vaikunth ekadashi: वैकुंठ एकादशी पर इस विधि से करें श्री हरि विष्णु की पूजा, जानें शुभ मुहूर्त और पारण समय
नई दिल्ली, BNM News: Vaikunth Ekadashi 2023: मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष में वैकुंठ एकादशी 2023 23 दिसंबर 2023 को मनाई जा रही है। यह धर्मनिष्ठ हिंदुओं के लिए एक बहुत ही महत्वपूर्ण उत्सव है। इस शुभ दिन पर भगवान विष्णु या श्रीनिवास को समर्पित मंदिरों का दौरा करना और भगवान श्रीमन्नारायण की कृपा और परोपकार की तलाश में वैकुंठ द्वार से गुजरना जरूरी है। वैकुंठ और कुछ नहीं बल्कि भगवान विष्णु का निवास है और वैष्णवों का मानना है कि यह 108वां दिव्यदेसम क्षेत्र है। हिंदू धर्म में इस एकादशी को बेहद महत्वपूर्ण माना गया है। वैकुंठ एकादशी का व्रत और विधि-विधान से पूजा करने से भगवान विष्णु के धाम वैकुंठ के द्वार खुलते हैं।
वैकुंठ एकादशी की पूजा विधि और मुहूर्त ( Vaikuntha Ekadashi Muhurt)
वैकुण्ठ एकादशी इस साल 22 और 23 दिसंबर 2023 दोनों को मानी गई है। वैष्णव संप्रदाय के लोग 23 दिसंबर 2023, शनिवार यानी कि आज मना रहे हैं। पंचांग के अनुसार
एकादशी तिथि आरंभ: 22 दिसम्बर 2023, प्रातः 08:16 बजे से
एकादशी तिथि समाप्त: 23 दिसम्बर 2023, प्रातः 07:11 बजे तक
वैकुंठ एकादशी का पारण समय: 24 दिसंबर 2023, प्रातः 06: 33 मिनट- से प्रातः 8: 52 मिनट तक है।
वैकुंठ एकादशी व्रत पूजा विधि (Vaikuntha Ekadashi Puja vidhi )
- वैकुंठ एकादशी की सुबह स्नान के बाद व्रत का संकल्प लें।
- अब गंगा जल से भगवान का अभिषेक करें।
- अभिषेक के बाद तुलसी दल, तिल, फूल, पंचामृत से भगवान नारायण की विधि विधान से पूजा करें। ‘
- वैकुंठ एकादशी का व्रत निर्जला रखें।
- यदि ऐसा संभव ना हो पाए तो शाम को दीपदान करने के पश्चात फलाहार कर सकते हैं।
- अगले दिन जरूरतमंद व्यक्ति को भोजन कराएं, दान दें और इसके बाद पारण करें।
वैकुंठ एकादशी के दिन श्रध्दालु रात भर जागरण करते हैं और भगवान विष्णु के नाम का जाप करते हैं। यह त्यौहार देश के सभी वेंकटेश्वर मंदिरों में मनाया जाता है। ज्योतिष के अनुसार जो इस एकादशी व्रत करते हैं उन्हें स्वर्ग की प्राप्ति होती है। वैकुंठ एकादशी का व्रत अगर पूरी श्रध्दा के साथ किया जाए तो नकारात्मक विचार से मुक्ति मिल जाती है और ऐसे लोगों पर विष्णु भगवान की कृपा हमेशा बनी रहती है। यह व्रत करने से व्यक्ति को जन्म-मृत्यु के चक्र से मुक्ति मिलती है और वह वैकुंठ धाम में स्थान पाता है। इसलिए वैकुंठ एकादशी को मुक्कोटी एकादशी भी कहते हैं। साथ ही यह व्रत करने वाले लोगों पर भगवान विष्णु की हमेशा कृपा रहती है।