Utpanna Ekadashi 2023: उत्पन्ना एकादशी आज, जानिए इसका महत्व, पूजा विधि और पौराणिक कथा
नई दिल्ली, BNM News: Utpanna Ekadashi 2023: हिंदू धर्म में उत्पन्ना एकादशी का खास महत्व माना गया है। इस दिन भक्त भाव और समर्पण के साथ भगवान विष्णु की आराधना करते हैं। जो लोग इस दिन पूरे मन से व्रत करते हैं और विधि विधान से पूजा करते हैं उनकी परेशानियों का अंत हो जाता है और भगवान विष्णु का आशीर्वाद भी मिलता है। इस बार उत्पन्ना एकादशी 8 दिसंबर यानी आज मनाई जा रही है। कहते हैं कि उत्पन्ना एकादशी की उपासना के साथ इस एकादशी की कथा भी सुननी चाहिए।
उत्पन्ना एकादशी महत्व (Importance of Utpana Ekadashi)
शास्त्रों के अनुसार जो मनुष्य उत्पन्ना एकादशी को उपवास करता है। वह वैकुण्ठधाम में जहां साक्षात गरुणध्वज विराजमान हैं,जाता हैं। जो मनुष्य एकादशी माहात्म्य का पाठ करता हैं,उसे सहस्त्र गोदानों के पुण्य का फल प्राप्त होता हैं। इस व्रत को करने से धर्म और मोक्ष की प्राप्ति होती है। मान्यता है कि इस व्रत के फलस्वरुप मिलने वाले फल अश्वमेघ यज्ञ, कठिन तपस्या, तीर्थों में स्नान-दान आदि से मिलने वाले फलों से भी अधिक होते है।
उत्पन्ना एकादशी पूजाविधि (Utpanna Ekadashi Pujan Vidhi)
उत्पन्ना एकादशी व्रत कथा (Utpanna Ekadashi 2023 Vrat Katha in Hindi)
पौराणिक कथा के अनुसार, एक बार भगवान विष्णु और मुर नामक राक्षस के बीच युद्ध हुआ. युद्ध के दौरान जब भगवान विष्णु को थकान महसूस हुई तो वे बद्रिकाश्रम में एक गुफा में जाकर आराम करने लगे और विश्राम करते हुए उन्हें गहरी नींद आ गई। उधर भगवान विष्णु का पीछा करते हुए मुर राक्षस भी बद्रिकाश्रम पहुंच गया. उसने देखा भी विष्णु जी तो नींद में हैं। इसके बाद उसने विष्णु जी को नींद में मारना चाहा। लेकिन अचानक भगवान विष्णु के शरीर से एक दिव्य ज्योति प्रकट हुई जिससे एक देवी प्रकट हुई और इसी देवी ने मुर का वध कर भगवान विष्णु के प्राण बचाए।
भगवान विष्णु इस देवी से बहुत प्रसन्न हुए। भगवान बोले- देवी तुम्हारी उत्पत्ति मेरे शरीर से मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी को हुई है। इसलिए तुम्हारा नाम ‘एकादशी’ होगा। आज से इस एकादशी पर मेरे साथ तुम्हारी भी पूजा होगी। इसलिए जो लोग उत्पन्ना एकादशी के दिन विधि-विधान से व्रत-पूजा करता है उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती है और धन-संपत्ति का सुख मिलता है।