प्रियंका गांधी, भूपेंद्र व दीपेंद्र हुड्डा से मिलीं साक्षी मलिक, बॉक्सर विजेंद्र के अलावा इनका भी मिला साथ
नई दिल्ली, BNM News : महिला कुश्ती में भारत की एकमात्र ओलिंपिक पदक विजेता साक्षी मलिक के समर्थन में पूरा खेल जगत खड़ा हो गया है। महिला पहलवानों के यौन शोषण के आरोपित भाजपा सांसद बृजभूषण सिंह के निकट सहयोगी संजय सिंह के भारतीय कुश्ती महासंघ का चुनाव जीतने के बाद साक्षी मलिक ने किसी तरह का न्याय नहीं मिल पाने की बात कहते हुए खेलों से संन्यास लिया है। शुक्रवार को पहलवान बजरंग पूनिया ने पीएम नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर पद्मश्री पुरस्कार वापस करने की इच्छा जताई है। इस बीच, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी साक्षी मलिक के आवास पर पहुंचीं हैं और उनसे मुलाकात कीं।
हुड्डा ने साक्षी मलिक से किया संन्यास के फैसले पर पुनर्विचार का आग्रह
इससे पहले शुक्रवार को नई दिल्ली में साक्षी मलिक और उनके पति सत्यव्रत कादियान ने हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा तथा सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा से मुलाकात की। साक्षी मलिक व सत्यव्रत कादियान ने भूपेंद्र हुड्डा व दीपेंद्र हुड्डा से मुलाकात के दौरान महिला पहलवानों को न्याय नहीं मिलने पर दुख जताया। हुड्डा और दीपेंद्र ने साक्षी मलिक के साथ हर कदम पर खड़े होने का भरोसा दिलाते हुए उनसे खेलों से संन्यास लेने के अपने फैसले पर पुनर्विचार करने का अनुरोध किया। इस मुलाकात के बाद दीपेंद्र ने अपने एक्स अकाउंट पर पोस्ट करते हुए कहा कि भारत की एकमात्र ओलिंपिक पदक विजेता महिला पहलवान साक्षी मलिक ने अपने साथ हुए घोर अन्याय व केंद्र सरकार की वादाखिलाफी से परेशान होकर कुश्ती खेल से संन्यास लिया है। यह देश की महिलाओं के सम्मान और खेल जगत के लिए अच्छे संकेत नहीं हैं। साक्षी मलिक और उनके पति सत्यव्रत कादयान अपने साथ हुई वादाखिलाफी से बेहद आहत थे। हमने उनसे आग्रह किया कि देश हित में कुश्ती से संन्यास के अपने फैसले पर पुनर्विचार करें और उन्हें विश्वास दिलाया कि न्याय मिलने तक उनका साथ नहीं छोड़ेंगे।
रणदीप सुरजेवाला व बाक्सर विजेंद्र बोले, खिलाड़ी बेटियों का अपमान पूरा देश देख रहा
दूसरी तरफ, कांग्रेस महासचिव एवं राज्यसभा सदस्य रणदीप सिंह सुरजेवाला तथा बाक्सिंग में ओलिंपिक पदक विजेता विजेंद्र सिंह ने नई दिल्ली में प्रेस कान्फ्रेंस कर कहा कि साक्षी मलिक का संन्यास लेना देश के खेल इतिहास का काला दिन है और भाजपा सरकार को इस बारे में देश को जवाब देना चाहिए। सुरजेवाला ने कहा कि किसान की पहलवान बेटी की आंख से निकल रहा हर आंसू मोदी सरकार की बेटियों के अपमान का प्रमाण है। बेटी रुलाओ, बेटी सताओ और बेटियों को घर बैठाओ भाजपा का नारा बन गया है। यह देश का दुर्भाग्य है कि हरियाणा के साधारण किसान परिवार की जिस बेटी ने पहला ओलिंपिक पदक जीता, उसे मोदी सरकार के दबदबे ने घर बैठने पर मजबूर कर दिया है। पहलवान बेटियां न्याय के लिए जंतर-मंतर पर बैठी रहीं, लेकिन भाजपा सरकार ने उन्हें दिल्ली पुलिस से कुचलवा दिया। कांग्रेस नेता एवं बाक्सर विजेंद्र सिंह ने कहा कि खेल जगत पहलवान साक्षी मलिक के संन्यास से काफी दुखी और परेशान है। हम हर खिलाड़ी, हर स्टेडियम और हर अखाड़े में जाएंगे और उनसे महिला सुरक्षा, एथलीटों के रोजगार के बारे में बात करेंगे। हम उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर कल भी खड़े थे, आज भी खड़े हैं और कल भी खड़े रहेंगे।
भाजपा सांसद बृजेंद्र सिंह बोले, खिलाड़ियों को राजनीति में आने की जरूरत क्या है
उधर, हिसार से भाजपा सांसद बृजेंद्र सिंह ने कहा कि खिलाड़ी राजनीति में क्यों पड़ रहे हैं, जब तक न्याय दिलाने की बात थी, तब ठीक था, अब चुनाव नहीं जीते तो विरोध क्यों किया जा रहा है।
आप के राज्यसभा सदस्य संदीप पाठक ने भी किया साक्षी मलिक का समर्थन
आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सदस्य संदीप पाठक ने कहा कि बीजेपी ने हमेशा बहन बेटियों के अपमान करने वालों को पदों से सुशोभित किया है। न्याय की कोई उम्मीद नजर नहीं आने पर ओलिंपियन साक्षी मलिक का संन्यास लेना दुर्भाग्यपूर्ण है। देश का नाम रोशन करने वाली ओलिंपिक में मेडल लाने वाली पहलवान बेटियों को पहले न्याय के लिए जंतर मंतर पर बैठना पड़ा। इसके बाद अब कोई उम्मीद नजर नहीं आने पर साक्षी को कुश्ती से ही संन्यास की घोषणा करनी पड़ी। उन्होंने कहा कि इसके लिए बीजेपी को बेनकाब करने की जरूरत है। जनता सब कुछ देख रही है।