Lok Sabha Election 2024: बृजभूषण की जगह बेटे करण को मिला टिकट, कैसरगंज सीट पर भाजपा ने कैसे तय किया उम्मीदवार
लखनऊ, बीएनएम न्यूजः भाजपा ने गुरुवार को कैसरगंज सीट से प्रत्याशी के नाम की घोषणा कर दी। इसी के साथ उत्तर प्रदेश की चर्चा में रहने वाली तीसरी सीट का सस्पेंस भी दूर हो गया। भाजपा ने गुरुवार को प्रत्याशियों की अपनी 17वीं सूची जारी की। इस कैसरगंज सीट से सांसद बृजभूषण शरण सिंह का टिकट काटा गया, लेकिन पार्टी ने उन्हीं के बेटे करण भूषण सिंह को प्रत्याशी भी बना दिया।
आपका टिकट काटना पड़ रहा
अब चलते हैं सात महीने पीछे, जब मीडिया बातचीत के दौरान बृजभूषण शरण सिंह से पूछा गया कि क्या आपको टिकट मिल रहा है, तब उन्होंने काफी रौबदारी में कहा कि कौन काट रहा है उसका नाम बताओ….काटोगे आप….काटोगे….काट पाओ काट लेना’। सात महीने पहले जो बृजभूषण शरण सिंह पूछ रहे थे कि, कौन काटेगा टिकट…. उन्हें 2 मई 2024 को कैसरगंज में पर्चा भरने की आखिरी तारीख से ऐन पहले फोन करके बता दिय गया कि आपका टिकट काटना पड़ रहा है। आपके बेटे करण भूषण सिंह का टिकट फाइनल हुआ है। नाम सामने आते ही अब फिजा में गूंजने वाला नारा थोड़ा लंबा हो गया था। जहां पहले अकेले बृजभूषण का नाम गूंज रहा था, अब वहां करण भूषण के नाम का नारा भी गूंज रहा था। सांसद जी जिंदाबाद….करण भैया सांसद जी जिंदाबाद…जिंदाबाद।
यूपी कुश्ती संघ के प्रमुख हैं करण
34 साल के करण भूषण सिंह यूपी कुश्ती संघ के प्रमुख हैं। सांसद पिता का टिकट काटकर अब बेटे करण को कैसरगंज से टिकट मिला है। जिसके बाद अब तक खुद प्रचार में ताकत दिखाकर अपने टिकट के एलान का इंतजार करते बाहुबली बृजभूषण शऱण सिंह अब बेटे के नाम टिकट दिल्ली से आने पर कहते हैं, पार्टी का फैसला सिर आँखों पर।
#WATCH | Gonda, Uttar Pradesh: BJP candidate from Kaiserganj Lok Sabha seat Karan Bhushan Singh says, “I am grateful to the people of Kaiserganj. I extend my gratitude to the BJP for making me a candidate… I will file my nomination tomorrow…” pic.twitter.com/qcaQw0MeYV
— ANI (@ANI) May 2, 2024
लंबे वक्त से था बृजभूषण को फैसले का इंतजार
पार्टी के फैसले का इंतजार तो खुद बृजभूषण शरण सिंह ही लंबे वक्त से कर रहे थे। खुद ही गोंडा और बहराइच के बीच बंटे हुए कैसरगंज लोकसभा सीट पर जमकर प्रचार करते रहे। यहां तक कि प्रत्याशी के नाम पर जनता को उम्मीद बंधाए रहे। कहते थे ‘कैंडिडेट का नाम सुनेंगे तो आप खुश हो जाएंगे। जहां तक हमारा सवाल है, होइहें वही जो राम रचि राखा, तर्क-वितर्क की जरूरत नहीं। अच्छा सोचा होगा, अच्छी उम्मीद करनी चाहिए।
टिकट का ऐलान होने पर क्या बोले बृजभूषण
बृजभूषण उम्मीद तो अपनी लगाए थे, लेकिन निशाना शूटिंग के नेशनल प्लेयर बेटे करण भूषण सिंह का फिट बैठा, क्योंकि पिता बृजभूषण शरण सिंह के लिए ग्रह नक्षत्र सही नहीं चल रहे थे। टिकट का ऐलान होने के बाद बृजभूषण शरण सिंह ने कहा भी कि ‘हम पार्टी से बड़े नहीं, ये तबतक था, जब तक निर्णय नहीं आया था, अब सब खत्म।’ उन्होंने कहा कि ‘पार्टी हमसे बड़ी है,हम पार्टी के फैसले से खुश है जनता खुश है। पार्टी का निर्णय आ गया है।’
#WATCH | Gonda, UP | On his son getting election ticket from Kaiserganj, BJP MP Brij Bhushan Sharan Singh says, “I thank the party for this. Nomination will be filed tomorrow.” pic.twitter.com/eP7pzqpy0u
— ANI (@ANI) May 2, 2024
करण भूषण को टिकट दिए जाने के मायने
बृजभूषण शरण सिंह ने जो अपने लिए सोचा वो क्यों नहीं हो पाया? क्या इसलिए क्योंकि एक तरफ महिला पहलवानों के लगाए हुए आरोप यौन शोषण से जुड़े मामले में कोर्ट में चलता केस, हरियाणा में अभी वोटिंग बाकी है। जाट वोटर की नाराजगी की आशंका कायम है। दूसरी तरफ कर्नाटक में एनडीए की साथी जेडीएस के सांसद रेवन्ना पर यौन शोषण का आरोपों पर सियासत भारी है। क्या इन सबके बीच बृजभूषण शरण सिंह के बेटे को टिकट दे दिया गया।
कैसे साधा गया है समीकरण
बृजभूषण शरण सिंह एक किस्सा पिछले साल सुनाते थे। किस्सा यूं था कि 2014 में वह खुद नहीं बल्कि बेटे प्रतीक भूषण को लोकसभा चुनाव लड़ाना चाहते थे, लेकिन पार्टी ने उन्हें ही टिकट दिया। इस बार बृजभूषण खुद टिकट चाहते थे, लेकिन बेटे करण भूषण को टिकट मिला। शायद इसलिए क्योंकि क्षत्रिय वोट की नाराजगी की कोई आशंका न रहे। दूसरी बात करण भूषण पर कोई आरोप नहीं है। कुश्ती संघ से पांच साल से जुड़े होने की वजह से करण भूषण की पकड़ ठाकुर-यादव दोनों के बीच अच्छी कही जाती है। यानी विवाद औऱ आरोपों का सांप भी मर गया और मजबूत चेहरे व वोट की लाठी भी नहीं टूटी।
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