अरविंद केजरीवाल पर चलेगा मनी लांड्रिंग का मुकदमा, केंद्रीय गृह मंत्रालय से मिली मंजूरी, जानें क्‍या है मामला

नई दिल्ली : केंद्रीय गृह मंत्रालय ने ईडी को दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल के विरुद्ध आबकारी नीति से जुड़े मनी लांड्रिंग मामले में मुकदमा चलाने की मंजूरी दे दी है। ईडी ने पिछले वर्ष मार्च में केजरीवाल को गिरफ्तार करने के बाद प्रिवेंशन आफ मनी लांड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) कोर्ट में केजरीवाल के विरुद्ध आरोप पत्र दाखिल किया था। केजरीवाल इस मामले में फिलहाल जमानत पर हैं और नई दिल्ली सीट से दिल्ली विधानसभा चुनाव लड़ रहे हैं।

ईडी ने दिल्ली के उपराज्यपाल के जरिये अनुरोध किया था

अधिकारियों ने बताया कि केंद्रीय गृह मंत्रालय इस तरह के अनुरोध को मंजूरी देने के लिए सक्षम प्राधिकारी है और ईडी ने दिल्ली के उपराज्यपाल के जरिये इस आशय का अनुरोध किया था। इस मामले में अन्य आरोपति सरकारी अधिकारियों के लिए भी इसी तरह की मंजूरी प्राप्त की गई है जिनमें दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया भी शामिल हैं। यह घटनाक्रम पांच फरवरी को होने वाले दिल्ली विधानसभा चुनावों से पहले हुआ है। ईडी अब उन सभी आरोपित नेताओं, मंत्रियों और ब्यूरोक्रेट्स के विरुद्ध सीआरपीसी की धारा 197(1) के तहत ऐसी मंजूरी की मांग कर रही है जिनके विरुद्ध उसने आरोप पत्र दाखिल किया है या करने वाली है। यह कदम सुप्रीम कोर्ट के नवंबर, 2024 के फैसले के बाद उठाया गया है, जिसमें कहा गया था कि ईडी को सीबीआइ की तरह इस प्रक्रिया का पालन करना होगा।

आरोपित बनाया गया

केजरीवाल को उनकी व्यक्तिगत क्षमता के साथ-साथ आप के राष्ट्रीय संयोजक के रूप में भी आरोपित बनाया गया है। पूर्व मुख्यमंत्री को ईडी ने दिल्ली आबकारी घोटाले का मुख्य सूत्रधार और प्रमुख साजिशकर्ता बताया है। आरोप है कि उन्होंने दिल्ली सरकार के मंत्रियों, आप नेताओं और अन्य के साथ मिलीभगत से यह काम किया। ईडी ने पहले दावा किया था कि आप एक राजनीतिक पार्टी होने के नाते भारत के नागरिकों का एक संघ या निकाय है और इसलिए इसे पीएमएलए की धारा-70 के तहत कंपनी के रूप में वर्गीकृत किया जा सकता है।

अपराध के समय केजरीवाल उक्त कंपनी यानी आप के प्रभारी थे। इसलिए वह और उनकी पार्टी मनी लांड्रिंग रोधी कानून के तहत उल्लिखित अपराधों के लिए दोषी माने जाएंगे, उन पर मुकदमा चलाया जाएगा और दंडित किया जाएगा। गौरतलब है कि आबकारी मामला 2021-22 के लिए दिल्ली सरकार की आबकारी नीति को तैयार करने और लागू करने में कथित भ्रष्टाचार व मनी लांड्रिंग से संबंधित है। इस नीति को बाद में रद कर दिया गया था।

केजरीवाल को अवैध रूप से डाला गया था जेल में: आप

 

आप संयोजक अरविंद केजरीवाल के खिलाफ गृह मंत्रालय की अभियोजन स्वीकृति पर आम आदमी पार्टी ने प्रतिक्रिया दी है। आप ने कहा कि हम जो देख रहे हैं वह देश के इतिहास में एक अभूतपूर्व मामला है। जहां तत्कालीन मुख्यमंत्री और दो राज्य सरकारों वाली राष्ट्रीय पार्टी के प्रमुख अरविंद केजरीवाल को बिना स्वीकृति के जेल में डाल दिया गया और फिर अदालतों ने उन्हें जमानत दे दी।

ईडी-सीबीआइ का इस्तेमाल पिंजरे में बंद तोते की तरह

 

आप ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने ही टिप्पणी की थी कि ईडी-सीबीआइ का इस्तेमाल पिंजरे में बंद तोते की तरह किया जा रहा है। आप के अनुसार, पीएमएलए कोर्ट ने स्पष्ट रूप से कहा कि केजरीवाल के खिलाफ कोई सुबूत नहीं है। अब यह बात सामने आ रही है कि यह सब अभियोजन स्वीकृति के बिना किया जा रहा था। आप ने कहा कि नवंबर 2022 में मामला दर्ज होने के दो साल बाद, ईडी-सीबीआइ ने भाजपा के आदेश पर काम करते हुए अरविंद केजरीवाल को अवैध रूप से जेल में डाल दिया और अब जाकर उन पर मुकदमा चलाने की स्वीकृति मिली है।

यह भी देखिए, भाजपा कर क्या रही है। आप ने कहा कि उन्होंने हमारे नेताओं को जेल में डाला, हमें जमानत मिल गई और यह स्पष्ट हो गया कि हमारे खिलाफ कोई सुबूत नहीं है और अब वे ऐसी स्वीकृति मांग रहे हैं, जो उनके पास नहीं थी। आप ने कहा कि भाजपा द्वारा एजेंसियों का दुरुपयोग सबके सामने है। यह सत्ता के दुरुपयोग की हद को दर्शाता है, खासकर जब चुनाव नजदीक हों। आप नेताओं को बदनाम करने के लिए झूठे मामले दर्ज करने की उनकी पुरानी आदत साफ दिखाई देती है, लेकिन जनता अब उनकी हरकत को समझ चुकी है।

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