भारत की आबादी में 8 प्रतिशत घट गए हिंदू, जानिए 65 साल में कितनी बढ़ गई मुसलमानों की हिस्सेदारी?
नई दिल्ली, बीएनएम न्यूजः भारत में हिंदुओं की आबादी में 7.82 प्रतिशत की गिरावट आई है। वहीं, मुसलमानों की संख्या बढ़ गई है। सरकारी पैनल ने 65 साल की स्टडी की है, जिसमें ये खुलासा हुआ। भारत ही नहीं, नेपाल और म्यांमार में भी हिंदुओं की संख्या घटी है।
स्टडी के मुताबिक, मुस्लिम बहुल देश पाकिस्तान और बांग्लादेश में मुसलमानों की संख्या बढ़ी है। बांग्लादेश में मुसलमानों की आबादी 18 प्रतिशत बढ़ी है तो पाकिस्तान में ये आंकड़ा 10 प्रतिशत है।इकोनॉमिक एडवायजरी काउंसिल टू प्राइम मिनिस्टर (ESP-PM) ने एक वर्किंग पेपर जारी किया है, जिसके मुताबिक भारत में 1950 से 2015 तक धार्मिक बहुसंख्यक आबादी की हिस्सेदारी में 7.81 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है।
वहीं इसी अवधि के दौरान मुस्लिम आबादी की हिस्सेदारी 43.15 प्रतिशत बढ़ गई है। इस वर्किंग पेपर में जिन 167 देशों का विश्लेषण किया गया है, उनमें सिर्फ म्यांमार ही धार्मिक बहुसंख्यक आबादी की हिस्सेदारी में आई गिरावट के मामले में भारत से आगे है। म्यांमार में धार्मिक बहुसंख्यक आबादी की हिस्सेदारी में 10 प्रतिशत की गिरावट दर्ज हुई है।
1950 से 2015 के बीच भारत में धार्मिक बहुसंख्यक आबादी की संख्या में 7.81 फीसदी की गिरावट आई है, यानी ये आंकड़ा 84.68 फीसदी से 78.06 फीसदी हो गया है। वहीं भारत में 1950 में मुस्लिम आबादी 9.84 फीसदी की हिस्सेदारी पर थी, जो कि 2015 में 14.09 फीसदी हो गई है, यानी मुस्लिम आबादी की हिस्सेदारी में 43.15 प्रतिशत की बढ़त दर्ज की गई है।
भारत के पड़ोसी देशों में घटी अल्पसंख्यकों की हिस्सेदारी
दक्षिण एशिया के पड़ोसी देशों से तुलना करें तो धार्मिक बहुसंख्यक आबादी की गिरावट के मामले में भारत सिर्फ म्यांमार से ही पीछे है। इस पेपर की मानें तो भारत में अल्पसंख्यक समुदाय न सिर्फ सुरक्षित हैं बल्कि फल-फूल रहे हैं। ये दावा तब और मजबूत हो जाता है, जब रिपोर्ट में बताया जाता है कि भारत के पड़ोसी देशों- बांग्लादेश, पाकिस्तान, श्रीलंका, भूटान और अफगानिस्तान में धार्मिक बहुसंख्यक आबादी की हिस्सेदारी बढ़ी है और धार्मिक अल्पसंख्यक समुदाय की आबादी में भारी गिरावट हुई है।
सिर्फ मुस्लिम ही नहीं सिख, ईसाई की हिस्सेदारी भी बढ़ी
रिपोर्ट के मुताबिक भारत में मुस्लिम, ईसाई, बौद्ध और सिख समुदाय की हिस्सेदारी में बढ़ोतरी हुई है और जैन और पारसी समुदाय की आबादी में गिरावट आई है। ईसाई समुदाय की आबादी 1950 में 2.24 फीसदी थी जो कि 2015 तक 5.38 फीसदी बढ़कर अब 2.36 फीसदी हो गई है। सिख आबादी 1.24 फीसदी से बढ़कर 1.85 फीसदी हो गई है। 1950 से 2015 के बीच भारत में सिख आबादी की हिस्सेदारी में 6.58 फीसदी की बढ़त हुई है। बौद्ध समुदाय की आबादी 1950 में 0.05 फीसदी थी, जो कि 2015 में बढ़कर 0.81 फीसदी हो गई।
जैन और पारसी समुदाय की हिस्सेदारी में भी आई गिरावट
वहीं जैन समुदाय की आबादी में गिरावट दर्ज हुई है. 1950 में जैन समुदाय की भारत में 0.45 फीसदी हिस्सेदारी थी, जो कि 2015 में घटकर 0.36 फीसदी हो गई है. पारसी समाज की आबादी में 85 फीसदी की गिरावट दर्ज हुई है. 1950 में पारसी समुदाय की आबादी की हिस्सेदारी 0.03 फीसदी थी, जो 2015 में 0.004 तक गिर गई है।