Drone Attack: भारत आ रहे जहाज पर ईरान से हुआ था ड्रोन अटैक, अमेरिकी रक्षा मंत्रालय पेंटागन का बड़ा दावा
वाशिंगटन, एजेंसी: Drone Attack: हिंद महासागर में शनिवार को भारत आ रहे मालवाहक जहाज पर हमला ईरानी ड्रोन से किया गया था। अमेरिका के रक्षा विभाग ने यह दावा किया है। अमेरिकी रिपोर्ट के मुताबिक केम प्लूटो नाम के जहाज पर शनिवार सुबह 10 बजे हमला हुआ था। उस समय जहाज अमेरिका के संपर्क में था। सऊदी अरब से तेल लेकर भारत आ रहा यह जहाज जापान का था और लाइबेरिया के फ्लैग से ऑपरेट हो रहा था। हमले के वक्त जहाज पोरबंदर तट से 217 नॉटिकल मील (समुद्री मील) दूर था। यह इलाका भारत के एक्सक्लूसिव इकोनॉमिक जोन (EEZ) से बाहर पड़ता है।
इधर, ईरान ने अमेरिका के आरोपों का खंडन किया है। ईरान के डिप्टी फॉरेन मिनिस्टर अली बघेरी ने कहा- हूती विद्रोहियों के पास अपने खुद के हथियार हैं, वो खुद अपने फैसले लेते हैं। इसमें हमारा कोई रोल नहीं है। हूती विद्रोही लाल सागर और आसपास के इलाकों में अक्सर जहाजों पर हमले करते हैं। ऐसे में शक जताया जा रहा है कि जहाज पर हमला उन्होंने ही किया।
ICGS Vikram करेगा एस्कॉर्ट
ICGS Vikram को भारत के विशिष्ट आर्थिक क्षेत्र की गश्ती के लिए तैनात किया गया था. जैसे ही कार्गो शिप पर अटैक की खबर मिली तो ICGS Vikram को इसकी ओर बढ़ने के लिए निर्देशित कर दिया गया. डिफेंस अधिकारी के मुताबिक, क्षेत्र के सभी जहाजों को सहायता प्रदान करने के लिए सतर्क कर दिया गया है. उधर, भारतीय तट रक्षक डोर्नियर समुद्री निगरानी विमान ने संकटग्रस्त जहाज एमवी केम प्लूटो के साथ कम्यूनिकेट किया है. ड्रोन हमले की खबर सामने आने के फौरन बाद P-8I सर्विलांस एयरक्राफ्ट ने गोवा स्थित आईएनएस हंसा नौसैनिक हवाई अड्डे से उड़ान भरी थी.
लाल सागर और आसपास हमले कर रहे हूती विद्रोही
दरअसल, इजराइल-हमास जंग शुरू होने के बाद लगातार हूती विद्रोही लाल सागर और उसके आसपास के इलाकों में जहाजों पर हमले कर रहे हैं। हूती विद्रोहियों का कहना है कि जब तक इजराइल गाजा में अपने हमले रोक नहीं देता, वो इजराइल या उससे जुड़े जहाजों पर हमले करते रहेंगे। शनिवार को भारत आ रहा जहाज भी पहले इजराइल से संबंधित बताया गया था।
भारतीय कोस्ट गार्ड जहाज को मुंबई लेकर आ रहा
जहाज पर जब हमला हुआ, तब यह भारत के समुद्र तट से 370 किलोमीटर की दूरी पर था। हमले की जानकारी मिलने के बाद नेवी ने शिप को ट्रैक किया। साथ ही उसे एस्कॉर्ट करने के लिए वॉरशिप भेजा। शनिवार देर रात को मिली जानकारी के मुताबिक ऑयल शिप 11 समुद्री मील प्रति घंटे की रफ्तार से आगे बढ़ रहा है, जिसके 25 दिसंबर को मुंबई पहुंचने की उम्मीद है।
भारत के लिए खतरा!
यह हमला दर्शाता है कि इजरायल और हमास में जारी जंग के बाद बढ़ते क्षेत्रीय तनाव से शिपिंग लेन के लिए भी नया खतरा पैदा हो गया है। चूंकि इजरायल और हमास युद्ध में अभी तक भारत सीधे तौर पर प्रभावित नहीं हुआ है लेकिन गुजरात के पास किए गए इस ड्रोन हमले से भारत की चिंताएं जरूर बढ़ेंगी। आपको बता दें कि ईरानी सरकार और यमन में उसके सहयोगी आतंकवादी बलों ने गाजा में इजरायली सरकार के सैन्य अभियान की सार्वजनिक रूप से आलोचना की है। अरब सागर भारत की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने का एक अहम समुद्री मार्ग का हिस्सा है।