Telecommunications Bill: उपभोक्ताओं को अनचाही काल से मिलेगी मुक्ति, लोकसभा में किया गया पेश, कई अन्य कड़े प्रावधान

नई दिल्ली, बीएनएम न्यूज। Telecommunications Bill: लंबी चर्चा के बाद तैयार टेलीकाम बिल के प्रविधान उपभोक्ताओं के जीवन को आसान बनाएंगे। अभी दिन में कई बार आप और हम मकान खरीदने से लेकर निवेश करने जैसी कई अनचाही काल रिसीव करते हैं और हम चाहकर भी उनसे निजात नहीं पा रहे हैं। यहां तक कि डू नाट डिस्टर्ब (डीएनडी) सेवा में अनचाही काल को रजिस्टर कराने से भी कोई फायदा नहीं मिलता है, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। उपभोक्ताओं को अनचाही काल से मुक्ति मिलेगी। यही नहीं, किसी भी काल या मैसेज को गैरकानूनी तरीके से इंटरसेप्ट करने पर सजा और जुर्माने का प्रविधान बिल में किया गया है। इसके लिए तीन साल तक की जेल और दो करोड़ रुपये तक का जुर्माना या दोनों हो सकते हैं।

सभी कंपनियों को आनलाइन शिकायत पोर्टल का करना होगा इंतजाम

टेलीकम्युनिकेशंस बिल 2023 सोमवार को लोकसभा में पेश किया गया। सरकार की कोशिश है कि चालू संसदीय सत्र में ही इस बिल को संसद के दोनों सदनों से पारित करा लिया जाए। इसके प्रविधानों के मुताबिक प्रमोशनल काल करने वालों को उपभोक्ताओं से पहले इजाजत लेनी पड़ेगी। अगर वे बिना इजाजत काल करते हैं तो उपभोक्ता उनके खिलाफ शिकायत कर सकता है और काल करने वाली कंपनियों को पहली बार अनचाहे काल पर पचास हजार और उसके बाद इस प्रकार के काल पर दो लाख रुपये का जुर्माना लगेगा। यहीं नहीं, सजा के तौर पर उस कंपनी की संचार सेवा भी बंद की जा सकेगी। टेलीकाम सेवा देने वाली सभी कंपनियों को उपभोक्ता की शिकायत के लिए आनलाइन शिकायत पोर्टल का इंतजाम करना होगा। इसके अलावा सरकार की तरफ से भी एक आनलाइन डिस्प्यूट रिजोल्यूशन (ओडीआर) पोर्टल होगा, जहां उपभोक्ता अपनी शिकायत दर्ज कर सकेगा। अभी अनचाहे काल के खिलाफ उपभोक्ता भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (ट्राई) में शिकायत तो कर सकता है, लेकिन अनचाही या प्रमोशनल काल करने वालों के खिलाफ जुर्माने जैसी कार्रवाई का कोई प्रविधान नहीं है।

देश के लिए किसी भी असुरक्षित उपकरण को सरकार कर सकेगी प्रतिबंधित

इस बिल के कानून बनने के बाद राष्ट्रीय सुरक्षा व संप्रभुता को चुनौती, आपातकाल या विपदा काल जैसी स्थिति में सरकार किसी भी संचार सेवा या नेटवर्क को अस्थायी तौर पर अपने अधिकार में ले सकेगी। इस प्रकार की विशेष परिस्थितियों में टेलीकाम नेटवर्क से प्रसारित होने वाले आडियो-वीडियो संदेश को भी सरकार को देखने या पढ़ने का अधिकार होगा। बिल के प्रविधानों के मुताबिक राष्ट्रीय सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए सरकार किसी भी टेलीकाम उपकरण के आयात या उसके इस्तेमाल पर रोक लगा सकती है। यह चलन अब भी है, लेकिन बिल में यह प्रविधान लाने पर आयात पर रोक को विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) में चुनौती नहीं दी जा सकेगी। प्रतिबंधित उपकरणों के इस्तेमाल पर जेल व जुर्माने का प्रविधान रखा गया है।

साइबर अपराध के खिलाफ जेल व जुर्माने जैसी सख्त कार्रवाई

बिल के प्रविधानों के मुताबिक टेलीकाम उपकरणों को हैक करने जैसे साइबर अपराध के खिलाफ भी जेल व जुर्माने जैसी सख्त कार्रवाई की जाएगी। बिल में टेलीकाम सेवा के लिए लाइसेंसिंग को आसान बनाया गया है। अभी 100 प्रकार से अधिक के लाइसेंस है जिसे खत्म कर क्यूआर कोड से सिर्फ आथराइजेशन लेकर काम किया जा सकेगा। स्पेक्ट्रम के इस्तेमाल को लेकर भी कई प्रकार के सुधार किए गए हैं। एक ही स्पेक्ट्रम का इस्तेमाल विभिन्न सरकारी एजेंसी अलग-अलग काम के लिए कर सकेंगी। टेलीकम्युनिकेशंस बिल से ओवर दि टाप (ओटीटी) प्लेटफार्म को बाहर रखा गया है।

 

 

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