WFI Suspended: तीन दिन बाद ही संजय सिंह पर गिरी गाज, निलंबित करने के पीछे खेल मंत्रालय ने बताई ये वजह
नई दिल्ली, BNM News: WFI Suspended: खेल मंत्रालय ने भारतीय कुश्ती संघ के खिलाफ कड़ा फैसला लिया है। मंत्रालय ने हाल में संजय सिंह के नेतृत्व में चुने गए नए कुश्ती संघ को निलंबित कर दिया। संजय सिंह भाजपा सांसद बृजभूषण सिंह के करीबी है। वे गुरुवार को कुश्ती संघ के अध्यक्ष चुने गए थे। संजय सिंह इससे पहले उत्तर प्रदेश कुश्ती संस्था के उपाध्यक्ष रह चुके हैं। वे 2019 से WFI की अंतिम कार्यकारी परिषद का हिस्सा थे।
ताजपोशी के तीन दिन बाद ही संजय सिंह पर क्यों गिरी गाज?
नए कुश्ती संघ ने हाल में जूनियर नेशनल चैंपियनशिप गोंडा में कराने का ऐलान किया था। खेल मंत्रालय की ओर से कहा गया कि यह फैसला WFI के संविधान के प्रावधानों का पालन किए बिना अनुमति के किया गया था। खेल मंत्रालय ने बयान में कहा, WFI के नवनिर्वाचित कार्यकारी निकाय द्वारा लिए गए फैसले WFI के प्रावधान और नेशनल स्पोर्ट्स डेवलेपमेंट कोड का उल्लंघन हैं। ऐसे फैसले कार्यकारी समिति द्वारा लिए जाते हैं, जिसके समक्ष एजेंडे को विचार के लिए रखा जाना जरूरी होता है। इन फैसलों में नए अध्यक्ष की मनमानी दिखाई देती है, जो सिद्धांतों के खिलाफ है। एथलीटों, शेयर होल्डरों और जनता के बीच विश्वास बनाना अहम है।
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खेल संहिता की अनदेखी
खेल मंत्रालय ने कहा कि ऐसा लगता है कि नया कुश्ती संघ खेल संहिता की अनदेखी करते हुए पिछले पदाधिकारियों के नियंत्रण में है, जिनके खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए गए थे। इतना ही नहीं, मंत्रालय ने कहा कि फेडरेशन का कामकाज पूर्व पदाधिकारियों द्वारा नियंत्रित परिसर से चलाया जा रहा है। इन पर खिलाड़ियों के कथित यौन उत्पीड़न का आरोप लगा है और वर्तमान में कोर्ट इस मामले की सुनवाई कर रही है।
संजय सिंह की जीत के बाद साक्षी मलिक ने लिया था संन्यास
संजय सिंह के अध्यक्ष बनने के बाद से विवाद बढ़ता जा रहा था। रेसलर साक्षी मलिक ने संजय सिंह को बृजभूषण सिंह का करीबी बताते हुए संन्यास का ऐलान किया था। साक्षी ने कहा था, पहलवानों की लड़ाई भाजपा सांसद और कुश्ती संघ के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण सिंह के खिलाफ थी। हम चाहते थे कि फेडरेशन से उसका कब्जा खत्म हो जाए। सरकार से हमारी बात भी हुई थी कि किसी महिला को फेडरेशन का अध्यक्ष बनाया जाए, ताकि महिला पहलवानों के शोषण की शिकायतें न आएं, सरकार ने हमारी मांग को स्वीकार करने का आश्वासन भी दिया था, लेकिन नतीजा सबके सामने है। बृजभूषण का दाहिना हाथ और बिजनेस पार्टनर संजय सिह ही फेडरेशन का अध्यक्ष बन गया है। ऐसे में कुश्ती संघ के साथ कैसे खेल सकते हैं।
बजरंग ने लिखा था पीएम मोदी को पत्र
इसके बाद बजरंग पुनिया ने भी संजय सिंह के अध्यक्ष बनने के विरोध में पद्मश्री लौटाने का फैसला किया। उन्होंने पीएम मोदी को पत्र भी लिखा था। बजरंग पुनिया, साक्षी और विनेश के साथ बृजभूषण के खिलाफ मोर्चा खोलने वाले पहलवानों में शामिल थे। इन तीनों पहलवानों के नेतृत्व में ही कई पहलवानों ने बृजभूषण के खिलाफ जंतर मंतर पर प्रदर्शन किया था। इन पहलवानों ने बृजभूषण पर महिला पहलवानों का यौन उत्पीड़न करने का आरोप लगाया था। इस मामले में दिल्ली पुलिस ने बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। खेल मंत्रालय की दखल के बाद पहलवानों ने प्रदर्शन खत्म किया था। उस समय खेल मंत्रालय ने कुश्ती संघ की पूरी ईकाई को भंग कर दिया था। इसके बाद कुश्ती संघ के चुनाव हुए। खेल मंत्रालय ने खिलाड़ियों को आश्वासन दिया था कि चुनाव में बृजभूषण के परिवार से कोई भी नहीं लड़ेगा।