Mandi Loksabha Seat: कंगना रनौत के खिलाफ भाजपा की ही शक्ति का प्रयोग कर आगे बढ़ना चाहते हैं विक्रमादित्य सिंह
मंडी : Mandi Loksabha Seat: प्रतिद्वंद्वी जिस शक्ति के सहारे खेल रहा हो, उसी के साथ स्वयं को जोड़ कर आगे बढ़ने की राह भी राजनीति में खोजी जाती है। यह सब आजकल कर रहे हैं लोकसभा चुनाव में हाट सीट बन चुकी मंडी में कांग्रेस प्रत्याशी विक्रमादित्य सिंह। सामने भारतीय जनता पार्टी की प्रत्याशी कंगना रनौत हैं। विक्रमादित्य इन दिनों राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और विश्व हिंदू परिषद का आह्वान कर रहे हैं कि वह मंडी में सनातन धर्म पर छाए खतरे से निपटें। कभी कहते हैं कि कोई क्या खाए, क्या पीए, उससे अंतर नहीं पड़ता किंतु फिर खुद ही गोमांस पर कंगना की पुरानी एक्स पोस्ट को चर्चा में ला रहे हैं। उन्हें यह भी आपत्ति है कि कंगना रनौत नए-नए परिधान क्यों पहन रही हैं। क्योंकि श्रीराम मंदिर एक बड़ा विषय है, इसलिए वह अपने स्वर्गीय पिता वीरभद्र सिंह के मुख्यमंत्री रहते बने मतांतरण विरोधी कानून का जिक्र भी करते हैं और स्वयं को 22 जनवरी के लिए अयोध्याजी के न्योते का भी गर्व के साथ वर्णन करते हैं। वह यह सब इसलिए कर रहे हैं क्योंकि वे जानते हैं कि हिमाचल प्रदेश में यह विषय है।
मंडी का चुनाव फिलहाल कंगना बनाम विक्रमादित्य बना
हालांकि कंगना रनौत बार-बार गोमांस वाली एक्स पोस्ट पर सफाई दे चुकी हैं, फिर भी विक्रमादित्य संघ परिवार और विश्व हिंदू परिषद का नाम लेकर यह बता रहे हैं कि उनके पिता के समय से परिवार का अच्छा संबंध रहा है। पूर्व में सनातन, राष्ट्रवाद और राम मंदिर जब जब चर्चा का विषय बना, विक्रमादित्य सिंह पार्टी लाइन से हटकर हिंदू संगठनों या फिर मोदी सरकार के साथ खड़े दिखे थे। जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 समाप्त करने के निर्णय का उन्होंने इंटरनेट मीडिया पर पोस्ट शेयर कर मोदी सरकार का समर्थन किया था। कांग्रेस पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा का न्योता ठुकरा दिया था, विक्रमादित्य सिंह वहां गए थे। हालांकि यह तय नहीं था कि वह मंडी से चुनाव लड़ेंगे किंतु यह तो सब जानते थे कि लोकसभा चुनाव में राम मंदिर भी एक बड़ा मुद्दा होगा। मंडी का चुनाव फिलहाल कंगना बनाम विक्रमादित्य बना हुआ है। उन्हें इस बात का भी आभास है कि कहीं यह चुनाव मोदी बनाम विक्रमादित्य बन गया तो फिर चुनावी रण में जंग इतनी आसान नहीं होगी जितनी इस समय दिख रही है। इसी बात को ध्यान में रख वह अपनी जीत सुनिश्चित करने के लिए हिंदुत्व का सहारा ले रहे हैं। बार-बार जय श्रीराम का नारा लगा हिंदुत्व का मुद्दा छीनने का प्रयास कर रहे हैं। संघ से जुड़े एक शीर्ष पदाधिकारी कहते हैं कि यदि विक्रमादित्य सिंहको गोमांस के किसी पुराने ट्वीट से इतनी समस्या है तो केरल में सार्वजनिक रूप से गोमांस खाने वालों का समर्थन कांग्रेस क्यों कर रही है।
मैं हिमाचल की बेटी, नहीं चाहिए कांग्रेस का प्रमाणपत्र : कंगना
मंडी संसदीय क्षेत्र से भाजपा प्रत्याशी कंगना रनौत ने उन्हें बाहरी बताने पर पलटवार करते हुए कहा कि वह हिमाचल की बेटी हैं और उन्हें कांग्रेस से प्रमाणपत्र नहीं चाहिए। उन्होंने कांग्रेस नेताओं से पूछा कि क्या देश-विदेश में जाकर आजीविका कमाने वाले हिमाचली नहीं हैं। वह भी रोजगार की तलाश में मुंबई गई थी। उनके रिश्तेदार यहां पर हैं। नाचन विधानसभा क्षेत्र के चैलचौक में रोड शो के बाद पन्ना प्रमुख सम्मेलन में कंगना ने कहा कि यह चुनाव धर्म और अधर्म के बीच हो रहा है। भाजपा धर्म व कांग्रेस अधर्म यानी भ्रष्टाचारियों के साथ खड़ी है। मोदी व मेरे नाम से कांग्रेस कांप रही है।
कंगना की विवादित तस्वीर प्रसारित करने पर की शिकायत
कंगना रनौत की विवादित तस्वीर इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित करने के विरोध में भाजपा चुनाव विभाग के पास पहुंच गई है। भाजपा ने हमीरपुर यूथ कांग्रेस की ओर से की गई आपत्तिजनक पोस्ट की शिकायत राज्य मुख्य निर्वाचन अधिकारी को भेजी है। प्रदेश भाजपा के मीडिया प्रभारी करण नंदा की ओर से यह शिकायत भेजी गई है।
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