धीरज साहू के यहां मिले करोड़ों की जांच की मांग को लेकर झारखंड और ओडिशा विधानसभा में हंगामा
रांची/भुवनेश्वर, बीएनएम न्यूज। Dheeraj Sahu: झारखंड से कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य धीरज प्रसाद साहू के यहां मिले करोड़ों की जांच की मांग को लेकर झारखंड विधानसभा और ओडिशा में भाजपा ने जोरदार प्रदर्शन किया। झारखंड में विधानसभा के शीतकालीन सत्र के पहले ही दिन भाजपा ने सदन के बाहर जमकर नारेबाजी की। साहू की गिरफ्तारी और पूरे मामले की सीबीआइ जांच की मांग को लेकर विधानसभा के प्रवेशद्वार पर भाजपा विधायकों ने देर तक नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन किया। विधायकों ने कहा कि सत्र के दौरान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को धीरज के मुद्दे पर जवाब देना चाहिए।
पूरे मामले की सीबीआइ जांच की मांग को लेकर नारेबाजी
उधर, ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर में भी भाजपा नेताओं ने कल्पना चौक पर प्रदर्शन कर मामले की सीबीआइ जांच की मांग की। भाजपा नेताओं ने विरोध स्वरूप नकली नोटों की टोकरी सड़क पर रखी। साथ ही इस मामले में बीजद की चुप्पी पर सवाल उठाए। नेताओं ने यहां नवीन पटनायक की बीजद सरकार पर 50 हजार करोड़ रुपये के शराब कारोबार में भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए घटना की सीबीआइ जांच की मांग की।
ओडिशा में कांग्रेस के साथ बीजद पर भी निशाना
उन्होंने जब्त नकदी के स्वामित्व पर स्पष्टीकरण भी मांगा है और पूछा कि यह पैसा शराब व्यापारियों का है या बीजद के पार्टी फंड का। भाजपा नेताओं ने कहा कि हम विरोध प्रदर्शन नहीं कर रहे हैं बल्कि बीजद की सच्चाई आम जनता तक पहुंचाने के लिए जागरूकता कार्यक्रम कर रहे है। नवीन बाबू 24 साल से शासन कर रहे हैं लेकिन उनका कहना है कि इतनी बड़ी जब्त नकदी के बारे में कोई जानकारी नहीं है, यह आश्चर्यजनक है।
साहू के यहां छापेमारी खत्म, भेजी रिपोर्ट
धीरज साहू के ओडिशा और झारखंड में स्थित ठिकानों पर पिछले 10 दिनों से चल रही छापेमारी शुक्रवार को खत्म हो गई। शुक्रवार को आयकर विभाग की टीम ने धीरज के स्वामित्व वाली कंपनी बौध डिस्टिलरी प्राइवेट लिमिटेड से व्यापारिक संबंध रखने वाली शक्ति माल्टारे एंड लेमोनेड प्राइवेट लिमिटेड में छापेमारी की। विभाग ने ओडिशा के बलांगीर, बौध, संबलपुर, राउरकेला समेत विभिन्न स्थानों पर स्थित साहू परिवार की शराब कंपनियों के कार्यालयों तथा कंपनी के अधिकारियों, कर्मचारियों, कारोबारियों के आवासों से 351 करोड़ रुपये से अधिक की नकदी व तीन किलो से अधिक सोना जब्त किया। इसके अलावा संपत्ति से जुड़े कई अन्य दस्तावेज भी जब्त किए गए हैं, जिनकी कीमत का आकलन कर विभाग ने अंतिम मूल्यांकन रिपोर्ट केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) को भेज दिया है।