हरियाणा में भाजपा-जजपा उम्मीदवारों का विरोध: अनिल विज को किसानों की नारेबाजी पर बैरंग लौटना पड़ा, दुष्यंत चौटाला की गाड़ी घेरी

जींद के उचाना में दुष्यंत चौटाला की गाड़ी घेरते ग्रामीण

नरेन्द्र सहारण, चंडीगढ़: Haryana Assembly Election 2024: हरियाणा विधानसभा चुनाव के प्रचार के दौरान नेताओं को जनता के तीखे विरोध का सामना करना पड़ रहा है। 90 विधानसभा सीटों पर हो रहे चुनाव प्रचार में भाजपा के पूर्व कैबिनेट मंत्री अनिल विज, जेजेपी के पूर्व डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला, पूर्व मंत्री कृष्ण बेदी, विधायक विनोद भयाना और कांग्रेस के बरवाला से उम्मीदवार रामनिवास घोड़ेला को लोगों की नाराजगी का सामना करना पड़ा है।

ग्रामीण जनता नेताओं को घेरकर उनकी समस्याओं के समाधान की मांग कर रही है। खासकर, खासकर, हरियाणा सरकार द्वारा किसानों और मजदूरों को दिल्ली जाने से रोकने पर भाजपा और जेजेपी के उम्मीदवारों की आलोचना हो रही है। अंबाला कैंट में भाजपा उम्मीदवार अनिल विज के कार्यक्रम के दौरान भारतीय किसान यूनियन (भगत सिंह गुट) से जुड़े ग्रामीणों ने हंगामा किया। वहीं, हांसी में भाजपा उम्मीदवार और पूर्व विधायक विनोद भयाना को किसानों के विरोध का सामना करना पड़ा, जिन्होंने खनौरी बॉर्डर पर युवा किसान शुभकरण को गोली मारने के मामले पर सवाल उठाया। भयाना ने विरोध करने वाले किसान को सलाह दी कि वह वोट न दें।

पूर्व मंत्री अनूप धानक को उकलाना में लोगों ने घेरकर उनकी पिछली टिप्पणी की याद दिलाई, जिसमें उन्होंने कहा था कि वे आम जनता से बदबू आती है और उनके द्वारा दी गई मिठाई दीवार पर रख दी जाती थी। यह बयान अब लोगों के गुस्से का कारण बन गया है।

दुष्यंत चौटाला को काले झंडे दिखाते ग्रामीण युवक।

दुष्यंत चौटाला को काले झंडे दिखाए

 

शनिवार शाम को हरियाणा के उचाना में पूर्व डिप्टी सीएम और जननायक जनता पार्टी (JJP) के उम्मीदवार दुष्यंत चौटाला को छातर गांव में विरोध का सामना करना पड़ा। जैसे ही दुष्यंत का काफिला गांव में पहुंचा, युवाओं ने नारेबाजी शुरू कर दी। युवाओं ने आरोप लगाया कि दुष्यंत चौटाला को पिछले विधानसभा चुनाव में गांव वालों ने बड़ी जीत दिलाई थी, जबकि उन्होंने भाजपा के खिलाफ वोट डाले थे। लेकिन चुनाव जीतने के बाद दुष्यंत चौटाला भाजपा के साथ चले गए, जिससे गांव वालों में नाराजगी फैल गई। युवकों ने यह भी बताया कि पिछले चुनाव के बाद छातर गांव ने दुष्यंत चौटाला का सामाजिक बहिष्कार कर दिया था, और अब लोग ऐसे नेताओं के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की बात कर रहे हैं। इस विरोध प्रदर्शन ने दुष्यंत चौटाला की चुनावी सभाओं के दौरान ग्रामीणों की बढ़ती असंतोष की ओर इशारा किया है।

