद में उन्होंने यह पहल की है।
ट्रंप-मोदी की दोस्ती के प्रतीक
गुरप्रीत सैनी ने बताया कि ट्रंप की जीत भारत और अमेरिका के रिश्तों को और मजबूत करेगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ट्रंप के बीच मित्रता दोनों देशों के लिए लाभकारी साबित हुई है, और यही कारण है कि उन्होंने ट्रंप की जीत का जश्न मनाने के लिए कैथल शहर में बैनर लगवाए। उनके अनुसार, यह दोस्ती आर्थिक और सामरिक क्षेत्र में भारत के हितों को आगे बढ़ाएगी। गुरप्रीत ने सोशल मीडिया पर भी ट्रंप की जीत का समर्थन किया है, जिससे यह पोस्टर और बैनर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर भी चर्चा का विषय बन गए हैं।
हरियाणा और अमेरिका के संबंधों पर असर
हरियाणा में अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव का माहौल इसलिए भी बना रहा है क्योंकि यहां से बड़ी संख्या में युवा विदेश, विशेष रूप से अमेरिका, जाकर नौकरी करना चाहते हैं। हरियाणा के करनाल, कुरुक्षेत्र, कैथल, और जींद जैसे जिलों से हजारों युवा विदेश जाने की कोशिश में लगे रहते हैं। अमेरिका में होने वाले चुनावों का असर इन इलाकों में खासतौर पर महसूस किया जाता है, क्योंकि यहां के लोग यह मानते हैं कि अमेरिकी राष्ट्रपति के फैसलों का सीधा असर उनके भविष्य और संभावनाओं पर पड़ सकता है।
हरियाणा चुनाव में भी उठा था मुद्दा
यह पहली बार नहीं है जब हरियाणा में अमेरिका का मुद्दा चर्चा में आया हो। हरियाणा विधानसभा चुनावों में भी कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इसे प्रमुख मुद्दा बनाया था। उन्होंने कहा था कि हरियाणा के युवाओं में विदेश जाने का क्रेज बढ़ता जा रहा है, और इसके पीछे रोजगार के अवसरों की कमी एक बड़ी वजह है। राहुल गांधी ने आरोप लगाया था कि हरियाणा के युवा रोजगार के लिए खेत बेचकर या भारी कर्ज लेकर अमेरिका जाने का जोखिम उठाते हैं। उन्होंने बताया था कि ये युवा अमेरिका पहुंचने के लिए तुर्की, कजाकिस्तान, कोलंबिया जैसे देशों के जरिए नदी मार्गों से खतरनाक यात्राएं करते हैं।
राहुल गांधी ने कहा था कि हरियाणा के लोग अमेरिका जाकर बहुत तकलीफें सहते हैं, लेकिन यहां रोजगार के अवसर नहीं होने की वजह से वे ऐसा करने के लिए मजबूर हैं। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि हर साल सैकड़ों युवा बेहतर जिंदगी की तलाश में अपनी जमीन बेचकर अमेरिका जाने का जोखिम उठाते हैं, जिससे राज्य में प्रवासन की समस्या गहराती जा रही है।
विदेश जाने का बढ़ता क्रेज
हरियाणा, जो कभी कृषि और सेना में युवाओं को भेजने के लिए जाना जाता था, अब धीरे-धीरे विदेश पलायन का गढ़ बनता जा रहा है। पहले सिर्फ बड़े जमींदार या व्यापारी अपने बच्चों को विदेश भेजते थे, लेकिन अब नौकरीपेशा लोग भी अपने बच्चों को विदेश में बेहतर भविष्य के लिए भेजने लगे हैं। राज्य में कृषि भूमि का बंटवारा और सेना में नौकरियों की कमी ने इस प्रवृत्ति को और बढ़ावा दिया है।
हरियाणा के युवाओं में कनाडा, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, जर्मनी, इटली जैसे देशों के प्रति आकर्षण बढ़ता जा रहा है। यहां तक कि कई युवा फिजी, अफ्रीकी और अरब देशों में भी रोजगार के अवसर तलाश रहे हैं। इस प्रवृत्ति के कारण राज्य के कई गांवों में अब केवल बूढ़े माता-पिता ही रह गए हैं। कुछ परिवारों ने तो अपने मकानों को भी प्रवासी भारतीयों को किराए पर दे दिया है।
स्थानीय अर्थव्यवस्था पर असर
विदेश पलायन के चलते हरियाणा की स्थानीय अर्थव्यवस्था और समाज पर भी प्रभाव पड़ रहा है। युवा पीढ़ी के विदेश जाने से यहां रोजगार की कमी का दुष्चक्र और गहराता जा रहा है। गुरप्रीत सैनी और अन्य स्थानीय नेताओं का मानना है कि ट्रंप-मोदी की मित्रता से अमेरिका में हरियाणवी युवाओं के लिए और बेहतर अवसर पैदा हो सकते हैं। इसलिए, वे ट्रंप की जीत का उत्साहपूर्वक समर्थन कर रहे हैं।
गुरप्रीत सैनी का यह कदम और ट्रंप की जीत का जश्न एक बड़े सामाजिक और आर्थिक संदर्भ को भी उजागर करता है, जिसमें हरियाणा के युवाओं का विदेश जाने का सपना और स्थानीय रोजगार की चुनौती शामिल है। उन्होंने यह भी कहा कि उनकी इस पहल का मकसद है कि दोनों देशों के रिश्ते और भी प्रगाढ़ हों और हरियाणा के युवाओं को विदेश में बेहतर अवसर मिल सकें।
इस मुद्दे को लेकर कैथल और अन्य जिलों में चर्चा अभी जारी है, और यह देखना दिलचस्प होगा कि यह चर्चा राज्य में रोजगार और विदेश पलायन से जुड़ी नीतियों को कैसे प्रभावित करती है। हरियाणा के युवाओं की उम्मीदें अब इस बात पर टिकी हैं कि आने वाले दिनों में उन्हें अपने राज्य में ही रोजगार के बेहतर अवसर मिलें।
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