Prashant Kishor: प्रशांत किशोर ने इस पार्टी से खुलेआम जताया प्रेम, तो क्या अगला चुनाव इस पार्टी के साथ लड़ेंगे?

पटना, BNM News। Prashant Kishor: 2024 का लोकसभा चुनाव करीब है। ऐसे में अलग-अलग पार्टियां और रणनीतिकार अलग-अलग प्लान बना रही हैं। 2024 के चुनाव से पहले जन सुराज के सूत्रधार और चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने पहले बड़ा दांव खेला है। प्रशांत किशोर ने एक निजी चैनल से बातचीत करते हुए कहा कि उनकी विचारधारा कांग्रेस के काफी करीब है। प्रशांत किशोर ने यह भी कहा कि अब कांग्रेस पार्टी को तय करना है कि वो उनके साथ काम करना चाहती है या नहीं। प्रशांत किशोर के इस बयान से सियासी भूचाल आना तय है। ऐसे में हो सकता है कि वो कांग्रेस के साथ जुड़ जाएं और कांग्रेस के साथ चुनाव भी लड़ें। चूंकि, बिहार में कांग्रेस के पास कोई बड़ा नेता नहीं है, तो क्या वह उस जगह को भरना चाहते हैं।

जन सुराज यात्रा में PK रहे कांग्रेस के प्रति साफ्ट

प्रशांत किशोर इन दिनों बिहार में जन सुराज यात्रा निकाल रहे हैं। वह आए दिन नीतीश कुमार, लालू प्रसाद और तेजस्वी यादव पर जमकर निशाना साध रहे हैं। लेकिन कांग्रेस के प्रति साफ्ट हैं। इटरव्यू के दौरान उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस इस बार मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी के नेतृत्व में चुनाव लड़ने जा रही है। उन लोगों ने अपने रास्ते चुन लिए हैं। ये हमें नहीं पता, लेकिन मैं वैचारिक रूप से किसी अन्य पार्टी की तुलना में कांग्रेस की विचारधारा के करीब हूं। मैं बस इतना ही कह सकता हूं। इस बीच कांग्रेस की ओर से भी प्रशांत किशोर के बयान पर प्रतिक्रिया आ गई है।

विपक्षी गठबंधन से आगे है भाजपा

बातचीत के दौरान प्रशांत किशोर ने कहा कि लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा विपक्षी इंडिया गठबंधन से आगे है। मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में भाजपा को मिली जीत से लोकसभा चुनाव 2024 में उनका पलड़ा भारी दिख रहा है। लेकिन उन्होंने हाल के विधानसभा चुनावों को सेमीफाइनल कहने से इंकार कर दिया। उन्होंने कहा कि अगर ऐसा होता तो भाजपा 2019 में नहीं जीतती क्योंकि वह 2018 में पांच राज्यों में हुए चुनाव हार गई थी। यह पूछने पर कि वह हिंदी पट्टी में कांग्रेस की हार को लेकर क्या सोचते हैं? इस पर प्रशांत किशोर ने कहा कि कांग्रेस एक यूनिट के तौर पर मध्य प्रदेश में चुनाव लड़ने और जीतने की स्थिति में नहीं थी। राजस्थान में भी नतीजे स्पष्ट ही थे। छत्तीसगढ़ को लेकर कहा जा सकता है कि अक्सर कई बार मजबूत चेहरों को लेकर धारणा होती है। हमने तेलंगाना में बीआरएस के साथ भी ऐसा ही होता देखा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस छत्तीसगढ़ में बहुत मजबूत स्थिति में नहीं थी। पिछली बार यहां कांग्रेस कांग्रेस फसल मामले को लेकर जीती थी, तो छत्तीसगढ़ को लेकर भी इतना आशावादी नहीं होना था।

जाति आधारित जनगणना से नुकसान हुआ

प्रशांत किशोर ने कहा कि कांग्रेस जाति आधारित आरक्षण को केंद्रीय मुद्दा बना रही है, लेकिन पार्टी को नुकसान हुआ है। इसका ध्यान रखने और अध्ययन करने की जरूरत है। शायद कांग्रेस के कोर वोटर्स को यह मुद्दा पसंद नहीं आया होगा इसलिए उसने वोट नहीं किया। उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि जाति आधारित जनगणना की बातें करने वाली किसी क्षेत्रीय पार्टी की तुलना में इसे केंद्रीय केंद्रीय मुद्दा बनाने में जुटी राष्ट्रीय पार्टी को हिंदी पट्टी में इसका खामियाजा भुगतना पड़ सकता है।

जानें प्रशांत किशोर को लेकर कांग्रेस ने क्या कहा?

कांग्रेस को लेकर प्रशांत किशोर के दिए बयान पर पार्टी के नेता राजेश राठौड़ ने कहा कि हम प्रशांत किशोर (PK) के बयान का स्वागत करते हैं कि वो कांग्रेस की विचारधारा के साथ हैं। हम राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खरगे जी की विचारधारा के साथ हैं। उन्होंने कहा कि जो लोग भी कांग्रेस की विचारधारा के साथ काम करना चाहते हैं, उनके लिए दरवाजे खुले हैं। अब ये तो प्रशांत किशोर जी को सोचना है कि उन्हें क्या करना है। कांग्रेस नेता ने कहा कि प्रशांत किशोर मानते हैं कि इस देश को कांग्रेस पार्टी की विचारधारा ही देश को आगे बढ़ा सकती है। कांग्रेस पार्टी एक खुला मंच है। राहुल गांधी जी ने स्पष्ट कह दिया है किसी भी विचारधारा के व्यक्ति अपनी विचारधारा को छोड़ कांग्रेस को अपनाते हैं तो हम उनका स्वागत करते हैं। कांग्रेस तो ऐसे लोगों का हमेशा स्वागत करती है। अब तो प्रशांत किशोर को निर्णय लेना है।

भाजपा को रास नहीं आया PK का बयान

भाजपा के मुख्य प्रवक्ता मनोज शर्मा ने कहा कि प्रशांत किशोर के पास कई विचारधाराओं के साथ काम करने का अनुभव रहा है। 2014 में वो भाजपा की विचारधारा से प्रभावित होकर नरेंद्र मोदी जी के लिए काम किए। फिर 2015 के विधानसभा चुनाव में वो समाजवादी विचारधारा से प्रभावित होकर लालू और नीतीश कुमार के लिए काम किए। फिर कांग्रेस से अलग हटकर जो टीएमसी बनी थी, उसके साथ भी उन्होंने काम किया। तो वो विचारधारा में भटके हुए हैं। वो कन्फ्यूज हैं। मनोज शर्मा ने आगे कहा कि आज जब वो बिहार में 6 महीने से घूम रहे हैं तो उन्होंने तो लग रहा है कि उनकी दाल गल नहीं रही है। ऐसे में कोई ऐसी पार्टी चाहिए, जहां पर उन्हें आश्रय मिल जाए। कांग्रेस की तो खुद ही कोई विचारधारा नहीं है।

 

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