चंडीगढ़ में दुर्घटना में एसएचओ के पांच वर्षीय बेटे का निधन, पुलिस में शोक की लहर

सेक्टर 17 पुलिस स्टेशन के एसएचओ रोहित को उनके बेटे के अंतिम संस्कार के बाद सांत्वना देतीं एसएसपी।
नरेन्द्र सहारण, चंडीगढ़ : चंडीगढ़ के सेक्टर-17 पुलिस थाने के एसएचओ इंस्पेक्टर रोहित के पांच वर्षीय बेटे हिमांशु को एक तेज रफ्तार कार ने टक्कर मार दी, जिसके परिणाम स्वरूप उसकी दुर्भाग्यपूर्ण मौत हो गई। यह घटना उस समय हुई जब एसएचओ रोहित का बेटा सेक्टर-46 में उनके साथ रहता था और वह अपने घर के पास साइकिल चला रहा था। दुर्घटना के बाद, आरोपी एएसआइ जगजिंदर सिंह मौके से फरार हो गया।
यह घटना 26 जनवरी को सुबह की है, जब एएसआइ जगजिंदर सिंह अपनी कार को तेज गति में चला रहा था। अचानक उसने लापरवाही से छोटे बच्चे को साइकिल चलाते हुए देख लिया, जिसके बाद उसकी गाड़ी ने हिमांशु को टक्कर मार दी। यह टक्कर इतनी भीषण थी कि बच्चा गंभीर रूप से घायल हो गया। तत्काल उसे पीजीआई अस्पताल ले जाया गया, लेकिन चिकित्सक उसे बचाने में असफल रहे। चिकित्सकीय जांच में पता चला कि टक्कर के कारण हिमांशु का लीवर फट गया था और उसकी बाहों व पैरों की हड्डियां भी टूट गई थीं। उसकी उम्र केवल पाँच साल थी, और यह घटना उसकी पूरी परिवार के लिए एक दुखद क्षण बन गई।
दुखी पिता और परिवार को सांत्वना दी
हिमांशु के अंतिम संस्कार का आयोजन सोमवार को सेक्टर-25 के श्मशानघाट में किया गया, जहां चंडीगढ़ पुलिस के कई वरिष्ठ अधिकारी और कर्मचारी उपस्थित रहे। इस दुखद अवसर पर एसएसपी कंवरदीप कौर, एसपी मुख्यालय मंजीत श्योराण, सभी डीएसपी और थाने के प्रभारी मौजूद रहे, जिन्होंने दुखी पिता और परिवार को सांत्वना दी। पुलिस अधिकारियों ने कहा कि इस कठिन समय में पूरा चंडीगढ़ पुलिस विभाग रोहित और उनके परिवार के साथ है। उन्होंने कहा, “यह एक गहरी दुख की घड़ी है, और हमें इस कठिनाई का सामना करना होगा। हमें मजबूत रहना चाहिए ताकि हम अपने परिवार का सहारा बन सकें।”
मामले की शिकायत दर्ज
इस हादसे के तुरंत बाद सेक्टर-34 पुलिस थाने में मामले की शिकायत दर्ज की गई और आरोपी जगजिंदर के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि मामले की पूरी जांच की जाएगी और आरोपित को जल्द से जल्द गिरफ्तार किया जाएगा। घटनास्थल पर मौजूद गवाहों के बयान भी लिए जा रहे हैं, ताकि सही तथ्यों को सामने लाया जा सके।
व्यापारिक और सामाजिक समुदाय ने भी इस घटना पर गहरा दुख व्यक्त किया है। उन्होंने पुलिस से अपील की है कि ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सख्त कदम उठाए जाएं, ताकि अन्य परिवारों को इस तरह के दुःख का सामना न करना पड़े। कई लोग सोशल मीडिया पर भी अपनी संवेदनाएं व्यक्त कर रहे हैं, और मांग कर रहे हैं कि सड़क सुरक्षा के नियमों को सख्ती से लागू किया जाए।
इस दुखद घटना ने न केवल परिवार को बल्कि चंडीगढ़ पुलिस विभाग को भी गहरे सदमे में डाल दिया है। इंस्पेक्टर रोहित, जो खुद एक पुलिस अधिकारी हैं, अब अपने बेटे के बिना जीवन जीने की कोशिश कर रहे हैं। इस समय उनके लिए समर्थन और सहानुभूति की आवश्यकता है, ताकि वह इस कठिन परिस्थिति से उबर सकें।
जबकि चंडीगढ़ पुलिस इस मामले की जांच कर रही है, समाज के विभिन्न वर्गों ने भी सड़क सुरक्षा के मुद्दे पर प्रकाश डालने की आवश्यकता की बात की है। ऐसे मर्मांतक हादसों को रोकने के लिए जागरूकता और सख्त कानूनों की आवश्यकता है। बिना किसी संदेह के, यह एक समय है जब सभी को एकजुट होकर इस मुद्दे का सामना करना होगा, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो सके।
इस दुखद घटना के बाद, यह भी सोचने का विषय है कि हमारे समाज में अनियंत्रित गति और लापरवाह ड्राइविंग जैसी समस्याओं का समाधान कैसे किया जा सकता है। क्या सार्वजनिक स्थानों पर तेज गति से गाड़ी चलाने के लिए सख्त कानून बनाने की आवश्यकता है? या फिर ड्राइवरों को जोखिम को समझाने के लिए एक व्यापक जागरूकता अभियान चलाने की जरूरत है? यह सवाल केवल पुलिस या प्रशासन के लिए नहीं, बल्कि समाज के हर एक व्यक्ति के लिए है।
चंडीगढ़ पुलिस ने अपनी संवेदनाओं के साथ-साथ जिम्मेदारियों को भी महसूस किया है। आशा करते हैं कि इस घटना से सबक लेकर भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के उपायों पर ध्यान दिया जाएगा, ताकि किसी और को इस प्रकार का नुकसान न उठाना पड़े। यह समय हमें एकजुट होकर सड़क सुरक्षा को प्राथमिकता देने का है, ताकि हमारे बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।
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