Sonipat Loksabha Seat: भाजपा को जींद-सोनीपत से तो कांग्रेस को बरोदा-खरखौदा से आस

नरेन्द्र सहारण, सोनीपत : Sonipat Loksabha Seat: जैसे-जैसे पारा बढ़ता जा रहा है, वैसे-वैसे सोनीपत लोकसभा क्षेत्र में राजनीतिक पारा भी अपने रिकार्ड स्तर पर पहुंचता जा रहा है। भाजपा-कांग्रेस अपने तरकश के आखिरी तीर चला रही है। दोनों दलों के स्टार प्रचाकर भीषण गर्मी में गांव-गांव घूमकर अपने-अपने प्रत्याशी को जिताने के जतन कर रहे हैं। 18 मई को गोहाना में प्रधानमंत्री मोदी ने महाविजय संकल्प रैली में भाजपा को जिताने की अपील की। इसके बाद रविवार को पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने खरखौदा, राई, गोहाना विधानसभाओं के दर्जनभर गांवों का दौरा कर कांग्रेस के लिए वोट मांगे। राजनीतिक जानकार बता रहे हैं भाजपा को शहरों तो कांग्रेस को ग्रामीण वोटरों से जीत की उम्मीद है। पिछले आंकड़ों पर गौर करें तो जींद, सोनीपत और गोहाना शहर में भाजपा को लीड की उम्मीद है, वहीं कांग्रेस को बरोदा, खरखौदा के ग्रामीण वोटरों से जीत की आस है।
जींद व सोनीपत शहर में भाजपा को लीड मिलने की उम्मीद
सोनीपत लोकसभा सीट पर भाजपा और कांग्रेस में सीधा मुकाबला माना जा रहा है। पिछले लोकसभा चुनाव के भाजपा की स्थिति जींद शहर के साथ सोनीपत शहर में मजबूत रही थी। लोकसभा क्षेत्र की नौ विधानसभाओं से आठ में भाजपा प्रत्याशी को जीत मिली थी लेकिन इस बार कांग्रेस प्रत्याशी के जींद से होने और ब्राह्मण होने के कारण मुकाबला कांटे का माना जा रहा है। राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार भाजपा को शहरों और कांग्रेस को गांवों में बंपर वोट मिलने की उम्मीद है।
सफीदों और जुलाना के साथ गोहाना, खरखौदा से कांग्रेस को उम्मीद
पिछले लोकसभा चुनाव में भाजपा को जींद, जुलाना व सफीदों के साथ ही सोनीपत, गन्नौर, राई, गोहाना व खरखौदा में भाजपा प्रत्याशी को जीत मिली थी लेकिन इस बार कांग्रेस ने सफीदों हलके के रहने वाले सतपाल ब्रह्मचारी को टिकट दिया है, इसलिए सफीदों और जुलाना हलके के साथ गोहाना, खरखौदा में गांवों में कांग्रेस को जीत की उम्मीद है। वहीं भाजपा को जींद शहर, सोनीपत शहर के साथ राई व गन्नौर में जीत की उम्मीद है क्योंकि राई से भाजपा प्रत्याशी मोहन लाल बड़ौली खुद विधायक हैं और गन्नौर से निर्मल चौधरी भाजपा की विधायक हैं।गोहाना में भाजपा को जीत की उम्मीद है।
यह है मजबूती व कमजोरियां
भाजपा प्रत्याशी मोहन लाल बड़ौली को कांग्रेस प्रत्याशी सतपाल ब्रह्मचारी से एक महीना पहले टिकट मिल गया था। इसके तुरंत बाद से ही बड़ौली ने प्रचार शुरू कर दिया था। वे अब तक लोकसभा क्षेत्र के सभी गांवों के दौरे कर चुके हैं लेकिन ब्रह्मचारी अभी तक सभी गांवों में नहीं पहुंच पाए हैं। वहीं बड़ौली के पक्ष में प्रधानमंत्री मोदी, मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी, पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल, सांसद कार्तिकेय शर्मा व अन्य कई स्टार प्रचार जनसभाएं कर चुके हैं जबकि सतपाल ब्रह्मचारी के पक्ष में सिर्फ भूपेंद्र सिंह हुड्डा, प्रदेश अध्यक्ष उदयभान, हरियाणा प्रभारी दीपक बाबरिया, चार विधायक प्रचार कर रहे हैं। कांग्रेस के स्टार प्रचारक राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, सोनिया गांधी, मल्लिकार्जुन खरगे ने अब तक कोई जनसभा नहीं की है। वहीं भाजपा में मजबूत संगठन होने के कारण पार्टी कार्यकर्ताओं की ड्यूटियां लगाई गई हैं जबकि कांग्रेस में कोई संगठन नहीं होने के कारण कार्यकर्ता या पदाधिकारी चुनाव से दूरी बनाए हुए हैं। एक बार गांव में कार्यक्रम होने के बाद यहां पर छोटे पदाधिकारी प्रचार करने नहीं पहुंच रहे।
ये हैं चुनावी मुद्दे
भाजपा चुनाव को धार्मिक रंग देते हुए सत्य-असत्य, धर्म-अधर्म, देशभक्त-देशद्रोह, आतंकवाद, वोट जिहाद, श्रीराम मंदिर निर्माण, धारा-370 हटाना, तीन तलाक खत्म करना जैसे मुद्दों को उठाकर जनता के बीच जा रही है। वहीं भाजपा विकास और मोदी-मनोहर के 10 साल के कार्यों को गिनवाकर वोट मांग रही है। वहीं कांग्रेस बेरोजगारी, महंगाई और भ्रष्टाचार जैसे प्रमुख मुद्दों को उठा रही है। इसके साथ ही कांग्रेस अपने पांच न्याय और 25 गारंटियों के जरिए किसान, मजदूर, कर्मचारी, व्यापारी, महिला, दलित, पिछड़े समेत हर वर्ग के कल्याण का वादा कर वोट मांग रही है।
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