Loksabha Election 2024: कांग्रेस के साथ हर कीमत पर तृणमूल कांग्रेस क्यों चाहती है समझौता करना, सामने आई सच्चाई

कोलकाता, BNM News। Loksabha Election 2024: लोकसभा चुनाव की उल्टी गिनती शुरू हो गई है। इसके राज्यवार रणनीति बनाई जाने लगी है। इसके लिए इंडिया गठबंधन में भी रणनीति बन रही है। बंगाल में सत्ताधारी पार्टी तृणमूल कांग्रेस मुस्लिम वोटों की खातिर अगले साल होने वाला लोकसभा (लोस) चुनाव कांग्रेस के साथ मिलकर लड़ना चाहती है। पिछले पंचायत चुनाव में तृणमूल कांग्रेस कई मुस्लिम बहुल क्षेत्रों में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाई थी। कुछ जगहों पर कांग्रेस, कुछ पर वाममोर्चा तो कहीं फुरफुरा शरीफ के पीरजादा अब्बास सिद्दीकी की पार्टी इंडियन सेक्युलर फ्रंट का हाथों उसे हार झेलनी पड़ी थी। इसका मुख्य कारण मुस्लिम वोटों का बंट जाना था। लोकससभा चुनाव में ऐसी नौबत न आए, इसलिए तृणमूल कांग्रेस का साथ चाहती है।

बंगाल में तृणमूल को मुस्लिमों का वोट बंटने का सता रहा डर

उल्लेखनीय है कि बंगाल की लगभग 30 प्रतिशत आबादी मुस्लिमों की है। दूसरी तरफ बंगाल कांग्रेस अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी तृणमूल के साथ गठबंधन के पक्ष में नहीं हैं। उन्होंने पार्टी हाइकमान को अपने रूख से अवगत करा दिया है, हालांकि बंगाल कांग्रेस का एक वर्ग तृणमूल से गठबंधन के पक्ष में है। प्रदेश युवा कांग्रेस के अध्यक्ष अजहर मल्लिक ने कहा कि भाजपा को हराने के लिए जिसके साथ गठबंधन करने से लाभ होगा, उसी से किया जाना चाहिए। बंगाल के मुस्लिम भी यही चाहते हैं।

वाममोर्चा के साथ गठबंधन करना चाहते हैं अधीर

इस पर प्रदेश कांग्रेस के एक नेता ने नाम प्रकाशित नहीं करने की शर्त पर कहा कि बात सिर्फ मुस्लिम वोट बैंक की बात नहीं है। किसी के साथ भी गठबंधन करने से पहले हाईकमान को इस बात पर विशेष रूप से ध्यान देना होगा कि इससे पार्टी को और नुकसान न हो। अतीत के कुछ गलत निर्णयों के कारण बंगाल में पार्टी की स्थिति पहले से ही काफी खराब है। सियासी विश्लेषकों ने कहा कि तृणमूल भले कांग्रेस का साथ चाहती है लेकिन लोकससभा चुनाव में उसके लिए दो से ज्यादा सीटें छोड़ने को तैयार नहीं है। अधीर रंजन चौधरी वाममोर्चा के साथ गठबंधन कर अधिक से अधिक सीटों पर चुनाव लड़ने के पक्ष में है। पार्टी के कुछ नेता यह भी चाहते हैं
कि कांग्रेस किसी से भी गठबंधन न करके अपने बूते चुनाव लड़े।