अंबाला कैंट विधानसभा सीट के तहत आते शाहपुर गांव में भाजपा उम्मीदवार अनिल विज के प्रोग्राम में किसानों ने हंगामा कर दिया। विवाद बढ़ता देखकर विज प्रोग्राम छोड़कर लौट गए।

अनिल विज के प्रोग्राम में हंगामा

 

रविवार शाम को अंबाला कैंट विधानसभा सीट से भाजपा के उम्मीदवार और पूर्व गृहमंत्री अनिल विज को जलबेड़ा और शाहपुर गांव में किसानों के विरोध का सामना करना पड़ा। विज ने इन दोनों गांवों में चुनावी कार्यक्रम आयोजित किए थे, लेकिन किसान यूनियनों से जुड़े लोग कार्यक्रम के स्थल पर पहुंच गए और विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया।

शाहपुर गांव में भारतीय किसान यूनियन (भगत सिंह गुट) के सदस्य कार्यक्रम में झंडे लेकर घुस आए और नारेबाजी करने लगे। हंगामे के बीच विज के समर्थकों ने ‘अनिल विज जिंदाबाद’ के नारे लगाए, जिससे दोनों पक्षों के बीच तनाव बढ़ गया। माहौल इतना गर्म हो गया कि अनिल विज ने कार्यक्रम को बीच में ही छोड़कर शाहपुर गांव से निकलने का निर्णय लिया। इस घटना ने चुनावी माहौल में और भी तनाव पैदा कर दिया है और नेताओं को ग्रामीण समस्याओं को लेकर जनता के तीखे विरोध का सामना करना पड़ रहा है।

अनूप धानक के साथ बहस करते ग्रामीण।

उकलाना में अनूप धानक का विरोध

 

हिसार जिले की उकलाना विधानसभा सीट पर भाजपा के उम्मीदवार अनूप धानक को शनिवार को भारी विरोध का सामना करना पड़ा। जब धानक प्रभुवाला और कंडूल गांव में चुनाव प्रचार के लिए पहुंचे, तो उन्हें ग्रामीणों की तीखी नाराजगी का सामना करना पड़ा। प्रभुवाला गांव में ग्रामीणों ने धानक को घेरते हुए कहा कि वह पिछले 10 वर्षों से इस क्षेत्र के विधायक रहे हैं, लेकिन कभी भी गांव का हाल-चाल लेने नहीं आए। उन्होंने आरोप लगाया कि जब धानक मंत्री थे, तो उन्होंने ग्रामीणों को अपमानित किया। मिठाई देने पर वह भी दीवार पर रख दी जाती थी, और अब अचानक उनकी याद कैसे आ गई, यह समझ से परे है।

कंडूल गांव में भी स्थिति तनावपूर्ण रही। यहां ग्रामीणों ने बताया कि पिछले 10 वर्षों में उनके गांव में करीब 50 लोगों की मौत हो चुकी है, और धानक ने कभी भी शोक जताने का प्रयास नहीं किया। इस वजह से ग्रामीणों में गहरा आक्रोश है। इन घटनाओं ने धानक की चुनावी सभाओं के दौरान उनके खिलाफ बढ़ती नाराजगी को उजागर किया है, और यह स्पष्ट कर दिया है कि क्षेत्रीय मुद्दे और पिछली उपेक्षाओं के कारण भाजपा के उम्मीदवारों को कठिन चुनावी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है।

विनोद भयाना का विरोध करते ग्रामीण।

भयाना ने कहा- वोट मत देना

 

हांसी के गांव घिराय में भाजपा के उम्मीदवार विनोद भयाना के कार्यक्रम के दौरान किसानों ने जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। किसानों ने पूछते हुए हंगामा किया कि किसान आंदोलन के दौरान उनकी सरकार ने शुभकरण को गोली क्यों मारी। हांसी में किसान आंदोलन के खिलाफ भाजपा के नेताओं डीपी वत्स और बृजेंद्र सिंह ने ट्रैक्टर मार्च निकाला था, जो किसानों के गुस्से का एक और कारण बना। किसानों का कहना है कि भाजपा की सरकार ने कृषि यंत्रों पर 28 प्रतिशत जीएसटी लगाकर उन्हें परेशान किया है, और इससे उनकी समस्याएं और बढ़ गई हैं।

