Jagdeep Dhankhar: महात्मा गांधी महापुरुष, नरेंद्र मोदी हैं इस सदी के युगपुरुष, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ का बड़ा बयान

मुंबई, एजेंसी: उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ (Jagdeep Dhankhar) ने महात्मा गांधी (Mahatma Gandhi) को पिछली सदी का ‘महापुरुष’ बताया है। वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) को इस सदी का ‘युगपुरुष’ करार दिया। धनखड़ ने कहा क‍ि महात्मा गांधी ने सत्याग्रह और अहिंसा के माध्यम से हमें अंग्रेजों की गुलामी से मुक्त कराया। भारत के सफल प्रधानमंत्री मोदी हमें उस रास्ते पर ले गए, जहां हम हमेशा जाना चाहते थे। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ सोमवार को मुंबई में जैन विचारक और दार्शनिक श्रीमद राजचंद्रजी की जयंती समारोह में बोल रहे थे। नरेन्द्र मोदी इस सदी के युग पुरुष हैं। महात्मा गांधी ने हमें अहिंसा और सत्याग्रह के जरिये अंग्रेजों की गुलामी से आजादी दिलाई। जबकि भारत के सफल प्रधानमंत्री मोदी ने हमें उस राह पर पहुंचा दिया जहां हम हमेशा होना चाहते थे। उन्होंने हमें मंजिल से मिलाया।

उप राष्ट्रपति धनखड़ ने सोमवार को 19वीं सदी में जैन धर्म के सुधारक, कवि और विचारक श्रीमद राजचंद्रजी के जन्म शताब्दी कार्यक्रम में कहा कि अगर महात्मा गांधी आज जीवित होते तो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के स्वच्छ भारत अभियान की बहुत प्रशंसा करते। धनखड़ ने जैन गुरु और विचारक श्रीमद राजचंद्रजी के जन्म शताब्दी समारोह में उनकी एक कलाकृति का अनावरण किया। जैन धर्म की शिक्षाओं के लिए विख्यात राजचंद्रजी का जन्म गुजरात में 1867 में और निधन 1901 में हुआ था। उप राष्ट्रपति धनखड़ ने इस अवसर पर कहा कि वह महात्मा गांधी का धार्मिक मार्गदर्शन करने के लिए भी जाने जाते हैं। दोनों महापुरुषों राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और पीएम मोदी में एक और समानता यह है कि यह दोनों ही श्रीमद राजचंद्रजी का सम्मान करते थे। राजचंद्रजी इतने महान थे कि उन्होंने महात्मा गांधी और मोदी दोनों को ही प्रेरित किया है।

उन्होंने कहा कि बाहरी ताकतें इस देश के विकास का विरोध कर रही हैं। ऐसी ताकतें हैं जो इस देश के विकास को हजम नहीं कर पा रही हैं और वह हमारे खिलाफ एकजुट हो रही हैं। देश में जब भी कुछ अच्छा होता है, यह अलग ही मोड में चलने लगती हैं। ऐसा नहीं होना चाहिए। यह खतरा बहुत बड़ा है। हमारे इर्द-गिर्द ये जो देश हैं इनके इतिहास 300 या 500 या 700 साल पुराने हैं। लेकिन हमारा इतिहास पांच हजार साल से भी पुराना है।

श्रीमद राजचंद्र मिशन क्‍या है?

श्रीमद राजचंद्र मिशन, धरमपुर एक वैश्विक आंदोलन है, जो साधकों के आध्यात्मिक विकास को बढ़ाने और समाज को लाभ पहुंचाने का प्रयास करता है। मिशन का अंतरराष्ट्रीय मुख्यालय गुजरात के धरमपुर में स्थित है। मिशन के कई सत्संग केंद्र, श्रीमद राजचंद्र युवा समूह और श्रीमद राजचंद्र दिव्य स्पर्श केंद्र हैं। श्रीमद राजचंद्रजी और महात्मा गांधी की पहली मुलाकात 1891 में मुंबई में हुई थी, जब वह (गांधी) एक युवा बैरिस्टर के रूप में इंग्लैंड से लौटे थे।

You may have missed