Mukhtar Ansari Death : क्या माफिया मुख्तार अंसारी की मौत से होंगी ध्रुवीकरण की कोशिशें, बीजेपी हुई सतर्क
लखनऊ, BNM News : Mukhtar Ansari Death : लोकसभा चुनाव की सरगर्मी के बीच माफिया मुख्तार अंसारी की मौत के बाद जहां विपक्षी दलों ने सियासी पैंतरे दिखाते हुए सत्ताधारी दल पर हमले शुरू कर दिए हैं तो भाजपा भी कानून-व्यवस्था के मुद्दे पर आक्रामक तरीके से मुखर होकर पलटवार करेगी। उत्तर प्रदेश की कानून एवं व्यवस्था को देश में नजीर बताने का कोई मौका नहीं चूकने वाली भाजपा मुख्तार की मौत से उपजी परिस्थितियों में प्रदेश में संगठित अपराध के खात्मे का श्रेय चुनावी मंचों से जरूर लेगी।
विपक्षी दल कर रहे हमला
लोकसभा चुनाव की तपिश के दौरान मुख्तार की मौत से पैदा हुए हालात और पिछले वर्ष निकाय चुनाव के दौरान प्रयागराज में माफिया अतीक-अशरफ की हत्या से उपजी परिस्थतियों में भाजपा बनाम विपक्षी दलों के बीच जो राजनीतिक द्वंद् दिख रहा है, उनमें काफी हद तक समानता है। फर्क इतना है कि तब पुलिस अभिरक्षा में अतीक-अशरफ की हत्या को लेकर हंगामा हुआ था और अब मुख्तार की मृत्यु को लेकर विपक्षी दल संदेह कर रहे हैं, तब भी भाजपा ने कानून-व्यवस्था पर नकेल कसने की अपनी प्रतिबद्धता को जनता के बीच मजबूती से रखते हुए विपक्षी दलों पर धारदार तरीके से पलटवार किया था।
यूपी में कानून-व्यवस्था का मुद्दा चर्चा में आया
संगठित अपराध के सूत्रधार के तौर पर मुख्तार अंसारी उत्तर प्रदेश का सबसे कुख्यात नाम था। योगी सरकार की मजबूत पैरवी की बदौलत ही पिछले डेढ़ वर्षों के दौरान कानून के मोर्चे पर मिली शिकस्त दर शिकस्त के कारण उसके आतंक का तंत्र लगातार बेबस और पंगु होता दिख रहा था। उसकी मौत से अपराध के एक अध्याय का अंत होने के साथ चुनावी सरगर्मी के बीच कानून-व्यवस्था का मुद्दा फिर जोरशोर से चर्चा में आ गया है। भाजपा उत्तर प्रदेश में माफियाराज पर नकेल कसने को अपनी बड़ी उपलब्धि बताती रही है। मुख्तार की मौत के मुद्दे को तूल देकर राजनीतिक दलों की ओर से चुनाव में ध्रुवीकरण की कोशिशों का भाजपा को भली-भांति आभास है। आने वाले दिनों में पूर्वांचल के गाजीपुर, मऊ, आजमगढ़, वाराणसी जिलों में इसकी तपिश महसूस होगी। लिहाजा भाजपा अब चुनाव प्रचार के दौरान कानून-व्यवस्था के मुद्दे को लेकर मतदाताओं के बीच और मुखर होगी।