इस विरोध के बीच, भाजपा उम्मीदवार विनोद भयाना ने कहा कि अगर किसानों को भाजपा की नीतियों पर आपत्ति है, तो वे वोट न दें, लेकिन बहस करने की बजाय विरोध प्रदर्शन को शांतिपूर्ण तरीके से निपटाएं। उनके इस बयान ने गांव में स्थिति को और भी तनावपूर्ण बना दिया।

भिखेवाला में ग्रामीणों को समझाने का प्रयास करते हुए बीजेपी प्रत्याशी कृष्ण बेदी।

जींद में कृष्ण बेदी से ग्रामीणों की तीखी बहस

 

जींद जिले के नरवाना विधानसभा क्षेत्र में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के उम्मीदवार और पूर्व मंत्री कृष्ण बेदी का भिखेवाला गांव में ग्रामीणों के साथ तीखा टकराव हुआ। चुनाव प्रचार के दौरान कृष्ण बेदी जब इस गांव में पहुंचे, तो उन्हें स्थानीय लोगों के विरोध का सामना करना पड़ा।

ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि मंत्री पद पर रहते हुए कृष्ण बेदी ने कभी भी उनके गांव की समस्याओं पर ध्यान नहीं दिया। इससे नाराज होकर गांव वालों ने स्पष्ट किया कि अब वे विधानसभा चुनाव में कृष्ण बेदी की बातों को नहीं मानेंगे।

भिखेवाला की चौपाल में आयोजित इस सभा के दौरान ग्रामीणों और कृष्ण बेदी के बीच गर्मा-गर्मी भरी बहस हुई। लोगों ने भारतीय जनता पार्टी और उसके मंत्रियों द्वारा किसान आंदोलन के दौरान किए गए व्यवहार को लेकर कड़ी आलोचना की। उन्होंने स्पष्ट किया कि भाजपा के प्रति उनके आक्रोश को वे विधानसभा चुनाव में वोट के माध्यम से जाहिर करेंगे।

कृष्ण बेदी ने ग्रामीणों को समझाने की कोशिश की, लेकिन उनकी बातों को सुनने के लिए लोग तैयार नहीं थे। यह स्थिति दर्शाती है कि भाजपा और उसके उम्मीदवारों को ग्रामीण क्षेत्रों में गहरी नाराजगी का सामना करना पड़ रहा है।

कांग्रेस उम्मीदवार रामनिवास घोड़ेला।

कांग्रेस प्रत्याशी के विरोध में पंचायत बुलाई

 

हरियाणा के बरवाला विधानसभा सीट से कांग्रेस के उम्मीदवार रामनिवास घोड़ेला को पार्टी द्वारा टिकट दिए जाने के खिलाफ किसानों ने 20 सितंबर को एक पंचायत बुलाई है। किसान नेता जोगेंद्र मय्यड़ ने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने चेंज ऑफ लैंड यूज कांड के आरोपी को टिकट दिया है, जिसे लेकर किसानों में गहरी नाराजगी है।

किसानों ने इस मुद्दे पर चर्चा करने के लिए एक 31 सदस्यीय कमेटी बनाई है, जो गांव-गांव जाकर लोगों को बैठक के लिए आमंत्रित करेगी। इससे पहले किसानों ने दिल्ली में कांग्रेस मुख्यालय के बाहर भी रामनिवास घोड़ेला को टिकट देने के खिलाफ प्रदर्शन किया था और कांग्रेस प्रभारी दीपक बाबरिया की टिकट को चुनौती दी थी। वे टिकट वितरण पर पार्टी के फैसलों को लेकर असंतोष व्यक्त कर रहे हैं।

 

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