बाबा सिद्दीकी हत्याकांड में मुंबई पुलिस ने कैथल से एक और आरोपित किया गिरफ्तार

नरेन्द्र सहारण, कैथल : Kaithal News: मुंबई के चर्चित बाबा सिद्दीकी हत्याकांड में एक और महत्वपूर्ण गिरफ्तारी सामने आई है। मुंबई क्राइम ब्रांच ने हरियाणा के कलायत के गांव बात्ता निवासी अमित उर्फ नाथी को गिरफ्तार किया है। अमित पर आरोप है कि उसने इस हत्या के मुख्य आरोपी जाशीन अख्तर को फरारी के दौरान करनाल में किराए के मकान में शरण दी थी। दोनों अपराधी हत्या से लगभग दो महीने पहले 15 दिनों तक एक साथ रहे थे। गौरतलब है कि जाशीन अख्तर पहले से ही आपराधिक गतिविधियों में लिप्त रहा है और उसका नाम शूटरों को हथियार सप्लाई करने जैसे गंभीर मामलों में शामिल रहा है।

जेल से हुई दोस्ती

 

जाशीन अख्तर कैथल जेल में करीब 15 महीने तक कैद रहा। इसी दौरान उसकी मुलाकात गुरमेल नामक अपराधी से हुई, जो बाबा सिद्दीकी हत्याकांड का मुख्य आरोपी है। दोनों की दोस्ती जेल में हुई थी और यह दोस्ती ही बाद में इस हत्याकांड में अहम भूमिका निभाई। जेल में अख्तर ने कई अन्य युवकों से भी दोस्ती की, जिनमें से कई बाद में उसके साथ अपराध में शामिल हो गए। यह साफ होता है कि जेल के भीतर ही अख्तर ने बाहर के अपराध जगत में अपनी पकड़ मजबूत बनाने के लिए कई योजनाएं बनाई थीं। अख्तर का मकसद न केवल खुद को बचाना था, बल्कि लारेंस बिश्नोई जैसे कुख्यात अपराधी के लिए बाहर स्लीपर सेल तैयार करना भी था।

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फरारी के दौरान की योजना

 

जेल से बाहर आने के बाद, जाशीन अख्तर ने सिद्दीकी हत्याकांड से पहले करीब डेढ़ महीने तक कैथल में फरारी काटी थी। इस दौरान उसने खुद को बड़ी शानो-शौकत से पेश किया। अगस्त और सितंबर के महीने में वह कैथल के एक होटल और निजी संस्थान में ठहरा रहा। साथ ही, उसने कुछ दिन गांव हरसौला में भी बिताए। फरारी के दौरान अख्तर ने अपने संपर्कों का विस्तार किया और कई युवाओं को अपने प्रभाव में लिया। वह महंगी गाड़ियों में घूमता, महंगे कपड़े पहनता और महंगा फोन इस्तेमाल करता था, जिससे वह युवाओं के बीच आकर्षण का केंद्र बन गया।

अख्तर का यह तरीका न केवल उसे लोगों के बीच लोकप्रिय बनाता था, बल्कि उसे अपराध की दुनिया में नए चेहरों को शामिल करने का भी मौका देता था। उसने अपने संपर्क में आए युवाओं को बड़े सपने दिखाए और उन्हें अपराध के रास्ते पर चलने के लिए प्रेरित किया। यही कारण था कि फरारी के दौरान उसने कई लोगों को अपने साथ जोड़ा और उन्हें अपराधी गतिविधियों में धकेलने की कोशिश की।

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मुंबई क्राइम ब्रांच की जांच

 

मुंबई क्राइम ब्रांच ने जाशीन अख्तर के संपर्क में रहे सभी लोगों से दो दिनों तक गहन पूछताछ की। इस दौरान उन सभी लोगों से सवाल-जवाब किए गए जो अख्तर के साथ फरारी के दौरान मिले थे। क्राइम ब्रांच की यह पूछताछ यह पता लगाने के लिए की गई कि अख्तर के साथ कौन-कौन से लोग जुड़े थे और उनका हत्याकांड में क्या रोल हो सकता है।

मुंबई क्राइम ब्रांच ने जिस तरह से मामले की तहकीकात की, उससे साफ है कि जाशीन अख्तर और उसके साथियों ने बहुत ही योजनाबद्ध तरीके से बाबा सिद्दीकी की हत्या को अंजाम दिया। अख्तर ने न केवल हत्या की साजिश रची, बल्कि हत्या के बाद फरारी के दौरान भी उसे गिरफ्तार होने से बचाने के लिए कई चालें चलीं।

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जाशीन अख्तर का आपराधिक इतिहास

 

जाशीन अख्तर का आपराधिक इतिहास बहुत ही गंभीर रहा है। कैथल थाने में उसके खिलाफ शूटरों को हथियार सप्लाई करने के दो मामले दर्ज हैं। 21 अगस्त 2022 को कैथल पुलिस ने अख्तर को पंजाब की कपूरथला जेल से प्रोटेक्शन वारंट पर लेकर आई थी। उस समय भी अख्तर पर एक व्यापारी पर गोली चलाने का आरोप था। यह साफ है कि अख्तर ने अपराध की दुनिया में अपनी जगह काफी समय पहले ही बना ली थी और उसके संबंध न केवल स्थानीय अपराधियों से थे, बल्कि बड़े संगठित गिरोहों से भी थे।

जेल में बने स्लीपर सेल की तैयारी

जेल में अख्तर की दोस्ती सिर्फ गुरमेल तक सीमित नहीं रही। उसने जेल में अन्य कई युवाओं से भी दोस्ती की थी, जिनका इस्तेमाल उसने बाहर निकलकर लारेंस बिश्नोई के लिए स्लीपर सेल तैयार करने में किया। अख्तर की योजना थी कि जेल में रहते हुए भी वह अपराध की दुनिया में सक्रिय रहे और अपने संपर्कों के जरिए नए लोगों को इसमें शामिल करे। जेल के भीतर युवाओं के साथ उसकी बातचीत और दोस्ती ने उसे बाहर अपराध की गतिविधियों को विस्तार देने का मौका दिया।

बाबा सिद्दीकी हत्याकांड में जाशीन अख्तर और उसके साथियों की भूमिका बहुत ही महत्वपूर्ण रही है। अख्तर न केवल अपराध की दुनिया का एक पुराना चेहरा है, बल्कि उसने अपने प्रभाव का इस्तेमाल करते हुए कई नए लोगों को भी इस दुनिया में धकेलने की कोशिश की। मुंबई क्राइम ब्रांच द्वारा की गई जांच से यह साफ होता है कि अख्तर और उसके साथी हत्या के साथ-साथ अन्य आपराधिक गतिविधियों में भी लिप्त थे।

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