Mathura News: परमात्मा से मिलने की चिट्ठी छोड़ मालगाड़ी से कटकर तीन किशोरियों ने दे दी थी जान

माही, गौरी और माया। फाइल

मथुरा, बीएनएम न्यूज : Mathura News: 4 दिन पहले दिल्ली-आगरा रेलवे ट्रैक पर मालगाड़ी के सामने छलांग लगाने वालीं मां-बेटियां नहीं बल्कि तीन सहेलियां थीं। बिहार के मुजफ्फरपुर से तीनों किशोरियां 13 मई को परमात्मा से मिलने जाने की चिट्ठी छोड़कर घर से निकलीं थीं। एक किशोरी के कपड़े पर मिले टेलर के स्टिकर के जरिए पुलिस ने मुजफ्फरपुर पुलिस से संपर्क किया था। मंगलवार को पहुंचे स्वजन ने तीनों के कपड़ों से शिनाख्त कर ली है। तीनों मथुरा तक कैसे पहुंची, यह गुत्थी अभी तक उलझी है।

24 मई को तीन किशोरियों की थी आत्महत्या

24 मई की दोपहर 1.20 बजे मालगाड़ी के सामने कूदकर तीन लड़कियों ने आत्महत्या की थी। शव के टुकड़ों को देखकर पुलिस ने मां और दो बेटियों द्वारा आत्महत्या का अनुमान लगाया था। एक किशोरी की शर्ट पर ग्लोब टेलर मुजफ्फरपुर का स्टिकर मिला था। पुलिस ने मुजफ्फरपुर पुलिस से संपर्क किया। वहां से जानकारी मिली कि टाउन थाने में 22 मई को तीन किशोरियों माया, गौरी और माही की गुमशुदगी दर्ज है। तीनों की उम्र 13 से 14 वर्ष के बीच है।

बैग से मिली चिट्ठी से जानकारी मिली

मंगलवार दोपहर पहुंचे स्वजन ने तीनों के कपड़ों से 14 वर्षीय माही, 14 वर्षीय गौरी और 13 वर्षीय माया के रूप में की। तीनों ने इस वर्ष नौवीं कक्षा पास की थी। एसआइ मोहन कुमार ने बताया कि माया की मां सोनी देवी ने बताया कि बेटी के बैग से चिट्ठी मिली। इसमें लिखा था कि माया, गौरी व माही तीनों परमात्मा से मिलने के लिए धाम जा रही हैं। घरवाले ढूंढने की कोशिश न करें। तीन माह बाद परमात्मा से मिलकर लौट आएंगी। माही के मोबाइल की 21 मई को लोकेशन कानपुर में मिली। दोनों के मोबाइल बंद थे। इसके बाद माही का मोबाइल भी स्विच आफ हो गया। एसपी सिटी डा.अरविंद कुमार ने बताया कि किशोरियां मथुरा तक कैसे आईं, मुजफ्फरपुर पुलिस इसकी जांच करेगी।

मां की मौत के बाद भक्ति में डूब गई माही

मुजफ्फरपुर के अखाड़ाघाट की रहने वाली माही‎ नौवीं क्लास में पढ़ती थी। वह छोटी ‎थी, जब उसकी मां ने दुनिया छोड़ दी। उसके बाद माही के जीवन में भटकाव ‎‎आने लगा। भक्ति में डूबी माही के ‎‎दिमाग में यह बैठ गया कि यह शरीर नश्वर‎ है। वह मां की मौत के बाद भी बात‎ करने का दावा करने लगी। कहती थी यह शरीर नश्वर‎ है। यह कभी मरता नहीं। अमरत्व प्राप्त‎ करता है। यही बात माही के साथ कोचिंग में पढ़ रही योगियामठ इलाके की गौरी और माया के‎ दिमाग में भी बैठ गई।

माही के घर में मिला लेटर

माही के घर से एक लेटर भी मिला, जिसमें लिखा है, जीवन में कुछ परेशानियां चल रही हैं। बाबा ने बुलाया है। इसके बाद सब ठीक हो जाएगा। तीन महीने तक हम लोगों की खोजबीन नहीं कीजिएगा। हम आध्यात्म की खोज में जा रहे हैं।

