Sonipat Lok Sabha Seat: जानें सतपाल ब्रह्मचारी को टिकट देने के मायने, कैसे कांग्रेस ने टिकट देकर खेला बड़ा दांव
नरेन्द्र सहारण, सोनीपत। Sonipat Loksabha Seat: हरियाणा की सोनीपत लोकसभा सीट (Sonipat Loksabha Seat) से कांग्रेस ने कांटे से कांटा निकालने का बड़ा दांव चलकर मुकाबले को रोमांचक बना दिया है। कांग्रेस ने सोनीपत सीट इस बार सतपाल चौधरी (58) को उम्मीदवार बनाया है। उन्होंने स्नातक किया है। कांग्रेस के पास कोई मजबूत उम्मीदवार नहीं होने के कारण नए चेहरे पर दांव खेला है। यहां सतपाल ब्रह्मचारी के रूप में कांग्रेस ने जिन धर्मगुरु को मैदान में उतारा है, उन्होंने अपने प्रबंधन वाली धर्मशालाओं और आश्रमों के जरिए लोगों की सेवा और मदद का काम पहले से हाथ में ले रखा है। वह हरिद्वार, पांडु पिंडारा और गांगोली मंदिर जाने वाले सोनीपत और जींद के श्रद्धालुओं के लिए ब्रह्मचारी के रूप में जाने जाते हैं। पूरे क्षेत्र में उनके प्रशंसक मौजूद हैं। भाजपा छोड़ कांग्रेस में आए पूर्व केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह के बेटे और पूर्व सांसद बृजेंद्र सिंह को हिसार के अलावा सोनीपत सीट से भी उम्मीदवार माना जा रहा था, लेकिन उन्हें कांग्रेस ने टिकट नहीं दिया। इस सीट पर पिछली बार पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा अपना चुनाव हार गए थे। इस बार भाजपा ने मौजूदा सांसद रमेश कौशिक का टिकट काटकर मोहनलाल बड़ौली को उम्मीदवार बनाया है। ऐसे में यहां कांटे की टक्कर मिलने की उम्मीद है।
एक साथ कई तीर साधने की कोशिश
अयोध्या में राम मंदिर मुद्दे के साथ चुनाव मैदान में उतरी भाजपा के नए प्रत्याशी मोहनलाल बड़ौली के सामने हरिद्वार के श्री राधा कृष्ण धाम के अध्यक्ष सतपाल ब्रह्मचारी को मैदान में उतारकर कांग्रेस ने एक साथ कई तीर साधने की कोशिश की है। इसके जरिए सोनीपत क्षेत्र के ब्राह्मण वोट अब दोनों उम्मीदवारों में बंटेंगे। वहीं सतपाल ब्रह्मचारी को भूपेंद्र सिंह हुड्डा का साथ मिलने से जाट वोटों का ध्रुवीकरण भी उनके पक्ष में हो सकता है। तीसरा, मोहनलाल बड़ौली सोनीपत के राई क्षेत्र से विधायक हैं तो ब्रह्मचारी का रिश्ता भी संसदीय क्षेत्र के सफीदों से रिश्ता है।
लड़ाई को कांग्रेस ने बनाया दिलचस्प
सतपाल के नाम पर कांग्रेस के सभी धड़े एकमत होने से पार्टी को एक करने में मदद मिलेगी। माना जा रहा है कि उनके पक्ष में हरिद्वार से कई दूसरे आश्रम के महंत और संत प्रचार करने सोनीपत आ सकते हैं। वो मूलरूप से जींद के गांगोली के रहने वाले हैं। यह क्षेत्र सफीदों विधानसभा में आने के साथ सोनीपत लोकसभा में भी आता है।
सतपाल ब्रह्मचारी का राजनीतिक सफर
सतपाल ब्रह्मचारी ने 2022 में हरिद्वार विधानसभा सीट पर भाजपा नेता मदन कौशिक के खिलाफ कांग्रेस से चुनाव लड़ा था। हार के बावजूद उन्हें मार्च 2023 में हरिद्वार महानगर कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया गया था। वह राजनीति में 2003 से सक्रिय है, जब वह हरिद्वार नगरपालिका के अध्यक्ष चुने गए थे। इसके बाद 2012 में वह विधानसभा का चुनाव लड़े और हार का सामना करना पड़ा। 2017 में उन्हें टिकट नहीं मिला, इसके बावजूद वह क्षेत्र में सक्रिय रहे और 2022 में उन्हें फिर विधानसभा का टिकट मिला। इस बार उन्होंने सोनीपत लोकसभा का टिकट हासिल कर कांग्रेस में अपनी पकड़ का परिचय दिया है। उन्हें भूपेंद्र सिंह हुड्डा का करीबी माना जाता है। यही कारण है कि उन्हें कई लोगों को पीछे छोड़ते हुए टिकट दिया गया है।
जानें क्या कहता है पिछला नामांकन
साल 2022 में हरिद्वार विधानसभा का चुनाव लड़ते समय उन्होंने अपने नामांकन में जानकारी दी थी कि वह राधाकृष्ण ब्रह्मचारी के शिष्य हैं। उन पर किसी बैंक या संस्था का कोई कर्ज नहीं है और न कोई आपराधिक केस है। उन्होंने ब्रह्मचारी होने के साथ एक वाहन होने की जानकारी दी थी। हालांकि वह हरिद्वार में दो आश्रमों से जुड़े हैं।
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