Revanth Reddy: ABVP नेता से लेकर तेलंगाना के मुख्यमंत्री तक का सफर, जानिए कौन हैं रेवंत रेड्डी
हैदराबाद, बीएनएम न्यूज। पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में सिर्फ तेलंगाना में कांग्रेस को जीत हासिल हुई है। विधायकों की राय और सीनियर नेताओं से चर्चा के बाद कांग्रेस पार्टी नेतृत्व ने घोषणा की कि तेलंगाना के नए मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी होंगे। तेलंगाना प्रदेश अध्यक्ष रेवंत रेड्डी की अगुवाई में ही कांग्रेस को यह जीत मिली है। कांग्रेस ने बीआरएस को हराकर यह जीत हासिल की है। रेवंत रेड्डी 7 दिसंबर को मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। शपथ ग्रहण में कांग्रेस का आलाकमान मौजूद रहेगा।
राजनीति की शुरुआत एबीवीपी से की
8 नवंबर 1967 को तेलंगाना के महबूबनगर जिले के कोंडारेड्डी पल्ली में रेवंत रेड्डी का जन्म हुआ था। उन्होंने अपने हलफनामे में प्रोफेशन के कॉलम में किसान लिखा हुआ है। ऐसे में वो नेता होने के साथ-साथ किसान भी हैं। रेवंत रेड्डी की शादी पूर्व केंद्रीय मंत्री जयपाल रेड्डी की भतीजी गीता से हुई है। दोनों की निमिशा नाम की एक बेटी है। रेवंत रेड्डी ने अपनी राजनीति की शुरुआत एबीवीपी से की थी।
2021 में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष बने थे रेवंत
रेवंत रेड्डी ने तेलंगाना राष्ट्र समिति के साथ भी काम किया, लेकिन पहली बार टीडीपी से विधायक बने। टीडीपी के साथ काम करने के बाद रेवंत रेड्डी कांग्रेस में शामिल हो गए। रेवंत फिलहाल कांग्रेस के सांसद हैं। इससे पहले दो बार टीडीपी से और एक बार कांग्रेस से विधायक रह चुके हैं। रेवंत रेड्डी को साल 2021 में सोनिया गांधी ने प्रदेश अध्यक्ष बनाया.
सीनियर नेताओं ने रेवंत का किया था विरोध
रेवंत रेड्डी की कहानी इसलिए भी अहम है, क्योंकि कांग्रेस के ही कई सीनियर नेताओं ने उन्हें रोकने की कोशिश की थी। तत्कालीन तेलंगाना के कांग्रेस इंचार्ज एम.पी हनुमंत राव ने खुलकर उनके खिलाफ मोर्चा खोला था, इसके लिए बकायदा उनके एबीवीपी और आरएसएस के बैक ग्रांउड का हवाला दिया गया, लेकिन रेवंत रेड्डी आगे बढ़ते रहे।
4 साल में ही कांग्रेस को दिला दी सत्ता
तेलंगाना में कांग्रेस एक ऐसे नेता की तलाश में थी, जो वहां केसीआर के खिलाफ लड़ सके, भाजपा को चुनौती दे सके और रेवंत ये सब आसानी से कर रहे थे। रेवंत रेड्डी ने कई कांग्रेस नेताओं को भी अपने साथ जोड़ा और केसीआर के खिलाफ एक मजबूत विपक्ष की नींव रखी। महज 4 साल में रेवंत रेड्डी ने पार्टी को सत्ता तक पहुंचाने का काम किया है।
रेवंत का पूरा राजनीतिक सफर
रेवंत रेड्डी छात्र जीवन के दौरान एबीवीपी से जुड़े थे। 2007 में रेवंत रेड्डी को एक स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में विधान परिषद (एमएलसी) के सदस्य के रूप में चुना गया था। बाद में उनकी मुलाकात तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) प्रमुख एन. चंद्रबाबू नायडू से हुई और वे तेलुगु देशम पार्टी में शामिल हो गए।
बहुत कम समय में कांग्रेस को दिलाई सफलता
2009 में रेवंत रेड्डी टीडीपी उम्मीदवार के रूप में कोडंगल क्षेत्र से आंध्र विधानसभा के लिए चुने गए। टीडीपी के टिकट पर ही 2014 में रेवंत कोडंगल सीट से जीते और तेलंगाना विधानसभा पहुंचे। उन्हें तेलंगाना में तेलुगु देशम पार्टी के फ्लोर लीडर बनाया था, लेकिन 25 अक्टूबर 2017 को टीडीपी ने उन्हें तेलंगाना टीडीपी के फ्लोर लीडर के पद से हटा दिया। इसकेबाद 31 अक्टूबर 2017 को रेवंत रेड्डी कांग्रेस में शामिल हुए। उन्होंने कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में कोडंगल से 2018 तेलंगाना विधानसभा चुनाव लड़ा और टीआरएस उम्मीदवार पटनम नरेंद्र रेड्डी से हार गए, जो किसी भी चुनाव में उनकी पहली हार थी। 2019 में उन्होंने मल्काजगिरी लोकसभा से जीत हासिल की। जून 2021 में रेवंत रेड्डी को एन. उत्तम कुमार रेड्डी की जगह तेलंगाना प्रदेश कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष नियुक्त किया गया। उन्होंने सात जुलाई 2021 को पद संभाला। रेवंत रेड्डी की अगुवाई में कांग्रेस ने 64 सीटों पर जीत दर्ज की। अब रेवंत रेड्डी तेलंगाना के नए मुख्यमंत्री होंगे।