नवाज शरीफ ने कहा, भारत के साथ सुधारना चाहते हैं संबंध, कारगिल के विरोध का भुगतना पड़ा खामियाजा
इस्लामाबाद, एजेंसी। पाकिस्तान में होने वाले आम चुनावों से पहले पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ समेत कई नेता पड़ोसी देशों खासकर भारत के साथ संबंध सुधारने पर जोर दे रहे हैं। इसी कड़ी में पाकिस्तान के पूर्व पीएम और सत्ताधारी पार्टी के नेता नवाज शरीफ का कहना है कि वह भारत के साथ रिश्ते सुधारना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि मेरे कार्यकाल के दौरान दो भारतीय प्रधानमंत्रियों ने पाकिस्तान का दौरा किया। मोदी साहब और वाजपेयी साहब लाहौर आए थे। दरअसल, कारगिल का विरोध करने और भारत के साथ मैत्रीपूर्ण संबंध बनाए रखने के महत्व को रेखांकित करने के लिए 1999 में जनरल परवेज मुशर्रफ ने मुझे सरकार से बाहर कर दिया था। उन्होंने अफसोस जताया कि पाकिस्तान आर्थिक वृद्धि के मामले में पड़ोसियों से पिछड़ गया है। क्या पाकिस्तान पर भरोसा किया जा सकता है?
पाकिस्तान को हो रहा है नुकसान
पत्रकारों से बातचीत के दौरान नवाज शरीफ ने भारत समेत अफगानिस्तान के साथ संबंधों को बेहतर करने की बात कही। साथ ही ही साथ चीन के साथ रिश्तों को और मजबूत करने के लिए कहा। अक्टूबर में चार साल बाद वतन वापसी करने वाले नवाज के अनुसार पाकिस्तान की सीमा से लगे देशों के साथ अच्छे रिश्ते रखने में भलाई है क्योंकि ऐसा न होने पर देश का ही नुकसान हो रहा है।
सुधारने होंगे पड़ोसियों से रिश्ते
नवाज शरीफ ने कहा कि अगर पाकिस्तान को ग्लोबल स्टेटस हासिल करना है तो फिर भारत और अफगानिस्तान जैसे पड़ोसियों से रिश्ते सुधारने होंगे। लाहौर में नवाज ने कहा कि जब आपके पड़ोसी आपसे नाराज हैं या फिर आप उनसे नाराज हैं तो फिर आप ग्लोबल स्टेटस कैसे हासिल कर सकते हैं। उन्होंने आगे कहा कि हमें भारत और अफगानिस्तान से अपने मसले ठीक करने होंगे और ईरान, चीन के साथ संबंधों को मजबूत करना होगा। नवाज का बयान ऐसे समय में आया है, जब भारत और पाकिस्तान के बीच संबंध बेहद खराब हैं। दोनों देशों के बीच व्यापारिक संबंध लगभग ना के बराबर हैं। 2019 में जब जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 को हटाया गया था तो तत्कालीन प्रधानमंत्री इमरान खान भारत के साथ सभी संबंध खत्म कर दिए थे। उसके बाद भारत के साथ संबंधों में कोई सुधार नहीं हुआ है। खेल के अलावा दोनों देशों के नेताओं की तरफ से भी टिप्पणियां आती रहती हैं। वहीं अफगानिस्तान के साथ शरणार्थियों को वापस भेजने और आतंकवाद के मसले पर रिश्ते काफी बिगड़ चुके हैं।
भारत के साथ संबंध सुधारने पर किया था जिक्र
नवाज ने इस बात पर जोर दिया कि सरकार को न सिर्फ आर्थिक और वित्तीय प्रदर्शन पर ध्यान देना चाहिए बल्कि हर क्षेत्र में उसे अपना प्रदर्शन दिखाना होगा। नवाज ने याद दिलाया कि उनकी पार्टी के कार्यकाल के दौरान भारत के दो प्रधानमंत्रियों 1999 में अटल बिहारी वाजपेयी और 2015 में नरेंद्र मोदी ने पाकिस्तान का दौरा किया था। इसके बाद नवाज ने सवाल किया कि क्या उनसे पहले कोई आया था?’ नवाज ने इसी दौरान पार्टी के तीन कार्यकालों के बारे में भी बात की। उन्होंने कहा कि हर बार हम आए और देश के विकास के लिए अच्छा काम किया और हर बार हमें बाहर कर दिया गया। हमें क्यों निकाला गया? मुझे पता होना चाहिए कि हमें 1993 में, 1999 में क्यों बाहर कर दिया गया था।’
याद आई कारगिल की जंग
नवाज ने सन् 1999 में हुई कारगिल की जंग का जिक्र भी किया है। उन्होंने कहा, ‘क्या हमें इसलिए निकाला गया क्योकि हमने मामलों को सही तरीके से संभाला था? क्योंकि हमने कहा था कि कारगिल में लड़ाई नहीं होनी चाहिए थी? क्या इसीलिए हमें बाहर कर दिया गया?’ अपनी पार्टी के नेताओं को संबोधित करते हुए, पीएमएल-एन सुप्रीमो ने कहा कि उन्हें न सिर्फ आम चुनाव लड़ने के लिए टिकट मिलने की खुशी होनी चाहिए बल्कि देश की स्थिति के बारे में भी सोचना चाहिए। नवाज के मुताबिक जो लोग देश को इस मुकाम तक लाए हैं, उन्हें भी जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए। उनसे पूछा जाना चाहिए कि इस देश के साथ उन्होंने ऐसा व्यवहार क्यों किया, जिसकी कोई देशभक्त पाकिस्तानी कभी कल्पना भी नहीं कर सकता।