Raksha Bandhan 2024: आज रक्षाबंधन पर रहेगा भद्रा का साया, जानें भद्रा काल के बाद राखी बांधने का सही मुहूर्त
नई दिल्ली, बीएनएम न्यूजः Rakhi Bandhan Bhadra Time: आज रक्षाबंधन का पवित्र त्योहार मनाया जाएगा। श्रावण मास की पूर्णिमा के दिन भाई-बहन का ये खास पर्व मनाया जाता है। रक्षाबंधन का त्योहार भाई-बहन के प्यार का प्रतीक माना जाता है। इस दिन बहनें अपने भाइयों को राखी बांधती हैं और भाई अपनी बहनों की रक्षा का वचन देते हैं।
अक्सर देखा जाता है कि राखी के त्योहार के दौरान भद्रा का साया पड़ता है, जिससे राखी बांधने का समय कम हो जाता है। दरअसल, भद्रा काल में रक्षाबंधन मनाना अशुभ माना जाता है। इस कारण जब भी भद्रा काल पड़ता है तो बहनें शुभ मुहूर्त में ही राखी बांधती हैं। आइए जानते हैं कि आज भद्रा काल किस समय पडेगा। इसके साथ ही जानते हैं कि बहनें किस मुहूर्त में राखी बांध सकती हैं।
इस रक्षाबंधन पर है भद्रा का साया (Bhadra on this Rakshabandhan)
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार भद्राकाल को एक विशेष समय बताया गया है। इस दौरान कोई भी शुभ या मांगलिक कार्य करना वर्जित होता है। भद्रा का समय विष्टीकरण कहलाता है। माना जाता है कि भद्राकाल के दौरान किए गए कार्य अशुभ होते हैं।
भद्राकाल
भद्राकाल – पूर्णिमा तिथि के प्रारंभ के साथ भद्रा की शुरुआत
भद्राकाल की समाप्ति – 19 अगस्त 2024 को दोपहर 1:30 पर
भद्रा मुख – 19 अगस्त को प्रातः 10:53 से दोपहर 12:37 तक
भद्रा पूंछ – 19 अगस्त को प्रातः 09:51 से प्रातः 10:53 तक
राखी बांधने का शुभ मुहूर्त (Raksha Bandhan 2024 Shubh Muhurat)
भद्रा के कारण राखी बांधने का मुहूर्त दोपहर में नहीं है। हिंदू पंचांग के अनुसार इस साल राखी बांधने का शुभ मुहूर्त दोपहर 01:30 से रात्रि 09:07 तक रहेगा। कुल मिलाकर शुभ मुहूर्त 07 घंटे 37 मिनट का रहेगा।
राखी बांधने का शुभ मुहूर्त आरंभ – दोपहर 01:30 के बाद
राखी बांधने का शुभ मुहूर्त समापन- रात्रि 09:07 तक
राखी बांधने का सही तरीका ( Right way to tie Rakhi)
राखी बांधने के लिए सबसे पहले थाली में रोली, अक्षत, मिठाई और राखी रखें। अब सबसे पहले अपने भाई की दाहिनी कलाई पर राखी बांधें। इस हाथ पर राखी बांधना एक शुभ शगुन माना जाता है। फिर उसे मिठाई खिलाएं। फिर अपने भाई के लिए आरती उतारें और उसकी सुख-समृद्धि के लिए प्रार्थना करें। इस दौरान भाइयों को अपनी बहनों के पैर छूने चाहिए।
भाई की कलाई पर कैसे बांधे राखी?
सबसे पहले एक थाल में रोली, चंदन, अक्षत, दही, रक्षासूत्र और मिठाई रखें। इसमें भाई की आरती करने के लिए घी का एक दीपक भी रखें। रक्षा सूत्र या राखी और पूजा की थाल सबसे पहले भगवान को समर्पित करें। इसके बाद भाई को पूर्व या उत्तर दिशा की तरफ मुंह करवाकर बैठाएं।
पहले भाई को तिलक लगाएं फिर रक्षा सूत्र बांधें और भाई की आरती उतारें। इसके बाद भाई को मिठाई खिलाकर उसकी मंगल कामना करें। रक्षासूत्र बांधने के समय भाई और बहन का सिर खुला नहीं होना चाहिए। राखी बंधवाने के बाद भाई अपनी क्षमतानुसार बहन को कोई गिफ्ट या उपहार भी भेंट कर सकते हैं।
रक्षाबंधन पर करें इस मंत्र का जाप Rakshabandhan Mantra
हिंदू धर्म में रक्षा बंधन की विशेष मान्यता है। ऐसे में आप भी अपने भाई को राखी बांधते वक्त इस विशेष मंत्र का जाप करें। माना जाता है कि इस जाप को जपते हए राखी बांधने से भाई-बहन का प्यार हमेशा बना रहता है।
राखी बांधते वक्त इस मंत्र का करें जाप
‘येन बद्धो बलिराजा, दानवेन्द्रो महाबलः तेनत्वाम प्रति बद्धनामि रक्षे, माचल-माचलः’।
रक्षाबंधन का महत्व Raksha Bandhan Significance
रक्षा के लिए बांधा जाने वाला धागा रक्षासूत्र है। माना जाता है कि राजसूय यज्ञ के समय में भगवान कृष्ण को द्रौपदी ने रक्षासूत्र के रूप में अपने आंचल का टुकड़ा बांधा था। इसके बाद बहनों द्वारा भाई को राखी बांधने की परंपरा शुरू हुई।
साथ ही पहले के समय में ब्राह्मणों द्वारा अपने यजमानों को राखी बांधकर उनकी मंगलकामना की जाती है। इस दिन वेदपाठी ब्राह्मण यजुर्वेद का पाठ शुरू करते हैं। इसलिए रक्षाबंधन वाले दिन यानी श्रावण शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा वाले दिन शिक्षा का आरंभ करना भी शुभ माना जाता है।
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