तीनों के शवों के डीएनए टेस्ट किया गया

28 मई को तीनों छात्राओं के परिजनों‎ के साथ मुजफ्फरपुर पुलिस ने मथुरा पहुंच‎कर शवों की पहचान कराई। पहचान होने के बावजूद पुलिस ने डीएनए टेस्ट‎ कराने का फैसला लिया है। तीनों एक साथ‎ हाथ पकड़ कर मालगाड़ी के सामने आ गई। ‎इसका प्रमाण भी मथुरा पुलिस ने‎ मुजफ्फरपुर पुलिस को मालगाड़ी के ड्राइवर ‎से हुर्ई बातचीत का ऑडियो देकर किया है। ‎मंगलवार को मुजफ्फरपुर के एएसपी भानू प्रताप सिंह,‎ साइबर डीएसपी सीमा देवी और इंस्पेक्टर ‎विजय कुमार ने मामले की छानबीन की। ‎तीनों लड़कियों के कॉपी, किताब और ‎मोबाइल की जांच की गई। जनवरी से तीनों ने मांस-मछली खाना छोड़ दिया था। शरीर‎ नश्वर है। मृत्यु अमरत्व को प्राप्त करता है। ‎यही सब यूट्यूब पर देखती रहती थीं।‎

कानपुर में हुआ मोबाइल फोन स्विच ऑफ

 

पोस्टमॉर्टम हाउस पहुंचे माही के पिता मनोज कुमार ने बताया कि उनकी बेटी 13 मई को घर से निकली थी। इसकी सूचना पुलिस को दी। जिसके बाद लोकेशन तलाशी तो फोन कानपुर में आकर स्विच ऑफ हो गया। तीनों मथुरा कैसे पहुंचीं, उन्होंने आत्महत्या क्यों की कुछ समझ नहीं आ रहा।

मालगाड़ी के ड्राइवर के ऑडियो क्लिप से‎ तीनों की आत्महत्या करने का खुलासा‎

 

ऑडियो में मालगाड़ी ट्रेन के चालक कह रहा है कि तीनों ‎लड़कियों ने एक-दूसरे का हाथ पकड़ रखा था। वे मथुरा‎ जंक्शन की ओर से रेल ट्रैक पर आ रही थीं। ट्रेन करीब 60 ‎किमी की रफ्तार से चल रही थी। तीनों लड़कियां बगल वाले‎ ट्रैक पर चल रही थीं। 80-90 मीटर पहले तीनों लड़कियां ‎अचानक मालगाड़ी वाले ट्रैक पर पहुंच गई। इस दौरान ब्रेक ‎लगाना मुश्किल हो रहा था। चंद सेकेंड बाद तीनों लड़कियां‎ ट्रेन से कट गईं।‎

बहन से कहा था- 2-3 घंटे में आ जाएंगे

गौरी की छोटी बहन पीहू कुमारी (09) का बयान सामने आया है। 13 मई को मंदिर जाने के समय गौरी की छोटी बहन पीहू भी साथ में मंदिर गई हुई थी। उसने बताया कि हम चारों साथ में गरीब नाथ मंदिर गए। वहां से पूजा करने के बाद सीधे रेलवे स्टेशन गए। उसके बाद मेरी दीदी गौरी ने टिकट काउंटर से तीन टिकट लिया। इसके बाद वो तीनों चलती ट्रेन में बैठने के बाद मुझे बोली कि घर जाओ, हम दो-तीन घंटे में आएंगे। इसके दो दिन बाद मैने इसकी जानकारी अपने परिजनों को दी, क्योंकि वह काफी डर गई थी।

प्रेमानंद बाबा का सत्संग सुना करती थी

गौरी के चाचा अमित कुमार रजक ने बताया कि गौरी इधर कुछ महीने से पूजा-पाठ ज्यादा करने लगी। नॉनवेज भी खाना बंद कर दिया था। हम लोगों को भी खाने से मना करती थी। काफी समय से प्रेमानंद बाबा का सत्संग सुना करती थी। उसके पास कोई मोबाइल फोन नहीं था। उसकी सहेली माही घर के मोबाइल फोन पर कॉल करती थी। हम लोग उससे बात करवा दिया करते थे। बच्चियों ने 4-5 इंस्टाग्राम ID बनाया था। इस पर पूजा-पाठ और सत्संग का वीडियो देखा करती थी। फिलहाल पुलिस मोबाइल फोन, गौरी और माया की बहन से घटना की जानकारी जुटा रही है।

 

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