Super Computer: पीएम मोदी ने लांच किए तीन सुपर कंप्यूटर, जानें- आम आदमी को इससे क्या मिलेगा फायदा

पुणे, बीएनएम न्यूजः प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुरुवार को तीन परम रुद्र सुपरकंप्यूटर ( PARAM Rudra Supercomputers) के साथ अर्का और अरुणिका नामक हाई-पर्फामेंस कंप्यूटिंग सिस्टम लांच किया। तकनीकी की बेहतरी गरीबों को सशक्त करने वाली होनी चाहिए पर जोर देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि एक देश बड़ी उपलब्धियों का लक्ष्य केवल तभी साध सकता है, जब उसके पास बड़ा दृष्टिकोण हो। उन्होंने इस दिन को विज्ञान और प्रौद्योगिकी क्षेत्र में “बहुत बड़ी उपलब्धि” वाला बताया।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि उनकी सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि तकनीक में शोध से आम आदमी को फायदा मिलना चाहिए। उन्होंने कहा, “विज्ञान में आत्मनिर्भरता हमारा उद्देश्य है।
सरकार विज्ञान, तकनीक और अनुसंधान को प्राथमिकता दे रही है। हमनें 2015 में राष्ट्रीय सुपरकंप्यूटिंग मिशन शुरू किया और अब क्वांटम कंप्यूटिंग तकनीक ने बढ़त बना ली है, जिससे सूचना प्रौद्योगिकी, उत्पादन, एमएसएमई और स्टार्टअप की बेहतरी में मदद मिलेगी। मिशन गगनयान की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं और 2035 तक अंतरिक्ष में हमारा स्वयं का स्पेस स्टेशन होगा। भारत अपना खुद का सेमीकंडक्टर इकोसिस्टम बना रहा है जो वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होगा।”
पीएम ने कहा कि सुपरकंप्यूटर यह सुनिश्चित करेंगे कि सबसे छोटे किसान के पास भी दुनिया के सबसे बेहतर ज्ञान तक आसान पहुंच हो और उन्हें फसलों के बारे में जानकारी भरे फैसले लेने में मदद मिले। वहीं, समुद्र में जाने वाले मछुआरों को भी फायदा होगा क्योंकि ये तकनीक जोखिम को कम करेंगी और बीमा योजनाओं के बारे में जानकारी प्रदान करेंगी। एआई और मशीन लर्निंग से जुड़े माडल बनाने में सक्षम होगा, जिससे सभी व्यक्तियों को लाभ होगा।
मौसम से जुड़ी महत्वपूर्ण घटनाओं की होगी सटीक भविष्यवाणी
पीएम ने बताया कि अर्का और अरुणिका नाम सूर्य से संबंधित है। मौसम और जलवायु अनुसंधान के लिए तैयार 850 करोड़ रुपये के हाई-पर्फामेंस कंप्यूटिंग सिस्टम को पुणे स्थित भारतीय उष्णकटिबंधीय मौसम विज्ञान संस्थान और नोएडा स्थित राष्ट्रीय मध्यम अवधि मौसम पूर्वानुमान केंद्र में स्थापित किया गया। इनमें असाधारण कंप्यूटिंग शक्ति है। ये सिस्टम उष्णकटिबंधीय चक्रवातों, भारी वर्षा, तूफान, ओलावृष्टि, लू, सूखा और मौसम से जुड़ी महत्वपूर्ण घटनाओं से जुड़ी भविष्यवाणियां कम समय में ज्यादा सटीक करेंगे।
परम रुद्र सुपरकंप्यूटर को तीन जगह स्थापित किया गया
- इन तीनों सुपर कंप्यूटर्स को तीन जगहों पर स्थापित किया गया है: दिल्ली, पुणे और कोलकाता।
- पुणे में जाइंट मीटर रेडियो टेलीस्कोप (GMRT) इस सुपरकंप्यूटर का इस्तेमाल फास्ट रेडियो बर्स्ट्स (FRBs) और अन्य एस्ट्रोनॉमिकल इवेंट्स की स्टडी करने के लिए करेगा।
- दिल्ली में इंटर यूनिवर्सिटी एक्सेलेरेटर सेंटर (IUAC) मटेरियल साइंस और एटॉमिक फिजिक्स जैसे क्षेत्रों में अनुसंधान को बढ़ावा देगा।
- कोलकाता में एस एन बोस सेंटर इस सुपरकंप्यूटिंग तकनीक का इस्तेमाल उन्नत अनुसंधान के लिए करेगा, जिसमें फिजिक्स, कॉस्मोलॉजी और अर्थ साइंस जैसे क्षेत्र शामिल हैं।
परम रुद्र सुपरकंप्यूटर से जुड़ी पांच बातें
-इनके निर्माण में 130 करोड़ रुपये की आई लागत
-दिल्ली, पुणे और कोलकाता में किए गए स्थापित
-भारत में विकसित किया गया पूरा सिस्टम
-एमएल और डीएल फ्रेमवर्क पर एआइ क्षमता
-क्लाउड सर्विस के रूप में कंप्यूट/स्टोरेज
क्या होगा फायदा
-एआइ और मशीन लर्निंग क्षमता से आम लोगों को तकनीक और तेजी का फायदा
-भौतिकी, पृथ्वी विज्ञान और ब्रह्माण्ड विज्ञान में उन्नत शोध में होंगे मददगार
-देश में युवा विज्ञानियों के लिए बेहतरीन तकनीक प्रयोग का मंच करेंगे तैयार
-मौसम, बायोइनफार्मेटिक्स और मैटेरियल साइंस आदि का काम होगा आसान
-तकनीक से दुनिया बदलने और भारत को वैश्विक नेतृत्व करने की स्थिति में लाएगा
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