पूंडरी विधायक सतपाल जांबा ने ब्राह्मण समाज से मांगी माफी: बोले-मेरे शब्दों को तोड़ा-मरोड़ा गया

संत कबीर जयंती समारोह में शामिल विधायक सतपाल जांबा।

नरेंद्र सहारण, कैथल: Kaithal News: हरियाणा के कैथल जिले के पूंडरी में आयोजित संत कबीरदास जयंती समारोह के दौरान विधायक सतपाल जांबा के एक कथित बयान को लेकर विवाद जन्म ले गया है। इस विवाद ने सोशल मीडिया और स्थानीय स्तर पर तीव्र प्रतिक्रिया उत्पन्न कर दी है, जिससे समाज में एक नई बहस छिड़ गई है। विधायक ने अपने बयान पर सफाई देते हुए कहा है कि उनके शब्दों को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया है और उन्होंने ब्राह्मण समाज से माफी भी मांगी है।

 घटना का संक्षिप्त परिचय

कैथल जिले के पूंडरी गांव में गत सप्ताह संत कबीरदास जयंती के अवसर पर एक विशेष समारोह का आयोजन हुआ। इस कार्यक्रम में क्षेत्रीय विधायक सतपाल जांबा मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे। समारोह का उद्देश्य संत कबीरदास के विचारों और उनकी शिक्षाओं को जन-जन तक पहुंचाना था। लेकिन, इस समारोह के दौरान विधायक जांबा द्वारा कही गई बातों ने न सिर्फ उपस्थित लोगों का ध्यान आकर्षित किया बल्कि सोशल मीडिया पर भी व्यापक चर्चा का विषय बन गई।

विधायक का बयान और विवाद का कारण

विधायक ने अपने भाषण में कबीरदास के विचारों और उनके पाखंड के विरुद्ध लड़ाई का संदर्भ दिया। उन्होंने कहा कि कबीर अपने जीवन काल में पाखंडी ब्राह्मणों के खिलाफ थे और उन्होंने समाज में सुधार लाने का काम किया।

हालांकि, विधायक ने अपने भाषण में यह भी कहा कि वे कबीर के विचारों को अपनाने की बात कर रहे थे, लेकिन उनके कुछ शब्दों को गलत ढंग से तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया। विशेष रूप से, ‘पाखंडी ब्राह्मणों’ का उल्लेख सोशल मीडिया पर विवाद का मुख्य कारण बन गया। कई लोगों ने इस टिप्पणी को ब्राह्मण समाज के खिलाफ टिप्पणी मानते हुए नाराजगी व्यक्त की।

सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाएं और समाज में रोष

विवाद के फैलते ही सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर प्रतिक्रियाओं की बाढ़ आ गई। ब्राह्मण समाज के कई नेताओं और संगठनों ने इस टिप्पणी की निंदा की। उनका कहना था कि विधायक का बयान अवांछित और असंवेदनशील है, जो समाज में विभाजन की भावना पैदा कर सकता है। कई लोगों ने इसे अपनी धार्मिक भावना को आहत करने वाला करार दिया। कई सामाजिक कार्यकर्ताओं और बुद्धिजीवियों ने भी इस बयान को लेकर चिंता व्यक्त की और मांग की कि विधायक इस पर स्पष्ट सफाई दें।

विधायक का स्थिति स्पष्ट करने का प्रयास

इसी बीच विधायक सतपाल जांबा ने एक वीडियो जारी कर अपनी बात स्पष्ट करने का प्रयास किया। उन्होंने कहा कि उनके बयान का मतलब किसी भी समाज को आहत करने का नहीं था। उन्होंने बताया कि उन्होंने कबीरदास के विचारों का जिक्र करते हुए कहा था कि कबीर ने पाखंड के खिलाफ आवाज उठाई थी, और उनके समय में भी कुछ पाखंडी लोग समाज में फैले हुए थे।

विधायक ने बताया कि उन्होंने अपनी बात को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया है और उनका उद्देश्य किसी भी समाज विशेष को निशाना बनाना नहीं था। उन्होंने कहा कि उन्होंने समाज के सभी वर्गों का सम्मान किया है और आगे भी करते रहेंगे।

