अमेरिका से डिपोर्ट किए गए 116 भारतीयों को लेकर फिर अमृतसर पहुंचा अमेरिकी सैन्य विमान, राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप जारी

अमृतसर, बीएनएम न्यूज : शनिवार की रात अमृतसर के श्री गुरु रामदास जी अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट पर अमेरिका से डिपोर्ट किए गए 116 भारतीयों का एक और जत्था उतरा, जिससे एक बार फिर राजनीतिक विवादों का बवंडर खड़ा हो गया है। अमेरिकी सैन्य विमान सी-17ए रात 11:32 बजे एयरपोर्ट पर उतरा, जिसमें 65 पंजाबी, 33 हरियाणवी, 8 गुजराती, 2-2 उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और राजस्थान के तथा हिमाचल, जम्मू-कश्मीर और गोवा से एक-एक व्यक्ति शामिल थे। इन प्रवासियों की उम्र 18 से 30 वर्ष के बीच बताई जा रही है।
हथकड़ियों में जकड़े गए पुरुष
एयरपोर्ट सूत्रों के अनुसार, सैन्य विमान से वापस भेजे गए लोगों में से केवल पुरुषों को हथकड़ी और बेड़ियों से जकड़ा गया था। इस प्रक्रिया को लेकर पहले भी विवाद हो चुका है, जब पिछली बार अमेरिका से डिपोर्ट किए गए भारतीयों को इसी तरह लाया गया था। इस बार भी, महिलाओं और बच्चों को इस कठोर व्यवहार से अलग रखा गया था।
प्रधानमंत्री पर सवाल, ट्रंप से मुलाकात का कोई असर नहीं?
यह घटना ऐसे समय में हुई है जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मिले थे। इस मुलाकात के दौरान, ऐसी उम्मीद की जा रही थी कि प्रधानमंत्री मोदी भारतीयों को हथकड़ी लगाकर भेजने के मुद्दे को ट्रंप के समक्ष उठाएंगे। हालांकि, शनिवार को अमृतसर में हुई घटना ने इस उम्मीद को धूमिल कर दिया है।
विदेश मंत्री जयशंकर का बचाव
इस मामले पर विपक्ष के हमलों का जवाब देते हुए, विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने संसद में कहा था कि अमेरिका में अवैध प्रवासियों को उनके देश भेजने के लिए यही प्रक्रिया अपनाई जाती है। हालाँकि, इस बार भी, हथकड़ी और बेड़ियों का इस्तेमाल किए जाने पर सवाल उठ रहे हैं।
डिपोर्ट किए गए भारतीयों के लिए व्यवस्था
एयरपोर्ट से डिपोर्ट किए गए भारतीयों को उनके घरों तक पहुंचाने के लिए पंजाब सरकार द्वारा लगभग 15 गाड़ियों का प्रबंध किया गया था। हरियाणा पुलिस का वाहन भी एयरपोर्ट पर मौजूद था। मुख्यमंत्री भगवंत मान और कैबिनेट मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल शाम 4 बजे से ही एयरपोर्ट पर उपस्थित थे। मुख्यमंत्री भगवंत मान ने एयरपोर्ट अथॉरिटी के साथ बैठक भी की।
एयरपोर्ट पर सुरक्षा व्यवस्था
अमेरिकी विमान के आगमन से पहले पुलिस ने बैरिकेडिंग करके एयरपोर्ट के सभी रास्तों को बंद कर दिया था, ताकि किसी भी अप्रिय घटना से बचा जा सके।
भगवंत मान का केंद्र सरकार पर निशाना
डिपोर्ट किए गए लोगों के अमृतसर एयरपोर्ट पर आने से पहले, मुख्यमंत्री भगवंत मान ने मीडिया से बात करते हुए केंद्र सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने इस घटना को केंद्र सरकार की “साजिश” करार दिया और कहा कि पंजाब और पंजाबी लोगों को बदनाम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अमेरिकी सैन्य विमान को दिल्ली या अहमदाबाद या देश के किसी भी अन्य एयरपोर्ट पर उतारा जा सकता था, लेकिन अमृतसर को चुना गया।
ट्रैवल एजेंटों के खिलाफ कार्रवाई की चेतावनी
मुख्यमंत्री मान ने ट्रैवल एजेंटों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की बात कही। उन्होंने कहा कि एजेंटों के खिलाफ केस दर्ज किए जाएंगे और उनसे डिपोर्ट हुए लोगों से ली गई रकम भी वसूल की जाएगी।
