Rajasthan Election Results 2023: चुनाव में हार के बाद कांग्रेस विधायक दल की बैठक, विधायकों और नेताओं ने गहलोत पर साधा निशाना
जयपुर, बीएनएम न्यूज। राजस्थान विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का हार का सामना करना पड़ा है। अब हार के कारणों को लेकर मंथन हो रहा है। इसे लेकर जयपुर में मंगलवार को कांग्रेस विधायक दल की बैठक हुई। राजस्थान विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता को लेकर कांग्रेस आलाकमान फैसला करेगा। बैठक में प्रतिपक्ष के नेता का नाम तय करने का अधिकार आलाकमान पर छोड़ने का प्रस्ताव पारित किया गया। आलाकमान की ओर से भेजे गए पर्यवेक्षक हरियाणा के पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा, राष्ट्रीय महासचिव मुकुल वासनिक और शकील अहमद ने विधायकों से फीडबैक लिया। उधर, चुनाव में हार के बाद कांग्रेस के नेताओं ने निवर्तमान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर निशाना साधना तेज कर दिया है।
सत्ता का नशा शराब के नशे से ज्यादा
पूर्वमंत्री भरत सिंह ने गहलोत पर निशाना साधते हुए कहा कि जनता ने जयपुर के नेताओं का नशा उतारा है। एक दिन दिल्ली के नेताओं का नशा उतारेगी। उन्होंने कहा कि सत्ता का नशा शराब के नशे से ज्यादा होता है। नाम लिए बिना गहलोत पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि किसी भी व्यक्ति को जब अहंकार हो जाता तो उसका पतन हो जाता है।
चुनाव प्रबंधन में रही कमी
कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय सचिव व नव निर्वाचित विधायक जुबेर खान ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि चुनाव अभियान किसी एक एजेंसी को नहीं देकर पार्टी के नेता ही चुनाव प्रचार अभियान का जिम्मा संभालते तो सही रहता। चुनाव प्रबंधन में कमी रही है। कार्यकर्ताओं की जगह एजेंसी को महत्व दिया गया। दरअसल, गहलोत ने डिजाइन बाक्स नामक एक कंपनी को चुनाव प्रचार अभियान का जिम्मा सौंपा था। विधायक मुकेश भाकर ने गहलोत पर निशाना साधते हुए कहा कि पिछले साल 25 सितंबर को आलाकमान के निर्देश के बावजूद विधायक दल की बैठक नहीं हुई। यह आलाकमान की अवमानना थी, जिसको जनता ने अच्छा नहीं माना है। उन्होंने कहा कि यदि चुनाव प्रबंधन एक व्यक्ति के स्थान पर सभी नेता मिलकर करते तो अच्छे परिणाम आ सकते थे।
गहलोत बोले, सरकार के खिलाफ लहर नहीं थी
गहलोत ने मीडिया से बात करते हुए कहा, हमारा वोट शेयर कम नहीं हुआ है। पहले जो वोट शेयर था, वहीं आया है। लेकिन हमारे जो निर्दलीय जीते थे, उनका वोट शेयर भाजपा की तरफ चला गया। हमने विकास और स्थानीय मुददों पर चुनाव लड़ा। भाजपा ने चुनाव अलग तरीके से लड़ा। उन्होंने कन्हैयालाल को लेकर चुनाव लड़ा। कई तरह की अफवाह फैलाई। गहलोत ने कहा, सरकार के खिलाफ लहर नहीं थी। मेरा मानना था कि सरकार बन जाएगी। भाजपा वोटों का धुव्रीकरण करने में सफल रही है। उन्होंने कहा कि हमें हारने की चिंता से ज्यादा देश की चिंता है। देश का लोकतंत्र किस दिशा में जा रहा है। यह सोचने की आवश्यक्ता है।
पायलट बोले, कमियों को स्वीकार करना होगा
पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने कहा,हमें चुनाव में रही कमियों को स्वीकार करना होगा। क्या कमियां रही, कामयाबी के लिए क्या सुधार हो,इस पर लंबी चर्चा की जरूरत है। लोकसभा चुनाव के लिए अभी से तैयारी करनी होगी। हमें उम्मीद थी कि राजस्थान में इस बार सरकार दोबारा बनेगी, सब लोगों ने मेहनत की। उन्होंने कहा कि पार्टी जल्दी निर्णय लेगी कि आगे किस तरह से रास्ता तय किया जाएगा। युवाओं का आगे लाना चाहिए।