नई दिल्ली, एजेंसी: संसद की सुरक्षा में चूक ( Security Lapse In Parliament) के मुद्दे पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बयान और सदस्यों का निलंबन वापस लेने की मांग पर मंगलवार को संसद के दोनों सदनों में विपक्षी सदस्यों ने हंगामा किया जिस वजह से उच्च सदन की कार्यवाही दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। एक बार के स्थगन के बाद दोपहर 12 बजे जैसे ही सदन की कार्यवाही आरंभ हुई, कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस के कुछ सदस्य शाह के बयान की मांग करने लगे। विपक्षी सांसदों के निलंबन के मुद्दे पर मंगलवार को भी संसद के दोनों सदनों में हंगामा हुआ।
विपक्ष के 49 और सांसद पूरे सत्र के लिए सस्पेंड कर दिए गए हैं। अबतक इस सत्र के लिए विपक्ष के 141 सांसदों को सस्पेंड किया जा चुका है। मंगलवार को लोकसभा के 41 सांसदों को और राज्यसभा के 8 सदस्यों को सस्पेंड किया गया। सोमवार को लोकसभा के 43 सदस्यों को सस्पेंड किया गया था। मंगलवार को सस्पेंड होने वाले सांसदों में मनीष तिवारी, शशि थरूर, सुप्रिया सुले, डिंपल यादव (Dimpal Yadav), कार्ति चिदंबरम, माला रॉय, दानिश अली जैसे सांसद हैं। हंगामे की वजह से लोकसभा की कार्यवाही 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई है।
विपक्षी सांसदों पर उखड़ गए केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी
विपक्षी सांसदों के हाथ में पीएम मोदी का मॉर्फ्ड फोटो देख केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी सदन में बेहद गुस्से में नजर आए। उन्होंने विपक्ष को सुनाते हुए कहा कि इस तरह की नकारात्मक बातों की वजह से वे चुनावों में लगातार हार रहे हैं। जोशी ने स्पीकर से संबंधित सांसदों पर कार्रवाई करने की मांग भी की। 92 सांसदों के निलंबन पर मंगलवार को लोकसभा की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्षी सांसदों ने जबर्दस्त हंगामा किया। कुछ विपक्षी सांसद नारे लगे तख्तियां और पीएम मोदी का एक मॉर्फ्ड फोटो के साथ सदन में आए हुए थे। इसको लेकर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने विपक्षी सांसदों को चेतावनी दी। उन्होंने कहा कि सांसदों का यह व्यवहार स्वीकार्य नहीं है। विपक्षी सांसद इस पर भी शांत नहीं हुए और हंगामा जारी रहा। प्रश्नकाल न चलता देख स्पीकर ने सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी।
विपक्ष ने सरकार पर साधा निशाना
40 से अधिक सांसदों को लोकसभा से निलंबित किए जाने पर कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा कि यह स्पष्ट है कि सरकार विपक्ष-मुक्त लोकसभा चाहते हैं और वे राज्यसभा में भी कुछ ऐसा ही करेंगे। इस बिंदु पर दुर्भाग्य से हमें भारत में संसदीय लोकतंत्र के लिए श्रद्धांजलियां लिखना शुरू करना पड़ा। आज अपने सहयोगियों के साथ एकजुटता दिखाते हुए मैं भी विरोध प्रदर्शन में शामिल हुआ। विपक्ष के जो भी सांसद सदन में मौजूद थे, उन्हें शेष सत्र के लिए निलंबित कर दिया गया है। इसका मतलब है कि वे विधेयक बिना चर्चा के पारित करना चाहते हैं। मुझे लगता है कि यह संसदीय लोकतंत्र के साथ विश्वासघात है। समाजवादी पार्टी की लोकसभा सांसद डिंपल यादव ने संसद के शेष शीतकालीन सत्र के लिए अपने निलंबन पर कहा कि यह अंततः सरकार की विफलता है। वहीं, कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी का कहना है कि यह संसद के अंदर अराजकता के अलावा और कुछ नहीं है। उन्हें (भाजपा) हमारे देश की संसदीय प्रणाली पर रत्ती भर भी भरोसा नहीं है। एनसीपी सांसद सुप्रिया सुले का कहना है कि हम सिर्फ (संसद सुरक्षा उल्लंघन की घटना पर सरकार से) जवाब मांग रहे थे और सदन में चर्चा करा रहे थे। यह एक महत्वपूर्ण मुद्दा है लेकिन सरकार इससे भाग रही है।