पंजाब सरकार की सहायता का वादा
मुख्यमंत्री मान ने यह भी कहा कि अगर डिपोर्ट हुए लोग पंजाब में रहकर अपनी योग्यता के अनुसार काम करना चाहते हैं, तो सरकार उनकी मदद करेगी। वे प्रतियोगी परीक्षाएं पास कर सरकारी नौकरी भी प्राप्त कर सकते हैं।
प्रधानमंत्री मोदी की आलोचना
मुख्यमंत्री मान ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भी सवाल उठाए और कहा कि उन्हें यह मुद्दा अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के सामने उठाना चाहिए था, ताकि भारतीयों को जंजीरों में जकड़कर स्वदेश न लौटना पड़े।
अमृतसर को डिपोर्टेशन सेंटर बनाने का विरोध
मुख्यमंत्री मान ने अमृतसर जैसे सीमावर्ती जिले में अमेरिका का सैन्य विमान उतारने को देश के लिए खतरा बताया। उन्होंने कहा कि पवित्र शहर को डिपोर्टेशन सेंटर नहीं बनाया जाना चाहिए। उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा कि यदि भारत सरकार इन लोगों का सम्मान करती, तो अपना विमान भेजकर उन्हें सम्मानपूर्वक वापस लाती।
केंद्रीय रेल राज्यमंत्री रवनीत बिट्टू का पलटवार
एयरपोर्ट पर पत्रकारों से बात करते हुए, केंद्रीय रेल राज्यमंत्री रवनीत बिट्टू ने मुख्यमंत्री भगवंत मान पर पलटवार किया। उन्होंने मान पर “कबूतरबाजी” का आरोप लगाया, जो अवैध रूप से विदेश भेजने के धंधे के लिए इस्तेमाल होता है।
पंजाब सरकार पर आरोप
बिट्टू ने मांग की कि पंजाब सरकार अमेरिका से भेजे जा रहे सभी पंजाबियों को सरकारी नौकरी दे। इसके अलावा, उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार को उन भारतीयों द्वारा अमेरिका जाने में खर्च की गई राशि भी लौटानी चाहिए। बिट्टू ने इस घटना को भगवंत मान सरकार की “नाकामी” करार दिया।
पहले भी आए थे डिपोर्ट किए गए भारतीय
यह पहली बार नहीं है जब अमेरिका से भारतीयों को डिपोर्ट करके वापस भेजा गया है। इससे पहले 5 फरवरी को भी अमेरिका से 104 भारतीय डिपोर्ट किए गए थे। उस समय भी इस घटना को लेकर विवाद हुआ था।
आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी
इस घटना के बाद राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है। विपक्षी पार्टियाँ केंद्र सरकार पर निशाना साध रही हैं और पंजाब सरकार को इस मामले में निष्क्रिय बता रही हैं। वहीं, पंजाब सरकार केंद्र सरकार पर पंजाब को बदनाम करने का आरोप लगा रही है।
अवैध प्रवास का मुद्दा
यह घटना अवैध प्रवास की गंभीर समस्या को उजागर करती है। बड़ी संख्या में भारतीय बेहतर जीवन की तलाश में अमेरिका जाने की कोशिश करते हैं, लेकिन अक्सर अवैध तरीकों का सहारा लेते हैं। ऐसे में, उन्हें डिपोर्ट किए जाने का खतरा बना रहता है।
सरकार की प्रतिक्रिया
केंद्र सरकार और राज्य सरकार दोनों ही इस मामले पर नज़र बनाए हुए हैं। सरकार इस समस्या से निपटने के लिए कदम उठाने की बात कर रही है, लेकिन अभी तक कोई ठोस योजना सामने नहीं आई है।
आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी
अमेरिका से डिपोर्ट किए गए भारतीयों का मुद्दा एक जटिल समस्या है, जिसमें मानवाधिकारों, राजनीतिक संबंधों और अवैध प्रवास जैसे कई पहलू शामिल हैं। अमृतसर एयरपोर्ट पर हुई ताजा घटना ने इस मुद्दे को फिर से सुर्खियों में ला दिया है। यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि सरकारें इस मामले पर कैसे प्रतिक्रिया देती हैं और इस समस्या के समाधान के लिए क्या कदम उठाती हैं। इस मामले में राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी रहेगा और डिपोर्ट किए गए भारतीयों के भविष्य पर भी इसका असर पड़ेगा।