Parliament Attack: संसद की सुरक्षा में चूक पर सभी केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों की उड़ी नींद, यह एजेंसी करेगी पूरे मामले की जांच
नई दिल्ली, बीएनएम न्यूज। Parliament Attack: संसद भवन के अंदर और बाहर कलर स्मोक क्रैकर छोड़ने और सरकार के खिलाफ नारेबाजी करने की घटना से दिल्ली पुलिस समेत सभी केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों की नींद उड़ गई है। चार आरोपितों से विभिन्न एजेंसियां पूछताछ कर रही हैं। इस मामले में बुधवार की देर रात तक दिल्ली पुलिस ने अधिकारिक रूप से यह जानकारी नहीं दी कि पकड़े गए छह आरोपितों के खिलाफ किन धाराओं में प्राथमिकी दर्ज की जाएगी। मुख्यालय सूत्रों के मुताबिक स्पेशल सेल से मामले की जांच कराई जा सकती है। दिल्ली पुलिस ने शिकायत की फाइल तैयार कर कैबिनेट सचिव के पास भेज दी। वहां से अनुमति मिलने के बाद ही संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज किया जाएगा।
दोपहर से देर रात तक आरोपितों से पूछताछ करती रहीं विभिन्न एजेंसियां
सबसे पहले दोपहर करीब साढ़े 12 बजे ट्रासंपोर्ट भवन से आगे संसद भवन के गेट नंबर-एक के पास दिल्ली पुलिस के जवानों ने नीलम और अमोल शिंदे को तब दबोचा, जब उन्होंने पीले और लाल स्मोक क्रैकर से धुआं छोड़कर नारेबाजी शुरू कर दी। दोनों को हिरासत में लेकर संसद मार्ग थाने ले जाया गया। उनके पकड़े जाने की सूचना मिलते ही मीडियाकर्मी जब संसद मार्ग थाने पहुंचे, तब थाने के गेट पर बैरिकेड लगाकर दिल्ली पुलिस और पैरा मिलिट्री तैनात कर दी गई। कुछ ही देर में वहां आइबी, स्पेशल सेल की टीमें पहुंचीं और दोनों से बारी-बारी से पूछताछ की। उसके बाद जिला पुलिस आरोपितों के नेटवर्क और साजिश का पता लगाने के लिए पूछताछ में जुटी रही।
देर रात दिल्ली पुलिस ने शिकायत की फाइल तैयार कर कैबिनेट सचिव के पास भेजी
इस घटना के आधे घंटे बाद दोपहर करीब एक बजे संसद की कार्यवाही के दौरान संसद भवन की दर्शक दीर्घा से कूदकर सांसदों के सामाने डेस्क पर आकर जूता निकाल स्मोक क्रैकर से पीला धुआं छोड़ने और नारेबाजी करने पर सुरक्षा कर्मियों ने सागर शर्मा और मनोरंजन को भी दबोच लिया। दोनों से सबसे पहले पार्लियामेंट्री सिक्योरिटी फोर्स ने कई घंटे तक पूछताछ की। उसके बाद विभिन्न एजेंसियों की ओर से पूछताछ करने के बाद शाम को दोनों दिल्ली पुलिस को सौंप दिए गए। दोपहर में गृह सचिव अजय भल्ला और पुलिस आयुक्त संजय अरोड़ा भी संसद भवन पहुंचे। उसके बाद दिल्ली पुलिस के आलाधिकारियों की इस मसले को लेकर घंटों बैठक हुई।
पैरा मिलिट्री की 28 कंपनियां रहती हैं तैनात, फिर पर सुरक्षा में हुई चूक
नई दिल्ली जिले में संसद भवन के चारों तरफ करीब 28 कंपनियां पैरा मिलिट्री के अवाला बड़ी संख्या में दिल्ली पुलिस की तैनाती रहती है। बावजूद आरोपितों ने इस तरह की घटना को आसानी से अंजाम दे दिया। संसद पर 2001 में हमले के बाद से सुरक्षा के नियम कड़े कर दिए गए थे, पहले संसद भवन की आंतरिक सुरक्षा में भी अधिकतर पैरा मिलिट्री के जवान तैनात रहते थे। फिर यहां पार्लियामेंट्री सिक्योरिटी की तैनाती कर दी गई। इसकी अलग से भर्ती होती और इसमें किसी भी अन्य फोर्स को शामिल नहीं किया जाता है। चेकिंग से लेकर सारी सुरक्षा की जिम्मेदारी इन्हीं की होती है।