पीएम मोदी ने 206, राहुल ने की 107 रैलियां-रोड शो, थम गया चुनाव प्रचार का शोर, जानें 75 दिन में किसने कितना लगाया जोर

नई दिल्ली, बीएनएम न्यूजः  प्रधानमंत्री मोदी ने गुरुवार को पंजाब के होशियारपुर में रैली करने के साथ अपने लोकसभा चुनाव प्रचार अभियान का समापन किया। एक जून को होने वाले सातवें और अंतिम चरण के मतदान के लिए प्रचार अभियान शाम को थम गया।

16 मार्च को निर्वाचन आयोग द्वारा चुनाव कार्यक्रम की घोषणा के बाद से मोदी ने गुरुवार शाम तक देशभर में 206 रैलियां और रोड शो किए किए यानी हर दिन चार से पांच रैलियां और रोड शो। चुनाव प्रचार अभियान के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने क्षेत्रीय व राष्ट्रीय मीडिया संस्थानों को कुल 80 साक्षात्कार भी दिए। इस तरह उन्होंने मैराथन प्रचार का रिकार्ड कायम किया।

गृह मंत्री शाह ने भी 188 रेलियां-रोड शो किए

प्रधानमंत्री के बाद दूसरे नंबर पर भाजपा के रणनीतिकार और गृह मंत्री अमित शाह रहे। उन्होंने 1.10 लाख किलोमीटर की यात्रा कर 188 रेलियां-रोड शो और जनसंपर्क के कार्यक्रम किए। यही नहीं, शाह ने प्रिंट और इलेक्ट्रानिक मीडिया को 118 इंटरव्यू देकर पार्टी का रुख साफ किया। चुनावी कार्यक्रमों के बीच ही उन्होंने संगठन की कई बैठकें भी कीं।

पीएम मोदी 2019 के मुकाबले इस बार ज्यादा रैलिया की

प्रधानमंत्री ने 2019 के आम चुनाव के दौरान करीब 145 रैलियां-रोड शो किए थे। इस तरह उन्होंने पिछले चुनाव के मुकाबले इस बार ज्यादा रैलियां की। वैसे इस बार प्रचार अवधि 76 दिनों की थी जबकि पांच साल पहले हुए चुनावों में यह अवधि 68 दिनों की थी। मोदी ने प्रत्येक चुनावी रैली में औसतन 45 मिनट का भाषण दिया। इस तरह उन्होंने करीब 155 घंटे अपना संबोधन दिया। यही नहीं उन्होंने साक्षात्कारों के दौरान भी करीब एक हजार से अधिक सवालों के जवाब दिए।

दक्षिण भारत से भी इस बार भाजपा उम्मीद

भाजपा के इस बार दक्षिण भारत से भी काफी उम्मीदे है।  जब निर्वाचन आयोग ने चुनाव की घोषणा की तो उस वक्त मोदी दक्षिण भारत के राजनीतिक दौरे पर थे। 15 से 17 मार्च के बीच इन तीन दिनों में उन्होंने सभी पांच राज्यों को कवर किया। भाजपा तमिलनाडु, केरल और आंध्र प्रदेश में अपनी किस्मत चमकाने की कोशिश में जुटी है। इन तीन राज्यों में 2019 के आम चुनाव इसे कोई सीट नहीं मिली थी।

इसके अलावा भाजपा कर्नाटक में अपना दबदबा बरकरार रखने और तेलंगाना में अपनी सीटों की संख्या बढ़ाने की कोशिश कर रही है। मोदी के धुआंधार प्रचार अभियान की कामयाबी का पता तो चार जून को ही चल पाएगा जबकि चुनाव परिणाम घोषित किए जाएंगे।

पीएम मोदी ने विपक्षी नेताओं को काफी पीछे छोड़ा

73 साल की उम्र में भी पीएम मोदी ने केवल रैलियों की संख्या बल्कि देशभर में तय की गई दूरी के मामले में भी प्रतिद्वंद्वी नेताओं को काफी पीछे छोड़ दिया। जहां मोदी ने एक दिन में चार-पांच चुनावी रैलियां और रोड शो किए वहीं उनके प्रतिद्वंद्वी सिर्फ दो-तीन चुनावी कार्यक्रम ही करते दिखे। मोदी अपनी पार्टी के स्टार प्रचारक रहे और मतदाताओं के बीच लोकप्रिय बने रहे।

 राहुल ने 100 से अधिक चुनावी रैलियां-रोड शो किए

2024 के चुनावों के लिए कांग्रेस का चुनाव प्रचार शुरू में धीमी गति से चला, लेकिन जल्द ही पार्टी का शीर्ष नेतृत्व चुनावी वादों के साथ मतदाताओं को लुभाने के लिए प्रचार अभियान में तेजी लाया। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ढाई महीने से अधिक समय तक पार्टी के चुनाव अभियान का नेतृत्व किया और देशभर में बड़े पैमाने पर प्रचार किया।

16 मार्च से 30 मई यानी प्रचार समाप्त होने तक 75 दिनों की अवधि में राहुल गांधी ने 107 रैलियां-रोड शो और सार्वजनिक कार्यक्रमों के माध्यम से जनता से संपर्क साधा। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे भी पीछे नहीं रहे। उन्होंने 100 से अधिक रैलियां करने के साथ-साथ 20 प्रेस कान्फ्रेंस की और 50 से अधिक साक्षात्कार दिए। प्रियंका गांधी ने भी 108 रैलियां-रोड शो किए।

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