विदेश गए हरियाणवियों को अपराधी कहने पर भड़के सुरजेवाला: बोले- खट्‌टर ने देश विरोधी बयान दिया

नरेन्‍द्र सहारण, कैथल : Kaithal News: कांग्रेस के महासचिव और राज्यसभा सांसद रणदीप सुरजेवाला ने हाल ही में अमेरिका से डिपोर्ट किए गए हरियाणा के युवाओं के मुद्दे को लेकर केंद्र और हरियाणा सरकार पर कड़ा प्रहार किया है। उन्होंने विशेष रूप से हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और वर्तमान केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर को निशाने पर लेते हुए उन्हें देश और युवा विरोधी करार दिया। सुरजेवाला ने खट्टर के बयान को अमानवीय और हमारे युवा वर्ग के प्रति अपमानजनक बताया।

सुरजेवाला का आरोप

सुरजेवाला ने कहा, “अमेरिका से बेड़ियों में जकड़कर वापस भेजे जा रहे हरियाणा के युवाओं के संदर्भ में खट्टर का बयान घृणित है। यह उन युवाओं की मेहनत और संघर्ष का अपमान है, जो बेहतर भविष्य की तलाश में विदेश गए और वहां के हालात के कारण इस कष्ट से गुजर रहे हैं।” उनके अनुसार, खट्टर का यह बयान दर्शाता है कि भाजपा सरकार अपने नागरिकों के प्रति संवेदनशील नहीं है और उनके सपनों का मजाक बना रही है।

खट्टर का विवादित बयान

हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने अमेरिका से डिपोर्ट हुए युवाओं को लेकर कहा था, “इन युवाओं को वापस लाने का कोई मतलब नहीं है। ये वहां के अपराधी हैं और हमें उनके लिए सहानुभूति दिखाने की जरूरत नहीं है। हमें अपने बच्चों की सुरक्षा और भलाई का ध्यान रखना चाहिए।” खट्टर ने यह भी बताया कि अमेरिका में ऐसे युवाओं को लेकर कोई विशेष सहानुभूति नहीं दिखाई जानी चाहिए और यहाँ पर हमें अपने बच्चों की सुरक्षा की प्राथमिकता देनी चाहिए।

सुरजेवाला की दलीलें

 

विदेश गए युवा अपराधी नहीं: सुरजेवाला ने कहा कि जो युवा रोजी-रोटी की तलाश में विदेश गए, वे अपराधी नहीं हैं। ये वे युवा हैं जिन्होंने काम की कमी के कारण बेहतर अवसरों की खोज में विदेश जाने का साहस किया।

हरियाणवी युवा हैं ईमानदार: उन्होंने यह भी बताया कि उनका मानना है कि ये युवा ईमानदारी से काम करने की तलाश में ही विदेश गए थे। क्या भाजपा देश नहीं जानती कि अमेरिका में असली नागरिक सिर्फ ‘रेड इंडियंस’ हैं? फिर हमारे बच्चों को अपराधी क्यों बनाया जा रहा है?

सहानुभूति और सहायता: सुरजेवाला ने यह भी कहा कि डिपोर्ट किए गए युवाओं को हमारी सहानुभूति के साथ-साथ सरकार की मदद की भी आवश्यकता है। उन्होंने इसे सरकार की विफलता के रूप में देखा कि वह अपने नागरिकों के अपमान पर मौन है, जबकि अन्य छोटे देश विदेशों में अपने नागरिकों की सुरक्षा के लिए कड़े कदम उठा रहे हैं।

नौकरी की तलाश और नशे की समस्या: उन्होंने यह आरोप लगाया कि नौकरी की तलाश में विदेश जाना नशे की लत से जोड़ना हरियाणा की संस्कृति का अपमान है। जब सरकार रोजगार नहीं दे रही है, तो युवा बाहर जाने के लिए मजबूर हो रहे हैं और ऐसे में उन्हें नशेड़ी कहना न केवल अन्याय है बल्कि समाज के लिए भी गलत संदेश है।

भारतीय नागरिकों के सम्मान की रक्षा: सुरजेवाला ने मोदी सरकार और उसके मंत्रियों से अपील की कि उन्हें अमेरिका द्वारा भारतीय नागरिकों के साथ किए गए अमानवीय व्यवहार का विरोध करना चाहिए। केवल खट्टर के बयानों का समर्थन करने के बजाय, सरकार को अपने नागरिकों के सम्मान की रक्षा करनी चाहिए।

सुरजेवाला की मांगें

सुरजेवाला ने यह स्पष्ट किया कि भाजपा को यह समझना चाहिए कि हरियाणा के ये युवा केवल रोजगार के लिए विदेश गए हैं, और उन्हें वहां कोई अपराध नहीं करना चाहिए। उन्हें मदद की आवश्यकता है, न कि भर्त्सना की।

उन्होंने जोर देकर कहा कि मोदी सरकार को अपने नीतियों में बदलाव लाना चाहिए, जिससे ये युवा सम्मान के साथ अपने देश वापस लौट सकें। साथ ही, सुरजेवाला ने यह भी कहा कि जब सरकार अपनी जिम्मेदारियों को सही ढंग से निभाने में असमर्थ है, तो अपमानित नागरिकों के प्रति सहानुभूति दिखाने का कोई औचित्य नहीं रह जाता।

अमानवीय व्यवहार की निंदा

इस प्रकार सुरजेवाला का यह बयान न केवल हरियाणा के युवाओं के खिलाफ किए गए अमानवीय व्यवहार की निंदा करता है, बल्कि यह भी दिखाता है कि राजनीतिक मतभेदों के बावजूद नागरिकों का सम्मान और उनकी मदद करनी सबसे जरूरी है। भाजपा और विशेष रूप से खट्टर को इस मुद्दे पर गंभीरता से विचार करने की आवश्यकता है, ताकि युवा वर्ग को एक सकारात्मक और सुरक्षित भविष्य प्रदान किया जा सके।

 

 

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