UP News: हनीट्रैप में फंसे कारोबारी की मदद के नाम पर पुलिसकर्मियों पर वसूली का आरोप

गाजियाबाद, बीएनएम न्यूज : Ghaziabad News: मार्च 2023 में कौशांबी थानाक्षेत्र में एक कारोबारी पर दुष्कर्म का गंभीर आरोप लगाते हुए मुकदमा दर्ज किया गया। आरोप लगाने वाली महिला कारोबारी की पूर्व कर्मचारी थी, जिसे उसने नौकरी से निकाल दिया था। यह मामला जल्द ही विवादों से घिर गया, जब सामने आया कि पुलिस ने कारोबारी की गिरफ्तारी और मामले की जांच में अनियमितता बरती और कथित तौर पर कारोबारी के परिवार से लाखों रुपये वसूले। अब इस पूरे प्रकरण में पांच पुलिसकर्मियों पर गंभीर आरोप लगे हैं और जांच चल रही है।
झूठे दुष्कर्म के आरोप में फंसाया
यह मामला तब सामने आया जब वैशाली में एक लॉजिस्टिक फर्म संचालित करने वाले कारोबारी ने आरोप लगाया कि उनकी पूर्व महिला कर्मचारी ने उन्हें झूठे दुष्कर्म के आरोप में फंसा दिया। कारोबारी के अनुसार, महिला को 2018 में उनकी फर्म में नौकरी पर रखा गया था। बाद में, 2021 में, कारोबारी ने महिला पर ईमेल हैकिंग और ऑफिस में स्पाई कैमरे लगाने का आरोप लगाते हुए उसे नौकरी से निकाल दिया। महिला ने इसके दो साल बाद, 2023 में, कारोबारी पर धमकी देकर दुष्कर्म करने का आरोप लगाते हुए दिल्ली के बुराड़ी थाने में मामला दर्ज कराया।
22 सप्ताह की गर्भवती पाई गई
महिला की शिकायत पर दिल्ली पुलिस ने उसका मेडिकल परीक्षण कराया, जिसमें वह 22 सप्ताह की गर्भवती पाई गई। महिला ने दावा किया कि कारोबारी ने 10 मई 2022 से 13 दिसंबर 2022 के बीच चार बार उसके साथ दुष्कर्म किया। इस मामले में दिल्ली पुलिस ने जीरो एफआईआर दर्ज की और केस को गाजियाबाद पुलिस को ट्रांसफर कर दिया। 11 मार्च 2023 को यह मामला कौशांबी थाने में दर्ज किया गया।
रिश्वत देने से इनकार पर गिरफ्तारी
कारोबारी का आरोप है कि उन्हें बचाने के लिए पुलिस ने उनसे पैसे मांगे। विशेष रूप से, जांच अधिकारी रीगल देशवाल पर आरोप है कि उन्होंने कारोबारी से रिश्वत की मांग की। कारोबारी ने रिश्वत देने से इनकार कर दिया, जिसके बाद 19 मार्च को उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया। कारोबारी के वकील विपुल पंवार ने दावा किया कि जेल में रहने के दौरान पुलिसकर्मियों ने कारोबारी की पत्नी से 32 लाख रुपये वसूले। इस दौरान, पुलिस ने कारोबारी के खिलाफ चार्जशीट भी दाखिल कर दी। हालांकि, 19 जून को इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने कारोबारी को जमानत दे दी।
दोबारा जांच की मांग
जेल से बाहर आने के बाद कारोबारी ने पुलिस आयुक्त को मामले की शिकायत दी और कोर्ट से मामले की दोबारा जांच की मांग की। शिकायत के आधार पर ट्रांस हिंडन डीसीपी निमिष पाटिल ने मामले में अनियमितताओं को देखते हुए एक विशेष जांच टीम (एसआईटी) का गठन किया। एसआईटी की जांच के दौरान पाया गया कि महिला ने झूठे आरोप लगाकर कारोबारी को फंसाया और उसके स्वजन ने भी इसमें सहयोग किया। इस पर पुलिस ने कारोबारी की शिकायत पर महिला और उसके परिवार के खिलाफ ब्लैकमेलिंग का केस दर्ज किया और उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।
जांच रिपोर्ट का विवरण
इसके साथ ही, कारोबारी पर लगे दुष्कर्म के आरोप में कोर्ट में अंतिम रिपोर्ट दाखिल कर दी गई। कारोबारी ने मामले की पूरी जानकारी के लिए सूचना का अधिकार (आरटीआई) के तहत जानकारी मांगी। 3 नवंबर को उन्हें जांच रिपोर्ट का विवरण मिला। कारोबारी के वकील ने कहा है कि वे जल्द ही दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करेंगे।
विभागीय जांच चल रही
इस पूरे मामले में तत्कालीन कौशांबी थाना प्रभारी प्रभात दीक्षित, निरीक्षक अनिल कुमार यादव, तत्कालीन थानाध्यक्ष अंकित तरार, और दारोगा रीगल देशवाल समेत निरीक्षक गिर्राज सिंह पर विभागीय जांच चल रही है। इसके अतिरिक्त, एक साइबर विशेषज्ञ करन भारद्वाज को भी आरोपित कर गिरफ्तार किया गया है। आरोपित पुलिसकर्मियों की भूमिका और उनकी कथित वसूली के मामलों की जांच जारी है। डीसीपी ट्रांस हिंडन निमिष पाटिल ने कहा कि जांच पूरी होने के बाद नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी और दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।
इस प्रकरण ने पुलिस प्रशासन की कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं, और यह देखना बाकी है कि जांच के नतीजे क्या साबित करेंगे। अभी के लिए, पूरे मामले पर पुलिस विभाग की कार्रवाई का इंतजार है।