छठे चरण का चुनाव आज, 58 सीटों पर मतदाता चुनेंगे प्रतिनिधि

नई दिल्ली,बीएनएम न्यूजः दो महीने से ज्यादा समय से चल रहा लोकसभा चुनाव अब अपने समापन की ओर है। सात चरणों के इस चुनाव में शनिवार यानी 25 मई को छठे चरण के लिए मतदान होगा। इनमें दिल्ली, हरियाणा सहित आठ राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों की 58 सीटें शामिल हैं।

इस चरण में 11.13 करोड़ मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे। इनमें 5.84 करोड़ पुरुष, 5.29 करोड़ महिला और 5,120 थर्ड जेंडर मतदाता शामिल हैं। इस चरण में दिल्ली और हरियाणा की सभी सीटों पर चुनाव होगा। उत्तर प्रदेश की 14, बिहार की आठ, झारंखड की चार, ओडिशा की छह, बंगाल की आठ और जम्मू-कश्मीर की अनंतनाग-राजौरी सीट पर भी वोट डाले जाएंगे है। इसके साथ ही ओडिशा की विधानसभा के लिए भी इस चरण में मतदान होगा।

छठे चरण के चुनाव में दिग्गजों के चुनावी भाग्य का फैसला होगा

छठे चरण के चुनाव में जिन दिग्गजों के चुनावी भाग्य का फैसला होगा, उनमें हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल, जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती के अलावा केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, राव इंद्रजीत सिंह, मेनका गांधी, राज बब्बर, मनोज तिवारी जैसे प्रमुख चेहरे शामिल हैं। इस चरण में शामिल 58 सीटों में से भाजपा व सहयोगी दलों ने 2019 में 40 सीटों पर जीत दर्ज की थी। ऐसे में यह चुनाव भाजपा और उसके सहयोगी दलों के साथ विपक्ष दलों के लिए भी काफी महत्वपूर्ण है।
निर्वाचन आयोग के अनुसार, छठे चरण के चुनाव के लिए 58 सीटों पर विशेष इंतजाम किए गए हैं। खासकर गर्मी को ध्यान में रखते हुए सभी मतदान केंद्रों पर छांव और पीने के पानी का विशेष इंतजाम रखने के निर्देश दिए गए हैं। इन सभी सीटों पर करीब 1.14 लाख मतदान केंद्र बनाए गए हैं, जहां मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे। छठे चरण के इस चुनाव में 889 प्रत्याशी मैदान में हैं। गौरतलब है कि सात चरणों के लोकसभा चुनाव में अब तक पांच चरणों का चुनाव शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हो चुका है। इसमें 25 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों की 428 सीटों पर प्रत्याशियों की चुनावी किस्मत ईवीएम में कैद हो चुकी है।

गुरुग्राम व फरीदाबाद के मतदाता धोएं उदासीनता का दाग

शहरी क्षेत्रों के मतदाताओं में मतदान के प्रति गहरी उदासीनता को देखते हुए निर्वाचन आयोग ने दिल्ली, गुरुग्राम और फरीदाबाद के मतदाताओं से विशेष अपील की है। आयोग ने कहा कि कम मतदान से जुड़े अपने खराब रिकार्ड को तोड़ने के लिए मतदाता घरों से बाहर निकलें। लोकतंत्र को सशक्त बनाने में अपना अहम योगदान दें। आयोग ने इससे पहले इन सभी शहरी क्षेत्रों के मतदाताओं के बीच मतदान के प्रति जागरूकता पैदा करने के लिए विशेष अभियान भी चलाया है। आयोग ने शहरी क्षेत्रों को लेकर यह अपील तब की है, जब एक चरण को छोड़ दें तो बाकी चार चरणों में 2019 के मुकाबले कम मतदान हुआ है।

184 पर्यवेक्षक उतारे गए हैं मैदान में

निर्वाचन आयोग ने चुनाव के दौरान किसी तरह की गड़बड़ी पर नजर रखने के लिए 184 पर्यवेक्षकों की तैनाती की है। इनमें 66 सामान्य पर्यवेक्षक, 35 पुलिस पर्यवेक्षक और खर्च पर नजर रखने के 83 विशेष पर्यवेक्षकों को तैनात किया है। ये सभी पर्यवेक्षक इन सीटों पर मतदान से जुड़ी पल-पल की रिपोर्ट आयोग को देंगे।

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