Uttarakhand Tunnel Accident: सुरंग में फंसे 41 मजदूरों के लिए अब सेना की ली जाएगी मदद! पीएम मोदी ने सीएम धामी से जाना बचाव अभियान का हाल
देहरादून, एजेंसी: Uttarkashi Tunnel Collapse उत्तरकाशी में सिल्क्यारा व डंडालगांव के बीच निर्माणाधीन सुरंग के मलबे में दबे 41 मजदूर अभी भी जिंदगी और मौत के बीच जूझ रहे हैं। इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से फोन पर बात कर उत्तरकाशी के सिल्क्यारा टनल में जारी बचाव अभियान की जानकारी ली। पीएम मोदी ने सुरंग में फंसे श्रमिकों को सुरक्षित निकालने के लिए की जा रही कोशिशों के साथ ही केंद्र सरकार द्वारा भेजे गए आवश्यक बचाव उपकरण एवं संसाधनों की जानकारी ली। पीएम मोदी इस हादसे के बाद से अब तक सीएम धामी को तीन बार फोन करके रेस्क्यू ऑपरेशन की जानकारी ले चुके हैं।
बता दें कि इस हादसे को करीब 9 दिन हो चुके हैं। लेकिन अभी तक मजदूरों को मलबे के अंदर से निकाला नहीं गया है। हालांकि रेस्क्यू ऑपरेशन तेजी से चलाया जा रहा है। मलबे को हटाने के लिए तरह-तरह की मशीनें लगाई जा रही हैं, लेकिन अभी तक कोई सफलता नहीं मिली है। इस बीच अब सेना की मदद लेने की बात कही जा रही है।
विदेशी टीमों से भी मदद ली जा रही
इस रेस्क्यू ऑपरेशन में पहले से टीमें लगी हुई हैं। वहीं विदेशी टीमों से भी मदद ली जा रही है। सुरंग के अंदर मजदूरों को लंबे समय तक कैद में रखना उनकी भलाई के बारे में गंभीर चिंताएं पैदा कर रहा है। पीएम के पूर्व सलाहकार भास्कर खुल्बे ने कहा, 4-5 दिनों में श्रमिकों को बचाए जाने की संभावना है। रविवार को बचाव प्रयास रोक दिए गए और यह निर्णय लिया गया कि लोगों को बचाने के लिए वर्टिकल ड्रिलिंग की जाएगी, जिसके लिए गुजरात और ओडिशा से उपकरण जुटाए गए थे। सतलज जल विद्युत निगम लिमिटेड (एसजेवीएनएल) मजदूरों को बचाने के लिए वर्टिकल ड्रिलिंग करेगा, जिसके लिए उपकरण लगाए गए हैं। भारतीय रेलवे के माध्यम से गुजरात और ओडिशा से मशीनें जुटाई गई हैं।
वर्टिकल पाइप पर काम शुरू
विज्ञप्ति में बताया गया कि जिस हिस्से में मजदूर फंसे हैं वह सुरंग के निर्मित हिस्से का लगभग दो किलोमीटर हिस्सा है और 8.5 मीटर ऊंचा है तथा वहां बिजली और पानी उपलब्ध है। रेल विकास निगम लिमिटेड ने मलबे के पहाड़ की चोटी तक पहुंच मार्ग का काम पूरा होने के बाद आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति के लिए लंबवत पाइपलाइन पर काम शुरू कर दिया है। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने रविवार को कहा कि सिलक्यारा सुरंग में फंसे श्रमिकों को बचाने की हर मुमकिन कोशिश की जा रही है और उन्हें जल्द बाहर निकालना सरकार की सबसे बड़ी प्राथमिकता है।
एक साथ 6 विकल्पों पर कामः नितिन गडकरी
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सुरंग में फंसे मजदूरों और उनके परिजनों के मनोबल को बनाए रखना इस समय सबकी सामूहिक जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा, ‘‘हम इस समय एक साथ छह विकल्पों पर काम कर रहे हैं। प्रधानमंत्री कार्यालय भी बचाव अभियान की करीब से निगरानी कर रहा है। हमारी सबसे बड़ी प्राथमिकता सभी फंसे श्रमिकों को जल्द से जल्द बचाना है। जो भी जरूरी होगा, वह किया जाएगा।’’ गडकरी ने कहा कि जिस भी मशीन की या तकनीकी सहायता की जरूरत होगी, वह उपलब्ध कराई जाएगी।
मजदूरों को भेजी जा रही हैं ऐंटी डिप्रेशन दवाएं
सड़क, परिवहन एवं राजमार्ग सचिव अनुराग जैन ने रविवार को कहा कि केंद्र सरकार 12 नवंबर से उत्तरकाशी में सिलक्यारा सुरंग में फंसे 41 श्रमिकों को सुरक्षित निकालने के लिए प्रतिबद्ध है और वह इसके लिए पांच-विकल्प वाली कार्ययोजना पर काम कर रही है। जैन ने उत्तरकाशी सुरंग बचाव अभियान पर अद्यतन जानकारी मुहैया कराने के लिए एक वीडियो जारी किया। उन्होंने कहा कि सरकार सभी मजदूरों को सुरक्षित निकालने के लिए प्रतिबद्ध है और श्रमिकों को मल्टीविटामिन, अवसाद रोधी दवाएं तथा सूखे मेवे भेजे जा रहे हैं।