SCO Summit 2024: पाकिस्तान को उसकी धरती पर ही भारतीय विदेश मंत्री जयशंकर ने लगाई फटकार, चीन पर भी बरसे

इस्लामाबाद, एजेंसी: भारत के विदेश मंत्री डॉक्टर एस जयशंकर ने पाकिस्तान की धरती से चीन और पाकिस्तान दोनों को ही कड़ा संदेश दिया है। जयशंकर ने जहां सीमापार आतंकवाद को लेकर पाकिस्तान को कड़ी फटकार लगाई है, वहीं संप्रभुता का मुद्दा पुरजोर तरीके से उठाकर चीन को साफ कर दिया कि भारत सीपीईसी को स्वीकार नहीं करता है।
करीब 1 दशक के बाद किसी भारतीय विदेश मंत्री की पाकिस्तान की पहली यात्रा थी। एससीओ शिखर सम्मेलन में जयशंकर ने पाकिस्तान और चीन का बिना नाम लिए उन्हें धो डाला।
जयशंकर ने कहा कि एससीओ में सहयोग आपसी सम्म्मान और संप्रभु समानता पर आधारित होना चाहिए। इसे क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता को मान्यता देनी चाहिए। इसे वास्तविक साझेदारियों पर बनाया जाना चाहिए न कि एकतरफा एजेंडे पर।
डॉ. जयशंकर जब भाषण दे रहे थे तब पाकिस्तान के टेलीविजन ने समिट का लाइव बंद कर दिया। जयशंकर का यह बयान ऐसे समय पर आया है जब चीन ने कश्मीर के मुद्दे को पाकिस्तान में उठाया है।
एससीओ के लक्ष्य दिलाए याद
डॉ. जयशंकर ने एससीओ के सदस्यों से कहा, ‘मैं आपसे अनुच्छेद 1 पर ध्यान देने का अनुरोध करता हूं, जो एससीओ के उद्देश्यों और काम को समझाता है। इसका मुख्य मकसद आपसी भरोसा, दोस्ती और अच्छे पड़ोसियों के संबंधों को मजबूत करना है। इसका एक और उद्देश्य विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाना है, खासकर क्षेत्रीय स्तर पर। इसका लक्ष्य संतुलित विकास को बढ़ावा देना और संघर्ष को रोकने के लिए एक सकारात्मक ताकत बनना है। चार्टर ने साफ-साफ बताया था कि हमारी तीन मुख्य चुनौतियां हैं – आतंकवाद, अलगाववाद और उग्रवाद, जिनसे निपटने के लिए एससीओ पूरी तरह से प्रतिबद्ध है।’
पाकिस्तान को संदेश
डॉ. जयशंकर ने कहा, ‘अगर हम आज की स्थिति देखें तो इन लक्ष्यों पर काम और भी महत्वपूर्ण हो गया है। इसलिए हमारे लिए एक ईमानदार बातचीत करना जरूरी है।’ पाकिस्तान को संदेश देते हुए उन्होंने कहा, ‘अगर विश्वास की कमी है, सहयोग पर्याप्त नहीं या दोस्ती कमजोर है या अच्छे पड़ोसी जैसे संबंध कहीं गायब हो गए हैं तो हमें साफ तौर पर आत्मनिरीक्षण करने और इन समस्याओं के समाधान खोजने की जरूरत है।’
संप्रभुता और सम्मान की वकालत
डॉ. जयशंकर ने आगे कहा कि हम सब जानते हैं कि दुनिया बहुध्रुवीयता की ओर बढ़ रही है। वैश्वीकरण और संतुलन की पुनर्स्थापना ऐसी हकीकत है, जिसे नकारा नहीं जा सकता। इन सब ने मिलकर व्यापार, निवेश, कनेक्टिविटी, ऊर्जा प्रवाह और अन्य सहयोग के क्षेत्रों में कई नए अवसर पैदा किए हैं। इसमें कोई संदेह नहीं कि अगर हम इसे आगे बढ़ाते हैं, तो हमारा क्षेत्र भी इसका बहुत लाभ उठाएगा। इतना ही नहीं अन्य लोग भी इन प्रयासों से प्रेरणा और सीख लेंगे।
आतंकवाद पर पाकिस्तान को संदेश
डॉ. जयशंकर ने कहा, ‘हमारे प्रयास तभी आगे बढ़ेंगे जब चार्टर के प्रति हमारा समर्पण होगा। यह साफ है कि विकास और प्रगति के लिए शांति और स्थिरता जरूरी है।’ पाकिस्तान को उन्होंने साफ कह दिया कि आतंक और बिजनेस साथ नहीं हो सकते। उन्होंने कहा, ‘हमें तीनों बुराइयों के खिलाफ सख्त और बिना समझौते के खड़ा होना चाहिए। अगर सीमाओं के पार आतंकवाद, कट्टरवाद और अलगाववाद जैसी गतिविधियां होती हैं तो ये व्यापार, ऊर्जा के आदान-प्रदान, कनेक्टिविटी और लोगों के बीच संपर्क को बढ़ावा नहीं दे सकतीं’।
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