माफी और समाज के प्रति अपना सम्मान जताना

विधायक ने अपने बयान के संदर्भ में माफी भी मांगी है। उन्होंने कहा कि यदि उनके शब्दों से किसी को चोट पहुंची है, तो वह उनके लिए खेदजनक है। साथ ही, उन्होंने यह भी कहा कि उनका उद्देश्य समाज में सौहार्द और एकता बनाए रखना है, न कि किसी को आहत करना। यह माफी का प्रस्ताव समाज में सकारात्मक प्रतिक्रिया लाने की आशा व्यक्त करता है, लेकिन साथ ही, विवाद का मुद्दा अभी भी शांत नहीं हुआ है।

इतिहास और कबीरदास के विचारों का संदर्भ

कबीरदास का नाम भारतीय समाज में एक महात्मा, संत और सुधारक के रूप में लिया जाता है। उनका जीवन और शिक्षाएं धर्म, आस्था और सामाजिक सुधार का प्रतीक हैं। कबीरदास ने अपने साहित्य में पाखंड, अंधविश्वास, और धार्मिक कट्टरता का विरोध किया। उन्होंने समाज में व्याप्त भेदभाव और छुआछूत के खिलाफ आवाज उठाई। उनके विचारों को लेकर अलग-अलग मत हैं। कुछ लोग उन्हें समाज सुधारक मानते हैं, तो कुछ उनके विचारों का गलत अर्थ निकाल कर विवाद खड़ा कर देते हैं।

समाज में जाति और धर्म का मुद्दा

 

विवाद का मुख्य कारण ‘पाखंडी ब्राह्मणों’ का उल्लेख है। यह शब्द जाति व्यवस्था और धार्मिक आस्थाओं को लेकर चल रहे विवाद का हिस्सा बन गया है। कुछ लोगों का मानना है कि इस तरह के बयान समाज में भेदभाव और मतभेद को बढ़ावा दे सकते हैं। वहीं, कुछ का तर्क है कि यह केवल कबीर के विचारों का संदर्भ था, और इसका उद्देश्य किसी विशेष वर्ग को निशाना बनाना नहीं था।

राजनीतिक और सामाजिक प्रतिक्रिया

इस विवाद के चलते विभिन्न राजनीतिक नेताओं, सामाजिक संगठनों और धार्मिक नेताओं ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। सामाजिक संगठनों ने कहा कि भाषा और शब्दों का चयन सावधानीपूर्वक किया जाना चाहिए ताकि समाज में सौहार्द बना रहे। राजनीतिक नेताओं ने कहा कि विवाद को बढ़ावा देने की बजाय सभी को संयम और समझदारी दिखानी चाहिए।

आगे की दिशा और समाधान

 

विधायक जांबा ने अपनी सफाई और माफी के साथ इस विवाद को शांत करने का प्रयास किया है। लेकिन, इस तरह की घटनाएं समाज में विभाजन और आपसी समझदारी को कमजोर कर सकती हैं। आगे की योजना में, सभी पक्षों को चाहिए कि वे अपने विचार व्यक्त करते समय संवेदनशीलता का परिचय दें। सामाजिक सद्भाव और सांप्रदायिक सौहार्द बनाए रखने के लिए संवाद और समझदारी जरूरी है।

परस्पर सम्मान जरूरी

यह घटना एक बार फिर समाज में विचारों की अभिव्यक्ति और उससे जुड़े विवादों की जटिलता को उजागर करती है। विधायक सतपाल जांबा ने अपने बयान को लेकर सफाई दी है और माफी भी मांगी है, लेकिन यह स्पष्ट है कि समाज में संवेदनशीलता और परस्पर सम्मान अधिक जरूरी है। सभी को चाहिए कि वे अपने विचार व्यक्त करते समय सौहार्द और सहिष्णुता का पालन करें, ताकि समाज में शांति और सद्भाव बना रहे।

समापन

यह मामला सामाजिक सद्भाव और धार्मिक संवेदनशीलता का प्रतीक है। समाज में विवाद के समाधान के लिए संवाद, समझदारी और सम्मान का माहौल जरूरी है। भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचने के लिए, सभी को अपने शब्दों का चयन सोच-समझ कर करना चाहिए, ताकि समाज में सौहार्द और एकता बनी रहे।

 

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